कनाट प्लेस में तैनात कमांडो (commando) और हमारी आत्मीयता

हम पिछले एक महीने से कमांडोज को पालिका बाजार के पास तैनात देख रहे हैं और सोचते हैं कि कितना मुश्किल काम करते हैं ये लोग। भरी दोपहर बुलेटप्रूफ़ पहनकर और भारी बंदूक लेकर अपनी ड्यूटी बजा रहे हैं केवल इसलिये कि हम लोग सुरक्षित रहें। इनकी ड्यूटी २४ घंटे रहती है।

 

जब रात को हम अपने ओफ़िस से निकलते हैं और आटो वाले से भावताव करते हैं, आटो वाले हमेशा ज्यादा पैसा मांगते हैं तो हम उनसे कहते हैं कि भैया चाकू दिखाकर लूटो ऐसे जबान से क्यों लूट रहे हो इसमें तो ये कमांडो भी हमारी मदद नहीं कर पायेंगे अगर चाकू दिखाओगे तब ये लोग हमारी मदद करेंगे। इस तरह से हमारी तो आत्मियता बन गई है इन कमांडोज के साथ।

 

कमांडोज अपना बुलेटप्रूफ़ और हथियार अपने साथ रखकर हमेशा युद्ध के लिये तैयार रहते हैं सलाम है मेरा उनके जज्बे को और हिम्मत को और उनके परिवार को।

9 thoughts on “कनाट प्लेस में तैनात कमांडो (commando) और हमारी आत्मीयता

  1. इन कमांडोज को सलाम साथ ही उन किसानों को भी सलाम जो इसी तरह की तपती धूप में खेतों में काम कर हमारे लिए अनाज उगाते है |

  2. ये कमांडो ही क्यूँ बहुत से पुलिस और फौजी जवान भी इन्ही स्थितियों में जी रहे है ,पर इनका वेतन उस मुकाबले बहुत कम है…!इनके जज्बे को सलाम…

  3. भाई ये कमांडो , पुलिस, फौजी जवान ओर हमारे किसान हम सब के लिये कितनी मेहनत करते है, ओर इस के बदले इन्हे क्या मिलता है????
    सलाम है मेरा इन सब को.
    धन्यवाद

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