irctc.co.in रेल्वे का मिला जुला खेल या इस सरकारी तंत्र के पास संसाधनों Infrastructure की कमी

हम irctc.co.in साईट का उपयोग करते ही रहते हैं क्योंकि हम या हमारे घर में से या फ़िर हमारे किसी न किसी परिचित का टिकिट हम करवाते ही रहते हैं। इस पर भी बहुत बड़ा खेल चल रहा है कहने को तो इंटरनेट के जरिये बहुत ही अच्छी सुविधा मुहैया करवा दी है परंतु अभी भी इसमें बहुत सारे झोल हैं। जिससे irctc या रेल्वे संसाधनों की कमी बताकर तो हाथ नहीं झाड़ सकती है। और जो भी यात्री इंटरनेट से टिकिट करवाते हैं उनके लिये तो कुछ विशेष

छूट होनी चाहिये क्योंकि इससे उनका मेनपावर बच रहा है, जैसे बैंकों में एटीएम से राशी निकास में बैंक को कम खर्च उठाना पड़ता है परंतु अगर ग्राहक बैंक कैश काऊँटर से जाकर निकासी करेगा तो ज्यादा खर्चा होगा, बैंकों ने अपना खर्च कम करने के लिये एटीएम की संख्या बढाना शुरु किया था।

irctc को नियमित ग्राहकों को लुभाने के लिये कोई अच्छी स्कीम देनी चाहिये पर वह तो उन ग्राहकों से ज्यादा शुल्क लेने में लगी है, जो रेल्वे के मेनपावर को बचा रहा है, वाह री मेरी अनपढ़ रेल्वे को चलाने वाली सरकार, तानाशाह डिपार्ट्मेंट।
अगर मुझे मुंबई राजधानी से रतलाम से दिल्ली की यात्रा करनी है और अगर रतलाम से दिल्ली कोटे में सीट उपलब्ध है और अगर मैं irctc से टिकिट करवाता हूँ तो वेटिंग का टिकिट प्राप्त होगा परंतु अगर मैं रेल्वे स्टेशन जाकर रिजर्वेशन करवाता हूँ और तो मुझे कन्फ़र्म टिकिट मिलेगा। पता नहीं क्या खेल है यह या तो इनके सोफ़्टवेयर में ही कुछ प्राब्लम है या फ़िर कोई खेल है।
अब तत्काल की ही बात लें, तत्काल टिकिट रिजर्वेशन के लिये २ दिन पहले खुलता है सुबह आठ बजे, अगर मुझे मुँबई से उज्जैन जाना है तो मुझे उसके लिये अवन्तिका एक्सप्रेस का टिकिट लेना होता है, टिकिट विन्डो को देखे भी अब मुझे शायद दो साल से ज्यादा समय हो गया अब तो irctc से या फ़िर एजेन्ट से करवाते हैं। पीक टाईम पर सुबह चार पाँच बजे से तत्काल टिकिट के लिये लाईन लगना शुरु हो जाती है और फ़िर टिकिट विन्डो वाले लोगों की तानाशाही, टिकिट विन्डो खोलते ही पाँच मिनिट बाद हैं और इतने में तो खेल हो जाते हैं। जैसे अवन्तिका एक्सप्रेस में स्लीपर में १८३ और ३एसी में ४४, २एसी में १४ सीटें तत्काल के लिये आरक्षित होती हैं। इतनी सीटें होने पर भी लगभग ८.०२ बजे ही वेटिंग आ जाता है, और irctc पर server failure का एरर मैसेज मुँह चिढ़ा रहा होता है।
इस एरर मैसेज के लिये हमने कई बार ग्राहक सेवा से संपर्क कर खीज उतारने की कोशिश की पर हमेशा जबाब मिलता कि कृप्या दोबारा कोशिश करें, पर अगर आप एजेन्ट को टिकिट करने के लिये देते हैं तो हमेशा कन्फ़र्म मिलता है, पता नहीं इन एजेन्टों के साथ रेल्वे की क्या सेटिंग है। एजेन्ट पीक टाईम पर रिजर्वेशन चार्ज ६०० रुपये तक लेते हैं भले ही टिकिट ४५० रुपयों का हो।
पता नहीं रेल्वे का सोफ़्टवेयर इस सरकारी तंत्र से कब बाहर निकल पायेगा पर फ़िर भी हम ईमानदारी से टिकिट मिलने की आशा करते हैं, आशा करते हैं कि कोई रेल्वे का अधिकारी इसे पढ़ेगा और व्यवहारिक रुप से खोजबीन कर कुछ सुधार करेगा।

7 thoughts on “irctc.co.in रेल्वे का मिला जुला खेल या इस सरकारी तंत्र के पास संसाधनों Infrastructure की कमी

  1. बहुत सही कहा आपने .. इस समस्‍या को हमने भी महसूस किया है .. पता नहीं इतनी टिकटें तुरंत गायब कैसे हो जाती हैं ?

  2. यह हमेशा होता है कि एजेंट कंफर्म टिकट ला देते है मात्र 30 रुपये मे और यहाँ वेटिंग मिलता है । जिन दिनो भीड़ न हो मै खुद खिड़की से टिकट लेना पसन्द करता हूँ । बहरहाल यह सही मुद्दा आपने उठाया है । -शरद कोकास दुर्ग छ. ग .

  3. इसे कहते हैं सेटिंग . कोई भी सिस्टम लगवा लो लोग तोड़ ढूंढ लेते हैं . ये भी एक माफिया रैकेट है . रेलवे को सब पता है . आम आदमी का सर्वर जाम कर दो एजेंट का चलने दो . इन्टरनेट पे छूट ऊपर से सर्विस चार्ज ले लिया जाता है . काउंटर के क्लर्क को दिखता है कौन सी सीट खाली है आपको आड़े तिरछे सीट मिलेंगे . काउंटर पर टेलेस्कोपिक टिकट मिलती है नेट पर नहीं !!!!

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