बीमा और निवेश अलग अलग हैं, समझिये..

कल पद्म जी ने फ़ेसबुक पर लिखा –

खुशखबरी…
बजाज एलाइंज मे एक यूलिप की योजना तीन साल पहले ली थी… तीस हज़ार जमा कर चुका हूँ और मेरा पैसा तीन साल बाद 27 हज़ार हो गया है… अब

यूलिप लेने वाले अधिकतर लोगों के साथ यही कहानी होगी, क्यों सही कह रहा हूँ ना, क्योंकि यूलिप में पहले तीन वर्षों में मोर्टेलिटी चार्जेस ज्यादा होते हैं तो आपकी जमा की गई रकम कम जमा होती है, यकीन ना हो तो अपने पिछले तीन वर्षों के स्टेटमेंट पर नजरें दौड़ा लें, और बीमा अभिकर्ता को पहले तीन वर्षों में ज्यादा कमीशन मिलता है, इसीलिये आपने हमेशा बीमा अभिकर्ता को ये कहते सुना होगा कि केवल पहले तीन वर्षों तक ही पैसा भरिये फ़िर कोई नई स्कीम ले लेंगे।

    हम पद्म जी की यूलिप कि बात करते हैं, जैसा कि उन्होंने लिखा है कि पिछले तीन वर्षों में तीस हजार जमा कर चुके हैं परंतु अब पैसा २७ हजार हो गया है, अब तो कुछ किया नहीं जा सकता पर इस यूलिप से होने वाले रिटर्न की गणना कीजिये और देखिये कि इसमें आगे बने रहना क्या लाभदायक है ?

    १० हजार वार्षिक जमा करने के बाद भी बीमा कितना मिला होगा, ज्यादा से ज्यादा २ लाख रूपये का, इससे ज्यादा तो नहीं मिला होगा।

    हमेशा गांठ बांधकर रखें कि बीमा और निवेश दो अलग अलग चीजें हैं, इसलिये बीमा और निवेश को आपस में उलझने ना दें।

    अगर इसी दस हजार वार्षिक को इस तरह से निवेश किया जाता तो पैसा भी ३० हजार से ज्यादा होता और बीमित भी ज्यादा रकम से होते।

    अगले दस वर्षों के लिये अगर देखा जाये तो ५ लाख का टर्म बीमा अगले दस सालों के लिये लगभग २००० रूपये में मिल जाता जिसका कोई रिटर्न उन्हें नहीं मिलता, यह राशि हमने ३६ वर्ष मानकर गणना की है।

    और बाकी का 8000 रूपया अगर 700 रूपया महीने के हिसाब से जुलाई 2008 में HDFC Top 200 Growth में SIP से निवेश किया जाता तो इस जुलाई में यह SIP की रकम लगभग 36,153 रूपये हो गई होती।
निम्न तालिका देखें।

 Date NAV (Rs.) Amount (Rs.) Units Accrued Value (Rs.)
01-07-2008 111.825 700 6.2598 700
01-08-2008 126.743 700 11.7828 1493.39
01-09-2008 129.16 700 17.2024 2221.86
01-10-2008 120.227 700 23.0247 2768.19
03-11-2008 95.928 700 30.3218 2908.71
01-12-2008 84.587 700 38.5973 3264.83
01-01-2009 94.479 700 46.0064 4346.64
02-02-2009 85.752 700 54.1695 4645.14
02-03-2009 82.213 700 62.684 5153.44
01-04-2009 93.541 700 70.1673 6563.52
04-05-2009 113.162 700 76.3531 8640.27
01-06-2009 140.372 700 81.3398 11417.8
01-07-2009 145.276 700 86.1582 12516.7
03-08-2009 158.221 700 90.5824 14332
01-09-2009 157.155 700 95.0366 14935.5
01-10-2009 171.852 700 99.1099 17032.2
03-11-2009 162.803 700 103.41 16835.4
01-12-2009 178.983 700 107.321 19208.6
04-01-2010 181.428 700 111.179 20171
01-02-2010 173.925 700 115.204 20036.8
02-03-2010 176.554 700 119.168 21039.7
01-04-2010 184.923 700 122.954 22737
03-05-2010 186.819 700 126.701 23670.1
01-06-2010 181.953 700 130.548 23753.6
01-07-2010 192.971 700 134.175 25891.9
02-08-2010 201.717 700 137.646 27765.4
01-09-2010 207.327 700 141.022 29237.6
01-10-2010 227.948 700 144.093 32845.6
01-11-2010 229.976 700 147.137 33837.9
01-12-2010 226.017 700 150.234 33955.4
03-01-2011 226.586 700 153.323 34740.8
01-02-2011 202.436 700 156.781 31738.1
01-03-2011 204.031 700 160.212 32688.2
01-04-2011 214.836 700 163.47 35119.2
02-05-2011 213.073 700 166.755 35531.1
01-06-2011 210.437 700 170.082 35791.5
01-07-2011 211.831 700 173.386 36728.6
28-07-2011 208.512 173.386 36153.1

11 thoughts on “बीमा और निवेश अलग अलग हैं, समझिये..

  1. यही मेरा हाल है. अविवा में सालाना बीस हज़ार दे रहा हूँ तीन साल से और उम्मीद नहीं है कि पांच साल बाद एक लाख भी पूरे मिल जायेंगे. इतना रुपया पोस्ट ऑफिस में डालता तो कुछ तो मिलता!
    अब कान पकड़ लिए हैं कि किसी एजेंट के बहकावे में नहीं आऊँगा.
    ये एजेंट लोग अपने सगे-सम्बन्धियों को तो छोड़ देते हैं न? या उन्हें भी अपने कमीशन के लालच में बुरी स्कीम में फंसा देते हैं? ऐसे क्यों होते हैं ये लोग? क्या इन्हें यह नहीं लगता कि लोग इनसे धोखा खाने के बाद इन्हें ज़िंदगी भर गालियाँ देंगे और उनकी दस जगह बुराई भी करेंगे?
    आपकी बाकी बातें भी सही हैं.

    1. Hamne bhi LIC ki Money plus policy me 3 year me 45000 rupaye jama kiya 2 year ke baad hamko doubble yani 90000 rupaye milne ko kaha gaya tha, jab hamare account me rakam pahuchi to wo keval 43000 rupaye thi. LIC ho ya private company sub froad karti-karwati hain.

  2. एजेंट तो किसी भी तरीके से फंसा लेते हैं, शुरू में बहुत लोग फंस जाते हैं।

    वैसे निवेश के लिये सबसे बढ़िया क्या होता है जी?

  3. आभार सूचनार्थ .वैसे अपुन तो सेवा -निवृत्त हो लिए कर लिए जो करना था अब तो बस घुमक्कड़ी है पेंशन भरोसे .और भैया ये जवानी का उछालना -इशक पर जोर नहीं .

  4. विवेक जी ये ग़लती मैं भी कर चुका हूं!

    कोई एजेंट इस चार्जेज के बारे में नहीं बताता और सच में वह तीन साल के बाद उसे बंद कर देने को बोलता है।

  5. नहीं विवेकजी! नहीं। आपका यह कहना बिलकुल ही सही नहीं है कि एजेण्‍ट को पहले तीन वर्षों में अधिक कमीशन मिलता है इसलिए वह प्रथम तीन वर्षों की प्रीमीयम जमा कराने में को कहता है।

    वस्‍तुत: यूलिप पॉलिसी सहित (भारतीय जीवन बीमा निगम की)किसी भी पॉलिसी में, प्रथम तीन वर्षों की प्रीमीयम जमा कराने के बाद लोन लेने की या आंशिक/पूर्ण आहरण की पात्रता मिल जाती है। (पहले सरकार द्वारा निर्धारित लॉक-इन पीरीयड तीन वर्ष था इसलिए पूर्ण आहरण सम्‍भव था। अब यह अवधि बढा कर पॉंच वर्ष कर दी गई है।) एजेण्‍ट अधूरी बात बताता है। उसे साफ-साफ कहना चाहिए कि प्रथम तीन वर्षों की प्रीमीयम अपनी जेब से जमा कराने के बाद चौथे वर्ष (और उसके बाद के वर्षों) की प्रीमीयम जमा कराने के लिए उपलब्‍ध पॉलिसी फण्‍ड में से किश्‍त की रकम के बराबर रकम का आंशिक आहरण लेकर प्रीमीयम जमा करा दे और इसी प्रकार आगे भी जमा कराता रहे।

    कृपया अपनी जानकारी में यह भी शामिल कर लें कि भारतीय जीवन बीमा निगम की (एकल प्रीमीयम वाली पॉलिसी को छोड कर) किसी भी यूलिप पॉलिसी में प्रथम वर्ष सामान्‍यत: 10 प्रतिशत कमीशन मिलता है और शेष वर्षों के लिए 2-3 प्रतिशत।

    एकल प्रीमीयम वाली प्रत्‍येक पॉलिसी में यह कमीशन 2 प्रतिशत होता है।

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