Monthly Archives: April 2007

क्या है प्रेम की वाइल्ड वाणी

पुरुष किसी महिला से साथ तभी तक खुश रह सकता है, जब तक वह उसके प्रेम में न पडे़।

रोमांस का आरंभ कभी भी, कभी भी,भावुकता से नहीं होना चाहिए । आरंभ में समझदार होना चाहिए, अंत में भावुक।

औरतों को हमारी कमजोरियों से प्यार होता है। उनकी निगाह में हमारी हर कमजोरी माफ़ है, यहाँ तक कि अक्ल भी।

औरत दूसरा विवाह करती है कि उसे पहले पति से नफ़रत थी, मर्द इसलिए कि वह पहली पत्नी का दीवाना था। शादी में औरत अपनी तकदीर आजमाती है, मर्द दांव पर लगाते हैं। हर मर्द औरत का पहला प्यार होना चाहता है, औरत मर्द का आखिरी ।

आभार : अहा! जिंदगी

कुछ अनुत्तरित प्रश्न भगवान के, दीन दुनिया के, व्यवहारिकता के …

भगवान है या नहीं, भगवान को किसी ने देखा है, हम भगवान के पास क्यों जाते हैं, भगवान क्या है, भगवान कैसा होता है…
क्या किसी को पता है, क्या कोई जानता है, कोई है जो बताये कि दुख में ही क्यों भगवान को याद करते हैं और सुख में या अच्छे दिनों में क्यों नहीं, सब कहते हैं कि अच्छा करो अच्छा होगा बुरा करो बुरा होगा क्या किसी ने ऐसा देखा है, पुरानी कहावत है भगवान के घर देर है अंधेर नहीं, भगवान की लाठी में आवाज नहीं होती ।

यह सब बातें कहने में अच्छी लगती हैं पर वास्तविकता क्या है पता नहीं कृप्या मार्गदर्शन करें।