उम्र बढ़ती जाती है और यह जीवन चक्र का निश्चित क्रम है। लेकिन मुख्य प्रश्न यह है कि हम अपनी उम्र के साथ बढ़ते हुए कैसे कम से कम दवाइयों और डॉक्टरी सुख सुविधाओं को लेते हुए आगे बढ़ें। हममें से अधिकतर लोग स्वास्थ्य बीमा में बहुत सा पैसा खर्च करते हैं, लेकिन हममें से ऐसे कितने लोग हैं जो स्वास्थ्य ठीक रखने के लिए पैसा खर्च करते हैं। हम लोगों ने यह मान लिया है और यह समझ लिया है कि उम्र बढ़ने के साथ में बीमारियाँ और दर्द आते जायेंगे। तो यहाँ हम बात करेंगे कि किस प्रकार से अपने स्वास्थ्य का ध्यान रखें और जब उम्र बढ़ती है तो अपने जीवन चक्र में क्या क्या ध्यान रखें। ऐसे ही अपनी उम्र बढ़ने से रोकने के उपाय पर हम बात करते हैं। Continue reading अपनी उम्र बढ़ने से रोकने के उपाय
Monthly Archives: May 2018
असहज परिस्थितियों को कैसे संभालें How to manage the bad situations
सत्य यही है कि दुनिया में कोई भी सर्वगुण संपन्न नहीं है और यह भी उतना ही सत्य है कि हर कोई कभी ना कभी कोई ना कोई गलती करता ही है। और मजा तो तब आता है जब आप किसी ऑफिस में काम करते हो और इसी प्रकार की किसी परिस्थिति से आप कम से कम एक बार या एक से अधिक बार रोज ही रूबरू होते हैं। Continue reading असहज परिस्थितियों को कैसे संभालें How to manage the bad situations
क्या मैं रिस्क याने कि जोखिम लूँ !!
पूरे ब्लॉग में जोखिम को रिस्क (Risk) ही पढ़ें, आजकल सभी लोग रिस्क शब्द को समझते ही हैं।
पूरा जीवन ही आजकल केलकुलेटेड रिस्क है और किसी भी समय किसी असफलता वाले काम में सफलता भी मिल सकती है तो आपको ऐसा क्या रोकता है कि आप रिस्क नहीं लेना चाहते। Continue reading क्या मैं रिस्क याने कि जोखिम लूँ !!
500 में से 499 नंबर वाह
आज बारहवीं कक्षा का परीक्षाफल आया और उसमें एक प्रतिभावान छात्र ने 500 में से 499 नंबर लाकर दिखाये। समाज को, परिवार को, दोस्तों को उस छात्र पर नाज होगा और होना ही चाहिये। यहाँ आज इस ब्लॉग में मेरा इस विषय पर लिखने का मकसद कुछ और है। हर वर्ष ऐसे कई प्रतिभावन छात्र होते हैं, जिनके पास बेहतरीन दिमाग होता है और वे अपने क्षैत्रों में अव्वल आते हैं। परंतु फिर भी भारत में से ये लोग जाते कहाँ है, जब बारहवीं में 499 नंबर आये हैं तो आगे भी परीक्षाओं में वे लोग बेहतर ही करेंगे, यह तो तय है। फिर ये सब लोग न वैज्ञानिक बने दिखाई देते हैं, न ही उद्यमी, जिससे भारत का नाम रोशन हो। Continue reading 500 में से 499 नंबर वाह
बारिश, अल्लू अर्जुन और फेसबुक ट्विटर
कल ऑफिस पहुँचे तो उसके बाद जो बारिश शुरू हुई, तो शाम को घर आने तक चलती ही रही। आने में तो हम रैनकोट पहनकर आये, परंतु फिर भी थोड़ा बहुत भीग लिये थे। घरपर निकलने के पहले ही फोन करके कह दिया था कि आज शाम को तो पकौड़ा पार्टी करेंगे, और बरसात का आनंद लेंगे। घर पहुँचे थोड़ा बहुत ट्रॉफिक था, पर 18 किमी बाईक से चलने में डेढ़ घंटा लगना मामुली बात है। कार से जाना नामुनकिन जैसा है, पहले तो दोगुना समय लगेगा और फिर पार्किंग नहीं मिलेगी, एक बार गये थे तो तीन घंटे जाने में लगे थे, पार्किंग नहीं मिली थी तो घर पर आकर वापिस से पार्किंग करनी पड़ी थी। जिसको बताया वो हँस हँसकर लोटपोट था कि तुमने कार से जाने की हिम्मत कैसे जुटाई। Continue reading बारिश, अल्लू अर्जुन और फेसबुक ट्विटर