कुत्ता, शेर और बन्दर (कुत्ते का प्रबंधन Management)

एक दिन एक कुत्ता जंगल में रास्ता खो गया। तभी उसने देखा एक शेर उसकी तरह आ रहा है। कुत्ते की साँस रुक गय़ी। “आज तो काम तमाम मेरा!” उसने सोचा, फ़िर उसने सामने कुछ सूखी हड्डियाँ पड़ी देखीं, और आते हुए शेर की तरफ़ पीठ करके बैठ गया और एक सूखी हड्डी को चूसने लगा और जोर जोर से बोलने लगा “वाह ! शेर को खाने का मजा ही कुछ और है, एक और मिल जाये तो पूरी दावत हो जायेगी !”।
और उसने जोर से डकार मारी, इस बार शेर सोच में पड़ गया उसने सोचा “ये कुत्ता तो शेर का शिकार करता है! जान बचा कर भागो !”
और शेर वहाँ से जान बचा के भागा।
पेड़ पर बैठा एक बन्दर यह सब तमाशा देख रहा था, उसने सोचा यह मौका अच्छा है शेर को सारी कहानी बता देता  हूँ – शेर से दोस्ती हो जायेगी और उससे जिन्दगी भर के लिये जान का खतरा दूर हो जायेगा.. वो फ़टाफ़ट शेर के पीछे भागा।
कुत्ते ने बन्दर को जाते हुए देख लिया और समझ गया कि कोई लोचा है।उधर बन्दर ने शेर को सब बता दिया कि कैसे कुत्ते ने उसे बेवकूफ़ बनाया है। शेर जोर से दहाड़ा, “चल मेरे साथ अभी उसकी लीला खत्म करता हूँ” और बन्दर को अपनी पीठ पर बैठा कर शेर कुत्ते की तरफ़ लपका।
क्या आप सोच सकते हैं कि कुत्ते ने क्या आपदा प्रबंधन किया होगा!!!
कुत्ते ने शेर को आते देखा तो एक बार फ़िर उसकी तरफ़ पीठ करके बैठ गया और जोर जोर से बोलने लगा, “इस बन्दर को भेज के एक घंटा हो गया, साला एक शेर फ़ाँस के नहीं ला सका !”।

नैतिक शिक्षा –
ऐसे बहुत सारे बन्दर हमारे आसपास मौजूद हैं उन्हें पहचानने की कोशिश कीजिये।

9 thoughts on “कुत्ता, शेर और बन्दर (कुत्ते का प्रबंधन Management)

  1. नैतिक शिक्षा –
    ऐसे बहुत सारे बन्दर हमारे आसपास मौजूद हैं उन्हें पहचानने की कोशिश कीजिये।

    hahahahahahahahaha,,,,,,,,,,

    jeee …………. ab aise bandron ko khojne ki koshish zaroor karunga………

  2. फिर तो शेर ने बंदर का ही शिकार किया होगा .. बंदर को पहचानने के लिए तो हमें कुत्‍ते जैसी बुद्धि रखनी पडेगी .. और बचने के लिए वैसा ही काम !!

  3. बंदर को पहचानने के लिए कोई हिंट तो दो 🙂
    बहुत सुंदर कहानी, लेकिन आज के समय मै किस पर विशवास किया जाये? जिस पर भी करो ….. बही टोपी पहना देता है जी.

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