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टर्म इंश्योरेन्स क्या होता है.. भाग ६ (What is Term Insurance…) Part 6

जब टर्म जीवन बीमा योजना का चुनाव करें तो इन बातों का ध्यान रखना चाहिये –

१. सबसे पहले यह समझ लेना चाहिये कि टर्म जीवन बीमा योजना क्या होती है, इसके क्या लाभ होते हैं, यह कैसे कार्य करती है वगैरहा।

२. सभी जीवन बीमा कंपनियाँ एक जैसी नहीं होती हैं सबकी वित्तीय स्थिती अलग अलग होती हैं, जिस भी कंपनी का जीवन बीमा लेने जा रहे हैं पहले बाजार में उसकी वित्तीय स्थिती का आकलन कर लें, उसकी बाजार में प्रतिष्ठा कैसी है, वह किस समूह से ताल्लुक रखती है इत्यादि।

३.  आम जीवन बीमा से टर्म जीवन बीमा बहुत सस्ता होता है। यह सस्ता इसलिये होता है कि ये योजनाएँ इस तरह से तैयार की गई हैं कि आप एक निश्चित अवधि के लिये ही बीमित होते हैं। अगर आप अपनी पूरी जिंदगी अपने जीवन का बीमा चाहते हैं और भुलक्कड़ हैं तो टर्म जीवन बीमा योजना आपके लिये नहीं है, आप साधारण जीवन बीमा ही लें।

४. टर्म जीवन बीमा योजना बहुत बढ़िया है अगर आप अपने परिवार और घर के लिए मृत्यु के बाद की सुरक्षा चाहते हैं। अगर आप के पास गृह ऋण है तो आप केवल ऋण राशि का भी टर्म जीवन बीमा करवा सकते हैं। जिससे अगर समय के पहले गृह स्वामी की मौत की स्थिती में बीमित के परिवार को अपना घर नहीं गँवाना पड़ेगा। बीमा कंपनी बीमित की मौत की स्थिती में पूरा गृह ऋण चुका देगी।

५. हमेशा ऐसी योजना देखे जिसमें नवीनीकरण की गारंटी हो, मतलब कि अगर भविष्य स्वास्थ्य संबंधी समस्या अगर हो जाये तो बीमा कंपनी नवीनीकरण के लिये इंकार न कर दे। अगर आप इस तरह की गारंटीकृत नवीनीकरण वाली योजना खरीदते हैं तो अगर भाविष्य में स्वास्थ्य संबंधी समस्या होने पर भी आपका बीमा नवीनीकरण किया जा सकेगा।

६. परिवर्तनीय योजनाओं वाला जीवन बीमा खरीदें, अगर भविष्य में कोई और अच्छी योजना आती है तो आप अपनी इस जीवन बीमा योजना को उस योजना के लिये स्विच कर पायें, अगर किसी टर्म जीवन बीमा योजना में यह सुविधा उपलब्ध होती है तो वही लेना चाहिये, नहीं तो आपको वही योजना पूरी बीमा अवधि  रखनी होगी।

टर्म इंश्योरेन्स क्या होता है.. भाग ५ (What is Term Insurance…) Part 5

टर्म जीवन बीमा योजना की कमियाँ –

१. आयु के साथ प्रीमियम भी बड़ जाती है।

२. अस्थायी सुरक्षा ।

१. आयु के साथ प्रीमियम भी बड़ जाती है।

टर्म जीवन बीमा योजना  में बीमा धारक को ज्यादा प्रीमियम अदा करना होती है, जैसे जैसे उसकी उम्र ज्यादा होती है, इसीलिये यह योजना जितनी जल्दी हो सके ले लेना चाहिये। और ज्यादा उम्र में टर्म जीवन बीमा योजना लेने पर परेशानी हो सकती है कि आप हर वर्ष ज्यादा प्रीमियम अदा न कर पायें। इसके साथ ही बीमा धारक को अपनी कुछ और भी प्रतिबद्धताएँ पूरी करनी हो या फ़िर अप्रत्याशित रुप से भी धन की जरुरत पड़ सकती है। इसलिये सस्ती प्रीमियम केवल एक मिथक है ज्यादा उम्र वाले व्यक्तियों के लिये क्योंकि हो सकता है कि व्यक्ति इतनी प्रीमियम देने में सक्षम ही न हो वो भी हर वर्ष।

२. अस्थायी सुरक्षा –

टर्म जीवन बीमा योजना में बीमा धारक को स्थायी जीवन बीमा योजना जैसी सुरक्षा नहीं है, यह जीवन बीमा मृत्यु का जोखिम केवल बीमा अवधि के लिये ही कवर करती है। इस टर्म जीवन बीमा योजना में अगर बीमा धारक समय पर अपना बीमे का नवीनीकरण नहीं करवा पाया और फ़िर उसे नई टर्म जीवन बीमा योजना महँगी प्रीमियम पर खरीदनी पड़ेगी। और अगर बीमा धारक की मृत्यु उस बीमित अवधि में नहीं होती है तो बीमा कंपनी प्रीमियम का भरा हुआ पैसा वापिस नहीं करेगी।

इस तरह के बीमा बहुत अच्छे होते हैं, विशेषकर तब जब बीमा धारक प्रीमियम के लिये उस बड़ी राशि का इंतजाम न कर पाये पर उसे बड़े बीमा की बहुत ज्यादा जरुरत होती है। टर्म बीमा योजना के लिये कोई उपयुक्त समय नहीं होता है, वह १, ५, १० या १५ और ३० साल तक के लिये हो सकता है। बीमा धारक को उसकी बीमा अवधि चुननी होती है जितने भी समय के लिये वो बीमित रहकर अपने परिवार को सुरक्षा प्रदान करना चाहता है।

टर्म इंश्योरेन्स क्या होता है.. भाग ४ (What is Term Insurance…) Part 4

टर्म जीवन बीमा के फ़ायदे सामान्य बीमा से ज्यादा हैं।

टर्म जीवन बीमा के के निम्नलिखित फ़ायदे हैं –

१. ऋण को खत्म करने में मदद करता है

२. लचीली अवधि

३. सस्ती

४. निवेश

५. विशेष आवश्यकताओं को पूर्ण करने के लिये उपयुक्त एवं संतोषजनक

१. ऋण को खत्म करने में मदद करता है –

आमतौर पर ऋण लम्बी अवधि में देय होते हैं। जब एक बीमा धारक कार या घर या अन्य किसी चल या अचल संपत्ती के लिये ऋण लेता है तो उसके लिये  ऋण को एक निश्चित अवधि में चुकाने की जिम्मेदारी होती है । इससे यह सुनिश्चित हो जाता है कि सावधि ऋण को चुकाने के लिये उसके आश्रितों के पास पर्याप्त नगद होगा, बीमा धारक की अप्रत्याशित मौत अगर उस बीमा अवधि में  हो जाती है तो उसके आश्रितों को डरने वाली बात नहीं है बीमा कंपनी उस ऋण को चुका देगी।

२. लचीली अवधि –

केवल यही एक इस तरह की जीवन बीमा योजना है जिसमें कि बीमा धारक एक वर्ष जैसी छोटी अवधि के लिये भी बीमा करवा सकता है। इस प्रकार के बीमे से बीमा धारक को समुचित योजना बनाने और भुगतान करने के लायक आवश्यक राशि की योजना बनाने में सहायता भी मिलती है। इस लचीलेपन के अभाव में बीमा धारक कंपनी के निर्धारित समय सीमा की बीमा अवधि को मानने के लिये मजबूर होगा।

३. सस्ती –

हालांकि टर्म बीमा के प्रीमियम पिछले सालों में बहुत बड़ गये हैं फ़िर भी यह अन्य योजनाओं से बहुत सस्ती हैं। सस्ती टर्म जीवन बीमा योजना का मतलब यह नहीं है कि उपभोक्ता को कम लाभ या कम गुणवत्ता मिलेगी। यह योजना उपभोक्ताओं की प्रारंभिक अवधि में अन्य किसी योजना में अधिक प्रीमियम भुगतान में करने से बचाता है और पैसे बचाने में मदद करता है। इसके विपरीत जब बीमा की प्रीमियम बड़ती है तो बीमा धारक बचायी गई राशि द्वारा उस प्रीमियम का भुगतान कर सकता है। इसी बीच जो भी राशि पहले बचायी है उस पर उसे ब्याज भी अर्जित हो जाता है। इससे व्यक्ति कम प्रीमियम में ज्यादा राशि का बीमा पा सकता है जो कि सस्ता होता है।

४. निवेश –

अन्य किसी जीवन बीमा योजना से तुलना करेंगे तो पायेंगे कि टर्म बीमा जीवन योजना की लागत बहुत सस्ती है। इससे आप अपनी बची हुई राशि को कहीं किसी और अच्छी जगह निवेश कर सकते हैं। इसका मतलब यह है कि आप अपनी राशि का निवेश खुद कर रहे हैं, इसके लिये आप बीमा कंपनी के ऊपर निर्भर नहीं हैं। बीमा कंपनियाँ आमतौर पर बीमा धारक की राशि  निवेश में बहुत ही सुरक्षित और प्राचीन  तरीके अपनाती हैं, तो टर्म जीवन बीमा योजना का चयन करने से आप अपनी बची हुई राशि के साथ अपनी मर्जी से निवेश करने के लिये स्वतंत्र हैं।

५. विशेष आवश्यकताओं को पूर्ण करने के लिये उपयुक्त एवं संतोषजनक –

टर्म जीवन बीमा योजना केवल ऋण की अदायगी को बीमित करने के लिये ही नहीं बल्कि और भी आवश्यकताओं के लिये उपयोगी है। मान लीजिये एक व्यक्ति घर बनाना चाहता है या अपने बच्चे के बड़े होने पर उसे महँगी पढ़ाई कराना चाहता है तो उस अवधि के लिये वह टर्म जीवन बीमा योजना लेकर आम प्रीमियम से बची हुई राशि को लंबी अवधि के लिये निवेश कर सकता है। इससे भविष्य में किसी भी मुश्किल से बचने में आसानी होती है।

टर्म इंश्योरेन्स क्या होता है.. भाग ३ (What is Term Insurance…) Part 3

सिंगल प्रीमियम टर्म पॉलिसी

सिंगल प्रीमियम टर्म पॉलिसी के अंतर्गत एक मुश्त प्रीमियम का भुगतान करना होता है। इस पॉलिसी के अंतर्गत पूर्वनिर्धारित अवधि के लिये जीवन का जोखिम कवर किया जाता है। केवल एक बार प्रीमियम भर देने से आपको प्रीमियम का भूगतान हर वर्ष नहीं करना पड़ता है और हर वर्ष आर्थिक बोझ भी नहीं पड़ता है, केवल एक बार प्रीमियम भरो और भूल जाओ, ये आपके जीवन का जोखिम पूर्वनिर्धारित अवधि के लिये कवर करता है। नियमित रुप से प्रीमियम भरने वाले प्लॉन से इस प्लॉन की प्रीमियम ज्यादा जरुर है क्योंकि केवल एक बार प्रीमियम देना है, जबकि नियमित प्रीमियम प्लॉन्स में यह हर वर्ष  देना होती है।

नियमित प्रीमियम टर्म पॉलिसी

नियमित प्रीमियम टर्म पॉलिसी आपको वार्षिक आधार पर प्रीमियम भुगतान करने का विकल्प प्रदान करता है, अगर आप एक साथ ज्यादा बड़ा प्रीमियम भूगतान करने के इच्छुक नहीं है तो यह प्लॉन ले सकते हैं। आपको हर वर्ष बीमा अवधि के अंत तक  प्रीमियम भरनी होगी।

प्रीमियम की वापसी के साथ टर्म पॉलिसी

आमतौर पर टर्म योजनाओं में अगर बीमा धारक को बीमा अवधि में कुछ नहीं होता है तो उसे कुछ भी रिटर्न नहीं मिलता है। आपने जो भी प्रीमियम भरी है वह नहीं मिलेगी। पर इस प्लॉन में आप वो प्रीमियम राशि प्राप्त कर सकते हैं जो कि आपने भरी हैं, जो कि बिना ब्याज के भी हो सकता है और ब्याज के साथ भी। इस योजना का सबसे बड़ा लाभ यह है कि अगर बीमा धारक जीवित रहता है तो उसने जितनी भी प्रीमियम भरी है, वह बीमा अवधि समाप्त होने के बाद परिपक्वता पर मिल जाती है, इसमें बीमा धारक को भरी गई प्रीमियम का नुकसान नहीं उठाना पड़ता है। लेकिन इसकी प्रीमियम नियमित प्रीमियम टर्म पॉलिसी से ज्यादा होती है।

टर्म पॉलिसी जो ऋण भी कवर करती हो

यह पॉलिसी खास उन लोगों के लिये बनायी गई है जिन लोगों ने गृह ऋण ले रखा है। बीमा राशि बकाया ऋण राशि के बराबर होगी। और यह धीरे धीरे उसी अनुपात में घटती जाती है, जैसे जैसे ऋण का भूगतान होता जाता है। यहाँ पर प्रीमियम की गणना बिल्कुल वैसे ही होती है जैसे कि गृह ॠण की मासिक किस्त की गणना। और यह पूरी बीमा अवधि में एक समान रहती है। इस पॉलिसी का लाभ यह है कि यह परिवार को बीमा धारक की मृत्यु के समय अतिरिक्त सुरक्षा देता है, बीमा धारक की मृत्यु की स्थिती में परिवार को इतने भारी ऋण का बोझ नहीं उठाना पड़ेगा।

टर्म इंश्योरेन्स क्या होता है.. भाग २ (What is Term Insurance…) Part 2

    जीवन बीमा की शब्दावली में, एन्डोमेन्ट प्लान्स को “लाभ के साथ योजना” कहा जाता है। वे व्यक्तियों के जीवन को सुरक्षित करते हैं अगर कुछ हो जाता है, और अगर उस व्यक्ति को बीमा अवधिकाल के बाद जीवित रहता है तो उसे परिपक्वता राशि (Maturity Amount) मिल जाता है। और अगर बीमाधारक व्यक्ति की मौत बीमा अवधिकाल में ही हो जाती है तो उसके नॉमिनी को बीमा राशि और जितना भी निवेश किया गया है बोनस के साथ दे दिया जाता है। और अगर व्यक्ति अपने बीमा के अवधिकाल के बाद भी जीवित रहता है तो वह बीमा राशि और उस पर प्राप्त लाभ या बोनस परिपक्वता राशि के तौर पर पाता है।

    जीवन बीमा अपने आप में एक शक्तिशाली बीमा है जो कि आपको अनपेक्षित जोखिम से बचाता है और आपकी अनुपस्थिती में होनेवाली परेशानी से बचाता है। इसे एक बचत के तौर पर भी देख सकते हैं, जिससे आपके बच्चों की शिक्षा, शादी, पेंशन, सेवानिवृत्ति के लाभ या किसी अन्य उद्देश्य को पूरा कर सकते हैं। टर्म बीमा खरीदने के पहले आपको इन कारकों पर विचार करना चाहिये –

1. पर्याप्त बीमा राशि

2. राईडर लाभ

3. आप जिस बीमा कंपनी से बीमा खरीदने जा रहे हैं उनका क्लेम दावा का इतिहास

4. प्रतिस्पर्धी बीमा मूल्य

5. प्रशासनिक लागत.

टर्म बीमा पॉलिसियों के प्रकार –

टर्म बीमा पॉलिसी को विभिन्न प्रकार में वर्गीकृत किया जा सकता है, जिसमें कुछ प्रमुख नीचे दिये गये हैं ;

· सिंगल प्रीमियम टर्म पॉलिसी

· नियमित प्रीमियम टर्म पॉलिसी

· प्रीमियम की वापसी के साथ टर्म पॉलिसी

· टर्म पॉलिसी जो ऋण भी कवर करती हो

टर्म इंश्योरेन्स क्या होता है.. भाग १ (What is Term Insurance…) Part 1

   जीवन बीमा का प्राथमिक उद्देश्य बीमा धारक की मौत के बाद परिवार को वित्तिय सुरक्षा प्रदान करना है। यह आपकी मदद करता है यह सुनिश्चित करने के लिये कि आपके परिवार और प्रियजनों के पास पर्याप्त पैसे हों जिससे आपकी अनुपस्थिती में भी उनकी जरुरतें पूरी होती रहें।

   टर्म योजना जीवन बीमा का शुद्ध रुप है, हम दूसरे शब्दों में कह सकते हैं यह एक शुद्ध जीवन बीमा है जो कि जोखिम को कवर करता है जिसमें बीमा धारक कम प्रीमियम अदा करता है और उसे मिलता है एक बड़ी राशि का बीमा। टर्म योजना (Term Insurance) जीवन बीमा के अन्य योजनाओं से सबसे सस्ता है। यह बीमाधारक के लिये बड़ी राशि को खुद के बीमे के लिए अपेक्षाकृत कम प्रीमियम होने से उसकी मदद करता है। बीमा अपने निवेश करने का स्थान नहीं है, बीमा का मुख्य उद्देश्य, आपकी अनुपस्थिती में आपके परिवार के लिये वित्तीय सहायता प्रदान करना है।  बहुत कम प्रीमियम पर टर्म बीमा (Term Insurance) का मुख्य कार्य आपके जीवन के जोखिम को कवर प्रदान करना है, जिससे आप अपनी बचत के एक बड़े हिस्से को अच्छे बचत उत्पादों में निवेश कर सकते हैं। अगर कोई व्यक्ति अपने निवेशों की वापसी के प्रति बहुत ही  संवेदनशील है, या अपने हर निवेश में वह लाभ देखता है, तो यह टर्म बीमा (Term Insurance) उनके लिये उपयुक्त नहीं है। अधिकांश टर्म बीमा (Term Insurance) कोई भी लाभ निवेश पर नहीं देते हैं अगर बीमा धारक को कुछ भी नहीं होता है। और कुछ टर्म बीमा (Term Insurance) हैं जो भी आपने प्रीमियम अदा किये हैं और अगर आपको कुछ नहीं होता है तो वे ये प्रीमियम आपको वापिस कर देते हैं।

   कम लागत के ढ़ांचे के कारण टर्म बीमा (Term Insurance) सभी तरह के बीमे में सबसे सस्ता है। टर्म बीमा के प्रीमियम में केवल प्रशासन खर्च और मोर्टेलिटी चार्जेस होते हैं। इसकी प्रीमियम राशि में कोई भी बचत नहीं होती है जो कि बीमा धारक से वसूल की जा रही है। इसी कारण से, बीमा की अवधि के बाद अगर बीमाधारक जीवित रहता है तो उसे कुछ रिटर्न नहीं मिलता है। और प्रीमियम राशि जो कि इस प्लान के अंतर्गत आती है वह written off कर दिया जाता है,अगर बीमा अवधि में कोई बीमा क्लेम करने की स्थिती नहीं आती है। अगर बीमा क्लेम करने की स्थिती आती है तो वह नॉमिनी को बीमा राशि मिलेगी। और अगर आप बीमा को निवेश के साधन से देखते हैं तो एन्डोमेन्ट या यूलिप प्लान लेना चाहिये। लेकिन इनमें शुल्क बहुत ज्यादा होता है, क्योंकि इन योजनाओं में मोर्टेलिटि एवं प्रशासनिक चार्जेस के अलावा एलोकेशन चार्जेस, निधि प्रबंधन प्रभार (Fund Management Charges) इत्यादि होते हैं।

हेल्थ इंश्योरेन्स (मेडिक्लेम) लेकर खुद को आर्थिक रुप से सुरक्षित करें… [Secure yourself financially, by Family Mediclaim..]

कल की पोस्ट नववर्ष में परिवार को सुरक्षित करें और परिवार को तोहफ़ा दें आज ही, जल्दी सोचिये और अमल करें [Secure your family, Think fast ….] में मैंने केवल टर्म इंश्योरेन्स की ही बात की थी, परिवार को सुरक्षित करने के लिए और भी इंश्योरेन्स की जरुरत होती है, जैसे कि हेल्थ और गंभीर बीमारियों के लिये।

अगर आप ऑफ़िस से आ रहे हैं और किसी दुर्घटना का शिकार हो जाते हैं या फ़िर कोई बीमारी हो गई जैसे कि पीलिया या कोई और बीमारी जिससे आपको अस्पताल में रहना पड़े, तो मानसिक दबाब के साथ साथ आप आर्थिक दबाब में भी आ जायेंगे, क्योंकि आजकल अस्पताल में जाना मतलब बहुत अधिक मात्रा में धन खर्च होना, क्योंकि आजकल इलाज का खर्च बहुत अधिक हो गया है और अस्पताल भी पाँच सितारा जैसे महंगे हो गये हैं, अगर सामन्य बीमारी है तो कम से कम दो हजार रोजाना और ज्यादा की तो कोई सीमा ही नहीं है।

कब धन को पंख लग जाते हैं अस्पताल में जाते ही पता ही नहीं चलता है। सबसे पहले ये सोचिये क्या आप इस आकस्मिक आपदा खर्च को वहन कर पायेंगे, अगर आप इसका इंश्योरेन्स करवा लेते हैं तो कोई घबराने वाली बात ही नहीं है। थोड़ी प्रीमियम में आप बड़ी राशि का इंश्योरेन्स करवा सकते हैं, जिससे आप आर्थिक रुप से दीवालिया होने से बच सकते हैं। कि अपनी तो सारी बचत एक बीमारी में ही चली गई, सोचिये सोचिये !!

आप अपना खुद का और परिवार का दोनों का हेल्थ इंश्योरेन्स करवा सकते हैं, अगर आपका हेल्थ इंश्योरेन्स आपका नियोक्ता करवा रहा है तब तो आपके लिये कोई चिंता की कोई बात नहीं है, परंतु परिवार का क्या ?

बीमारी कोई दस्तक देकर तो नहीं आती और न ही आकस्मिक राशि के साथ कोई तैयार रहता है, इसके लिये बहुत जरुरी है हेल्थ इंश्योरेन्स। जितना भी खर्चा होगा अस्पताल में ले जाने के पहले, अस्पताल में, अस्पताल से घर जाने के बाद होने वाला इलाज का खर्च, दवाईयों का खर्च सब कुछ हेल्थ इंश्योरेन्स  (मेडिक्लेम) में सम्मिलित होता है।

सामयिक परिवार (फ़ैमिली फ़्लोटर) हेल्थ इंश्योरेन्स लेने से यह फ़ायदा होता है कि पूरी या कुछ बीमित राशि का उपयोग परिवार का किसी भी व्यक्ति के लिये किया जा सकता है।

सोचिये सोचिये और जल्दी से ले लीजिए मेडिक्लेम इंश्योरेन्स । अरे नहीं इसकी प्रीमियम भरने के बाद आप सुरक्षित हैं पर आपको यह रकम वापिस नहीं मिलेगी बस हाँ आप उस बीमित राशि से वर्षभर के लिये सुरक्षित रहेंगे।

नववर्ष में परिवार को सुरक्षित करें और परिवार को तोहफ़ा दें आज ही, जल्दी सोचिये और अमल करें [Secure your family, Think fast ….]

नववर्ष में परिवार को सुरक्षित करें अगर आप ने अभी तक अपने परिवार को सुरक्षित करने की नहीं सोची है तो अब तत्परता से सोचिये और नये साल का तोहफ़ा दीजिये।

परिवार को सुरक्षित कैसे करेंगे इंश्योरेन्स से, जी हाँ आपने बिल्कुल सही पढ़ा है इंश्योरेन्स से। केवल इतना सोचिये अगर कल आप अपने परिवार के साथ न रह पायें तो परिवार कैसे अपना गुजारा करेगा, नहीं ९९% लोगों ने कभी इस बारे में नहीं सोचा है, केवल १% लोगों ने ही इस बारे में सोचा है। जी हाँ बिल्कुल कटु सत्य है यह, जबाब आपको अपने आप से या आसपास के लोगों से पूछ्कर ही पता चल जायेगा कि आप कितने जागरुक हैं अपने परिवार की सुरक्षा के लिये।

अब बहुत से लोग बोलेंगे कि हमने इंश्योरेन्स करवा रखा है तो अब हम इस बारे में बात करते हैं, अगर आपने LIC का इंश्योरेन्स करवा रखा है तो आपके परिवार को कितनी सुरक्षा मिल रही है, अरे देखिये भई पाँच लाख या उससे भी कम या थोड़ी सी ज्यादा, क्यों ?

क्योंकि हम भारतीय जब भी जहाँ भी पैसे लगाते हैं तो यह सोचते हैं कि इससे कितना पैसा वापिस मिलेगा, पर हम मौत जैसे कटु सत्य के बारे में नहीं सोचते हैं, क्योंकि जाने क्यों हम मौत के बारे में सोचना या बात करना पसंद नहीं करते हैं, हम अपने आप को भगवान समझने लगते हैं, कि मैं कोई इतनी जल्दी थोड़े ही मरने वाला हूँ, मेरा प्रश्न है अगर मर गये तो ?

इसके बाद आप अपने परिवार को किस स्थिती में पाते हैं, सोचिये अरे सोचिये, सोचा ?

घबरा गये न कि कुल जमा पूँजी, और इंश्योरेन्स के केवल इतने ही पैसे मिल पायेंगे, जी हाँ, केवल इतने ही कि कुछ २-३ साल का खर्च ही चल पायेगा, पर उसके बाद क्या ?

बच्चों की फ़ीस कौन भरेगा, किराना कौन लायेगा, और ऊपर से ये महँगाई जो कि कम होने का नाम ही नहीं ले रही है। अगर आपके पास कोई सपोर्ट नहीं है जैसे कि घरवाली घर संभालती हो, तो एकदम उसे भी तो मार्केट में एकदम नौकरी नहीं मिलेगी और अगर मिलेगी भी तो कितनी तन्ख्वाह की उम्मीद करेंगे। सोचिये सोचिये ?

जी हाँ, इस नववर्ष के अवसर पर अपने परिवार को अपना इंश्योरेन्स करवाकर उनका भविष्य सुरक्षित कर नववर्ष का तोहफ़ा दीजिये। अरे नहीं मैं कोई बीमा एजेन्ट नहीं हूँ, मैं तो केवल बता रहा हूँ । 🙂

आपकी वार्षिक सैलेरी से कम से कम दस गुना आपका टर्म इंश्योरेन्स होना चाहिये, अगर ५ लाख सालाना सैलेरी है तो कम से कम ५० लाख का इंश्योरेन्स होना चाहिये, कि आपके परिवार के साथ न रहने की स्थिती में कम से कम परिवार ठीक प्रकार से अपना जीवन यापन कर पाये।

ओहो, अब आप भी बोल रहे होंगे कि प्रीमियम तो बतायी ही नहीं ५० लाख की २५ वर्ष की अवधि के  लिये और ३५ वर्ष की उम्र के व्यक्ति के लिये प्रीमियम बनती है सलाना लगभग १५,००० और अभी एगोन रेलीगेयर ने एक नया प्लान बाजार में उतारा है जो कि केवल ओनलाईन ही उपलब्ध है, आई टर्म । जिसकी प्रीमियम लगभग ८५०० रुपये है।

अब भी सोच रहे हैं अरे अपने बीमा एजेन्ट को बुलाईये और उसके झांसे में न आयें कि ulip प्लान ले लें या कोई और जिसमें पैसा वापिस मिले, बोलिये कि मुझे केवल टर्म इश्योरेन्स ही चाहिये, मुझे पैसा वापिस नहीं चाहिये, परिवार को सुरक्षित करिये।

कोई सवाल हो तो टिप्पणी कीजिये, जबाब देने की कोशिश करुँगा।

टर्म इंश्योरेंस (Term Insurance) बहुत जरुरी है पर ये लोगों को पसंद नहीं है, क्योंकि वो इसे पैसे की बर्बादी मानते हैं, वो सब लोग गलत हैं क्यों ? आइये देखते हैं |

        टर्म इंश्योरेंस में जमा किये हुए धन से वापिस कुछ नहीं मिलता है इस कारण से ज्यादातर लोग इसे पसंद नहीं करते हैं| मेरा मानना है की यह एक मनोवैज्ञानिक कारण है क्योंकि "टर्म इंश्योरेंस की अवधि पूरा होने पर वापिस कुछ नहीं मिलता है"| और तो और अगर अवधि पूर्ण होने के बाद अगर पैसा मिल भी जाए तो कोई ज्यादा फर्क नहीं पड़ता| टर्म इंश्योरेंस न लेना एक बहुत बड़ी बेबकूफी है|

लोगों की समस्या क्या है की वे टर्म इंश्योरेंस लेना ही नहीं चाहते हैं ?

        लोगों को टर्म इंश्योरेंस इसलिए पसंद नहीं है क्योंकि अगर टर्म इंश्योरेंस की पूरी अवधि मे उन्हें कुछ नहीं होता है तो जितना भी बीमे की किश्त उन लोगों ने भरी है वह फालतू ही गई और उसका उन्हें कोई फायदा भी नहीं हुआ| वास्तविकता मे ये लोग टर्म इंश्योरेंस के महत्त्व को नहीं समझते हैं | अब हम इसे दूसरे तरीके से देखते हैं, मान लीजिये की टर्म इंश्योरेंस की जमा  किश्तें अवधि समाप्त होने के बाद मिल जाती हैं। हम एक सामान्य परिवार के मामले का अध्ययन करते हैं।

         तुषार 28 साल का नौजवान है और उसकी बस अभी शादी हुई है। वह लगभग 40,000 रुपये प्रति माह कमाता है। उसके महीने के सारे खर्च लगभग 25,000 रुपयों में हो जाते हैं और वह लगभग 15,000 रुपये प्रतिमाह बचाता है। उसका परिवार भी आर्थिक रुप से उसके ऊपर निर्भर है जिसमें उसके माता व पिता हैं । अभी उसकी सेवानिवृत्ति में ३० वर्ष बाकी हैं। उसने अपनी बीमा की आवश्यकताओं की गणना की जो कि कम से कम लगभग 50-60 लाख होती है। अभी हम 50 लाख गणना के लिये लेकर चलते हैं।

विश्लेषण

           अब मजे की बात, उसके वर्तमान खर्चे लगभग 25 हजार हैं, लेकिन जब वो 30 साल बाद सेवानिवृत्त होगा तब उसके महीने का खर्चा क्या होगा ? जैसे पिछले 30 वर्षों का मुद्रास्फ़ीति दर 6.5 % रहा है (पिछले आंकड़ों पर आधारित), अब मान लें कि अगले 30 वर्षों में भी मुद्रास्फ़ीति की दर औसतन 6.5 % ही रहती है। 30 वर्ष बाद उसका मासिक खर्च लगभग 25,000 x (1.065)^30 = 1,65,359 (1.65 लाख) होगा। यदि वह शुरु से ही टर्म इंश्योरेंस लेता है 50 लाख का, तो उसकी सालाना बीमा किश्त लगभग 12,293 रुपये होती है 30 साल की अवधि के लिये HDFC Standard Life Insurance में। 

बीमा किश्त की गणना व तुलना आप यहाँ कर सकते हैं।

           इसका मतलब कि वह कुल 3.68 लाख रुपये की किश्तें बीमा के रुप में देगा, और अगर यह किश्तों में जमा की गई रकम उसे मिल भी जाती है तो उसे कितना फ़ायदा होगा, वह कितने महीने का खर्चा उससे चला सकता है 2 महीने या ज्यादा से ज्यादा 3 महीने, क्योंकि उस समय उसका मासिक खर्च लगभग 1.65 लाख होगा। बस इतना ही !!

तो शायद अब इन प्रश्नों को करने की आवश्यकता है –

  • आप अपने परिवार को वित्तीय जोखिम में डाल रहे हैं क्योंकि आपको 2 महीने के बराबर के खर्च की रकम  वापिस नहीं मिल रहा है ?
  • एक छोटी सी रकम जो कि आपको अवधि पूर्ण होने के बाद नहीं मिलेगी, उसके लिये अपने परिवार को जोखिम में डालने का बचपना कर रहे हैं।
  • क्या आप यह नहीं सोचते हैं कि आप टर्म इंश्योरेंस को गलत नजरिये से देख रहे हैं ?
  • आप इस पर ध्यान नहीं दे रहे हैं कि “आपको क्या मिल रहा है” बजाय इसके कि “आपको क्या नहीं मिल रहा है”।

      हमारे पास बीमा किश्त वापसी वाले बीमा पहले से ही हैं, पर वे किसी बेबकूफ़ी से कम नहीं, क्योंकि ये बीमा आम आदमी की कमजोरी का फ़ायदा उठाते हुए बनाये गये हैं और उनके लिये जो लोग टर्म इंश्योरेंस को पैसे की बर्बादी मानते हैं क्योंकि उसमें अवधि पूर्ण होने के बाद रकम वापिस नहीं मिलती है।

भारत के लोगों द्वारा टर्म इंश्योरेंस न पसंद करने के कारण

  • अधिकतर लोग केवल स्पष्ट रुप से आँकड़ों पर ध्यान केंद्रित करते हैं, जैसे कि उन्हें बीमा किश्त में जमा रकम वापिस नहीं मिलेगी या अगर उन्हें कुछ नहीं हुआ तो ये पैसे की बर्बादी होगी, लेकिन वे लोग टर्म इंश्योरेंस के आंतरिक फ़ायदों के बारे में सोच ही नहीं पाते हैं।
  • हम धन के साथ बहुत भावुक होते हैं, हम इस बात पर अपना ध्यान लगाते हैं कि हमारा धन बढ़ता रहे और फ़िर बाद में वह वापिस भी मिल जाये जबकि हम यह नहीं सोचते कि वह धन हमारी जिंदगी को कितनी सुरक्षा प्रदान करता है।
  • अधिकांश लोग सोचते हैं कि मरने की संभावनाएँ बहुत कम होती हैं, औसतन लोगों की उम्र लंबी होती है पर यह फ़िर से एक बेबकूफ़ाना सोच है। हम बुरी स्थिति की कल्पना करना ही नहीं चाहते हैं इसलिये हम इस ओर ध्यान ही नहीं देते हैं।

निष्कर्ष

       जिंदगी में हम बहुत सारी बातों पर ध्यान ही नहीं देते हैं जैसे कि स्वास्थ्य, खुशी के पल, प्रकृति, अपनों के साथ बिताया गया समय जो कि सबसे सुन्दर है और जिंदगी की सच्चाई भी है। टर्म इंश्योरेंस व्यक्तिगत वित्त क्षेत्र के समान ही है, बस जरुरत है तो अपना ध्यान “आप क्या खो रहे हैं” से “आप क्या पा रहे हैं” पर केन्द्रित करने की, आप एक बार टर्म इंश्योरेंस ले लेंगे तो आपकी जिंदगी और भी सुन्दर हो जायेगी।

      आप इस बारे में क्या सोचते हैं क्या आप मेरी बातों से सहमत हैं, कृपया टिप्पणी देकर बताये  क्या ऐसी मानसिकता के शिकार हैं आप भी ? क्या आपको मेरी ये श्रंखला पसंद आ रही है, आप और भी इस विषय पर पढ़ना चाहते हैं तो टिप्पणी करके बताईये।

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