Tag Archives: म्यूच्यल फ़ंड

फाइनेंशियल बकवास (FinancialBakwas)

हमने यूट्यूब पर फाइनेंशियल बकवास नाम से नया चैनल शुरू किया है, जिसमें पर्सनल फाईनेंस से संबंधित बातों को वीडियो या प्रेजेन्टेशन के माध्यम से बताने का एक प्रयास है ।

अभी तक हमने यहाँ 5 वीडियो अपलोड किये हैं, आप भी देखिये और बताईये कि आगे आप और क्या सुनना चाहते हैं । मैं इस चैनल में मुख्यत: बात करूँगा –
1. म्यूचअल फंड
2. जीवन बीमा
3. मेडीक्लेम
4. दुर्घटना बीमा
5. शेयर बाजार
6. निवेश के तरीके
7. सेवानिवृत्ति की योजना
8. क्रेडिट कार्ड
9. टैक्स में बचत
10. कैसे अच्छे उत्पाद चुनें
11. अपने धन के सही तरीके से कैसे उपयोग करें

एल आई सी या टर्म इन्श्योरेन्स और आवर्ती जमा LIC or Term Insurance and Recurring Deposit in Hindi

 

त्योहारों पर म्यूचयल फंड उपहार में दें Gift Mutual Funds On Festivals (Hindi)

म्यूचअल फंड क्या होता है What is Mutual Fund in Hindi

म्यूचअल फंड योजनाओं के प्रकार हिन्दी में Mutual Fund Type of Schemes In Hindi

म्युचअल फंड योजनाओं के प्रकार एवं संरचना – हिन्दी Types of Mutual Funds and Structure in Hindi

 

नामांकन आपके परिवार के लिये बहुत जरूरी है.. (Nomination is very important for your family)

    अपने निवेश और संपत्ति के लिये उत्तराधिकारी की घोषणा आपके जीवन में महत्वपूर्ण कार्यों में से एक होता है। इसके बारे में कुछ ही लोगों, निवेशकों को पता है, नामांकन के ना होने (उत्तराधिकारी घोषित ना होने की दशा में) किन किन समस्याओं का सामना करना पड़ता है यह भी बहुत कम लोगों को पता है। यहाँ पर कुछ अच्छी बातें उन निवेशकों के लिये जो अपने निवेशों के लिये उत्तराधिकारी घोषित कर अपनी और अपने प्यारों की जिंदगी को बेहतर बनाना चाहते हैं।
    जिंदगी अनिश्चितताओं पर चलती है और इसी कारण नामांकन आपके अपने परिवार के लिये आराम है, जिससे ऐसी किसी भी परिस्थिती के बाद परिवार आपके निवेशों को आराम से पा सके, जो निवेश आपने अपने प्यारों दुलारों के लिये किया है, वह निवेश आराम से उन तक पहुँच भी सके। नामांकन उनके लिये केवल अच्छा ही नहीं बहुत अच्छा होगा, जब उनको आपके निवेश की अधिक आवश्यकता होगी, या खर्चे के लिये पैसों की या फ़िर आपके प्यारों के लिये उस धन / रकम को अपने नाम पर करना होगा, तो नामांकन होने की दशा में उनको बहुत ही कम यानि कि ना के बराबर औपचारिकता निभाना होगी। नामांकन ना होने की दशा में आपके निवेशों तक पहुँचने के लिये आपके अपने परिवार को पूरी कानूनी कार्यवाहियों से गुजरना पड़ेगा। जो कि उनके लिये सिरदर्द तो होगा ही, साथ में उतना ही परेशानी वाला रास्ता भी होगा। और जब आपके परिवार को धन की आवश्यकता होगी तो वे धन होने की स्थिती में भी इसका उपयोग नहीं कर पायेंगे।
nomination    नामांकन बहुत आसान प्रक्रिया है, नामांकन प्रपत्र लगभग हर दस्तावेज के अंत में होता है, जिसमें निवेशक को अपने उत्तराधिकारी की जानकारी भरना होती है जैसे कि नाम, रिश्ता, पता, फ़ोन नंबर, कई जगह एक गवाह की जरूरत होती है, पर आजकल अधिकतर आप सीधे नामांकन कर सकते हैं, एक प्रतिलिपी आप अपने पास रख सकते हैं या फ़िर अपनी निवेश डायरी में नोट कर लें। जिन लोगों ने यह सुविधा नहीं ली है, वे लिखित में एक पत्र देकर नामांकन करवा सकते हैं। नामांकन करना बहुत ही सरल कार्य है।
    याद रखें, आपके लिये नामांकन करने का प्रावधान हमेशा खुला हुआ है, आप कभी भी नामांकन कर सकते हैं, आप विशेषकर इन निवेशों में जरूर नामांकन का उपयोग करें –
१. बैंक में बचत खाता / सावधि जमा खाता ( Saving Account/ Fixed Deposit)
२. बीमा  (Insurance Policy)
३. शेयर एवं म्यूचयल फ़ंड (Shares and Mutual Funds)
४. अन्य जमा जैसे कंपनी डिपोजिट, पीपीएफ़., पीएफ़ (Company Fixed Deposit, Public Provident Fund, Provident Fund)
    वैसे तो साधारणतया: खाता खोलते समय नामांकन की औपचारिकताunomination को पूरा करवा लिया जाता है, परंतु अगर खाता खोलते समय नामांकन नहीं कर पाये हों तो नामांकन बाद में कभी भी किया जा सकता है। आप बाद में नामांकन को बदल भी सकते हैं और हटा भी सकते हैं। और यह केवल वही निवेशक कर सकता है, जिसने नामांकन किया था ।
    अगर आप नामांकन में एक से ज्यादा उत्तराधिकारी बनाना चाहते हैं तो यह भी संभव है, केवल उन उत्तराधिकारियों के सामने उनके हिस्से के प्रतिशत को बता दीजिये।
नाबालिग, ट्रस्ट, सरकार, स्थानीय अधिकारी, गैर निवासियों को भी उत्तराधिकारी बनाया जा सकता है।
उत्तराधिकारियों को धन प्राप्त करने के लिये क्या करना होगा ?
१. सभी बैंकों एवं संस्थाओं में मृत्यु प्रमाण पत्र की एक मूल और एक जेरॉक्स दें ।
२. केवायसी के लिये सही उत्तराधिकारी के प्रमाण पत्र प्रस्तुत करें।
३. अगर निवेश की रकम एक लाख रूपये से ज्यादा है तो संस्था इन्डिमिनिटी बांड की मांग कर सकती हैं।
४. नामांकन ना होने की दशा में संस्थाओं द्वारा वसीयत मांगी जा सकती है, उत्तराधिकार प्रमाणपत्र, अन्य वारिसों से अनापत्ति प्रमाण पत्र की जरूरत होगी।

म्यूचयल फ़ंड में डाइरेक्ट या रेग्यूलर प्लॉन किसमें निवेश करें ?(Where to Invest Mutual fund Direct or Regular plan)

    म्यूचयल फ़ंड में डाइरेक्ट प्लॉन के जरिये निवेश करना एक अच्छा विकल्प है। पर डाइरेक्ट प्लॉन में तभी निवेश करें जब आपको म्यूचयल फ़ंड के बारे में अच्छी जानकारी है, अगर आपको म्यूचयल फ़ंड के बारे में ज्यादा जानकारी नहीं है तो बेहतर है कि आप डाइरेक्ट प्लॉन ना लें और किसी ब्रोकर, एजेन्ट या डिस्ट्रीब्यूटर से ही प्लॉन लें।
    डाइरेक्ट प्लॉन इसी वर्ष १ जनवरी २०१३ से शुरू हुआ है, और यह इस प्लॉन में निवेश करने वालों के लिये म्यूचयल फ़ंड हाऊस ने अपनी लागत कितनी कम की है और निवेशक को कितना फ़ायदा पहुँचाया है यह भी निकट भविष्य में पता चलेगा । फ़ंड हाऊस के हर म्यूचयल फ़ंड स्कीम में अब दो प्लॉन होंगे । एक तो वही पुराना रेग्यूलर प्लॉन और दूसरा डाइरेक्ट प्लॉन जिनकी एन.ए.वी. भी अलग अलग होंगी। डाइरेक्ट प्लॉन में निवेश करने वाले निवेशक को लंबी अवधि में अच्छा फ़ायदा होने की उम्मीद है, परंतु कितना अंतर होगा यह फ़ंड हाऊस कितनी लागत कम करता है और कितना अधिक फ़ायदा निवेशक को देता है।
    रेग्यूलर प्लॉन और डाइरेक्ट प्लॉन की एन.ए.वी. में अभी केवल .१०% से १.२५% तक का अंतर देखने को मिला है। पर यह अंतर पिछले ७-८ महीने का ही है, अगर फ़ंड हाऊस अपनी लागत कम कर डाइरेक्ट निवेशक को ज्यादा फ़ायदा देंगे तो लंबी अवधि में यह अंतर ३ से ५ प्रतिशत तक हो सकता है । हालांकि फ़ंड हाऊस डिस्ट्रीब्यूटर्स, ब्रोकर और एजेन्टों को खुश करने के लिये ज्यादा फ़ायदा भी डाइरेक्ट निवेशक को नहीं देने वाले हैं, अभी भी जिन निवेशकों ने किसी एजेन्ट के जरिये निवेश कर रखा है वे अपने निवेश को डाइरेक्ट प्लॉन में स्विच कर सकते हैं। निवेशक अधिकतर केवल यह कदम इसी दशा में करता है जब उसे डिस्ट्रीब्यूटर्स, ब्रोकर और एजेन्टों से मदद नहीं मिलती । खैर हमने तो अधिकतर यही देखा है कि अभी हमारे निवेशकों में इतनी जागरूकता नहीं है कि वे खुद जाकर फ़ंड के बारे में समझें, जो भी उनके आसपास उन्हें बेचने आ जाता है तो त्वरित निर्णय में म्यूचयल फ़ंडों की खरीदारी की जाती है।
    रेग्य़ूलर प्लॉन में म्यूचयल फ़ंड  लेने से डिस्ट्रीब्यूटर्स, ब्रोकर और एजेन्टों को उनका कमीशन मिलता है जो कि उनके लिये जरूरी भी है, क्योंकि वे उसी कमीशन की कमाई से निवेशक को सुविधाएँ भी देते हैं जैसे कि पता बदलना, बैंक का बदलना, निवेश को एक फ़ंड से दूसरे फ़ंड में स्विच करना, नामांकित करना, निवेश खाते में बदलाव, फ़ोन नंबर बदलना इत्यादि।
    डाइरेक्ट प्लॉन में म्यूचयल फ़ंड लेने पर निवेशक को खुद ही यह सारे कार्य करने पड़ते हैं, वैसे आजकल यह सुविधा बहुत अच्छी हो गई है, लगभग सभी म्यूचयल फ़ंडों में बहुत सारी सुविधाएँ ऑनलाईन / फ़ोन के द्वारा ही उपलब्ध हैं। अगर फ़िर भी परेशानी है तो इन म्यूचयल फ़ंडों के ग्राहक सेवा पर फ़ोन करके परेशानी सुलझायी जा सकती हैं।

अपने भविष्य के लिये अपने वित्तीय पक्ष को कैसे मजबूर करें.. एक दिलचस्प वार्ता अपने परम मित्र के साथ..

   अभी दो दिन के लिये हम सप्ताहांत में उज्जैन आये तो हमने अपने बहुत पुराने सुख के साथी (मित्र के वाक्य) को याद किया और वो एकदम हमारे पास आ गये। वे हमारे उन मित्रों में से हैं जिनके साथ हमने अपनी जिंदगी के बहुत से यादगार पल गुजारे हैं।

   जब बात ऐसे ही चलने लगी तो कहने लगे यार कुछ समझ नहीं आता कि निवेश कैसे किया जाये, कहाँ किया जाये, किस तरह से किया जाये। हमने कहा आजकल तो सारी चीजें ऑनलाईन उपलब्ध हैं, क्यों नहीं तुम ऑनलाईन ले लेते, मित्र ने कहा कि ये सब तुम्हारे लिये बहुत आसान है, अपने लिये नहीं, और नेट पर वित्तीय लेनदेन (Financial Transactions) हमें ठीक नहीं लगता है। हमने कहा कि हम तो अधिकतर यही कोशिश करते हैं कि ज्यादा से ज्यादा ऑनलाईन लेनदेन कर लें, जिससे इधर उधर आने जाने की असुविधा से बच सकें।

    अब आई मुद्दे की बात, किस कैसे निवेश करें, हमने कहा सबसे पहले आपको यह समझना होगा कि आपकी जरूरतें क्या हैं, आपके क्या गोल हैं, जिसके लिये आपको निवेश करना है, तो वह अपने पूरे भोलेपन से बोले – “अरे भाई यह सब तो हम पहली बार सुन रहे हैं, अपना तो दिमाग सुनकर ही चकरा रहा है, जरा खुलकर समझाओ” ।

    हमने कहा देखो व्यक्ति के जीवन में कुछ गोल्स होते हैं जिन्हें उसे अपने वित्तीय जीवन में पा लेना चाहिये अगर निवेश में थोड़ा अनुशासन और नियमितता हो तो यह सारे गोल्स पाना बहुत ही आसान हैं । हमने कहा आमतौर पर व्यक्ति के जीवन में ५ गोल्स होते हैं –

१. कार

२. घर

३. बच्चों की पढ़ाई

४. बच्चों की शादी

५. सेवानिवृत्ति

    आप अपने लिये और भी गोल्स बना सकते हैं, अपनी जरूरतों के अनुसार और बचत को नियमित रूप से बढ़ाते जायें, जैसे कि अगर आप अपने वित्तीय जीवन की शुरूआत में २ हजार रूपये बचत कर रहे हैं, तो कोशिश करें कि हर वर्ष याद हर दूसरे वर्ष उस बचत में वृद्धि करें और अपने गोल्स को जल्दी से जल्दी पा लें।

    अब हमारे मित्र बोले कि चलो अब यह तो समझ में आया, अब हमें यह भी बताओ कि हम हमारी बेटी के लिये १५ वर्ष बाद १५ लाख रूपया चाहते हैं जो कि उसे पढ़ाई में काम आयें, तो कितना और कैसे निवेश करें ?

    हमने कहा भाई तुमको लगभग ३५०० रूपये हर महीने १५ वर्ष तक जमा करने होंगे, यह हम तुमको तब बता रहे हैं जबकि तुम अगर सिप के द्वारा म्यूचयल फ़ंड में जमा करते हो, और हम औसतन ११% के रिटर्न के हिसाब से बता रहे हैं, परंतु बाजार के प्रदर्शन से हम इतना तो कहते हैं कि कम से कम तुमको १५% रिटर्न मिलेगा जो कि लगभग २४ लाख रूपया होता है। अगर जोखिम नहीं लेना है तो थोड़ा ज्यादा निवेश हर माह करना होगा और उसे रिकरिंग डिपोजिट में जमा करते जाओ।

    अब हमारे मित्र बोले कि चलो हम ३५०० रूपया हर माह जमा करेंगे, कैसे करें यह और बताओ, हमने कहा कि जिस भी बैंक में तुम्हारा बचत खाता है उसे बैंक में चले जाओ और उनसे कहो कि मुझे २ म्यूचयल फ़ंड की सिप लेनी है –

१. २००० रूपये प्रतिमाह की IDFC Premium Fund – Growth – Direct

२. १५०० रूपये प्रतिमाह की HDFC Top 200 – Growth – Direct

    अब तुम पहली बार म्यूचयल फ़ंड में निवेश कर रहे हो तो पहली बार बैंक तुमसे KYC का फ़ॉर्म भरवायेगा और फ़िर म्यूचयल फ़ंड की सिप शुरू हो जायेगी।

    और भी बहुत सी बातें हुईं, जानकारियों पर बहुत ही अच्छी बातें हुईं.. जो अगली कुछ और पोस्टों में..

बिना पेन कार्ड के म्यूचयल फ़ंड माइक्रो निवेश सुविधा (Without PAN !!! Invest in Micro Investment Facility)

    बिना पेन कार्ड के म्यूचयल फ़ंड में निवेश करना बहुत मुश्किल है, वह भी जब से नियामक ने KYC के नियम म्यूचयल फ़ंड खरीदने के लिये लागू कर दिये हैं, तब २०११ में नियामक ने म्यूचयल फ़ंड खरीदने के लिये जिन लोगों के पास पेन कार्ड नहीं थे उन लोगों के लिये नियामक ने माइक्रो निवेश सुविधा उपलब्ध करवाई ।

    अभी हाल ही में रिलायंस म्यूचयल फ़ंड ने भी माइक्रो निवेश सुविधा (Micro Investment Facility) उपलब्ध करवाई है, जो कि बाजार में १४ जून से आम निवेशक के लिये उपलब्ध है।

     माइक्रो निवेश सुविधा के तहत निवेशक वर्षभर में ज्यादा से ज्यादा केवल ५०,००० रूपये का निवेश कर सकता है, फ़िर भले ही वह निवेश सिप (SIP – Systematic Investment Plan) या फ़िर एक मुश्त (LumpSum Investment) हो, पर कुल मिलाकर दोनों या एक निवेश ५०,००० रूपयों से ज्यादा नहीं होना चाहिये। और यह ५०,००० रूपये अप्रैल से मार्च के मध्य ही निवेशित होने चाहिये, याने कि अगर किसी को अपना निवेश जारी करना है तो उसे वित्तीय वर्ष का पालन करना होगा ।

    इस सुविधा को केवल वही निवेशक ले सकेगा जिसके पास अधिकृत रूप से पेन कार्ड नहीं है, और अगर अगर निवेशक उस वित्तीय वर्ष के मध्य में इस योजना से निकास करता है तो वह उस ५०,००० रूपये की लिमिट में नहीं आयेगा।

    यह सुविधा केवल व्यक्तिगत, एन आर आई, अल्पवयस्क संरक्षक के साथ, एकल स्वामित्व वाले व्यवसाय एवं संयुक्त खाते को उपलब्ध है। पहले खातेधारी के पास पेन कार्ड नहीं होना आवश्यक शर्त है । अन्य श्रेणियाँ जैसे PIO, HUF, QFI, Non-Individuals इस सुविधा का उपयोग नहीं कर सकते हैं।

म्यूचल फ़ंड क्या करें, क्या न करें ? (Mutual Funds DOS and DON’TS)

    माइक्रो निवेश सुविधा में निवेश करने के लिये निवेशक को निम्न दस्तावेज निवेशक सुविधा केन्द्र पर जमा करने होंगे –

१. साधारण आवेदन पत्र

२. PAN Exempt KYC Reference No (PEKRN) acknowledgement issued by KRA. For more details click here

    यहाँ निवेशक को ध्यान रखना चाहिये कि वह एक वित्तीय वर्ष में केवल ५० हजार रूपये ही निवेश कर सकता है।

micro investment facility

    ऊपर दिये गये उदाहरण में एक्स महाशय एकमुश्त और सिप के जरिये एक वित्तीय वर्ष में जो निवेश कर रहे हैं, वह ५०,००० रूपये से कम है इसलिये यह वैधानिक है, परंतु वाय महोदय का निवेश एक वित्तीय वर्ष में ५०,००० रूपयों से ज्यादा हो रहा है इसलिये इनका आवेदन पत्र ही अस्वीकार कर दिया जायेगा।

निवेशको के हित में सेबी और AMFI का EUIN

    सेबी के परिपत्र CIR/IMD/DF/21/2012 दिनांक १२ सितंबर २०१२ के अनुसार एवं AMFI के विभिन्न दिशानिर्देशों के अनुसार अब म्यूचयल फ़ंड खरीदते समय निवेशक को आवेदन पत्र / ट्रांजेक्शन रिक्वेस्ट पर Employee Unique Identification Number (EUIN) और डिस्ट्रीब्यूटर एवं सबडिस्ट्रीब्यूटर का AMFI Registration Number (“ARN”) क होना सुनिश्चित कर लेना चाहिये।

    EUIN को लागू करने का उद्देश्य है कि निवेशक के हित की रक्षा करना, यह म्यूचयल फ़ंड के गलत जानकारी देकर बेचने पर पर रोक लगाने के लिये कारगार कदम होगा, EUIN से किस व्यक्ति ने म्यूचयल फ़ंड उत्पाद निवेशक को बेचा है, उसकी जानकारी दर्ज हो जायेगी और निवेशक की शिकायत की स्थिती में किस कर्मचारी ने उत्पाद बेचा था, पता लग सकेगा।

whichmutualfund

    EUIN ७ नंबर का एक विशिष्ट नंबर होगा, जो कि AMFI द्वारा दिया जायेगा, और यह उन हरेक संबंधित कर्मचारी / रिलेशनशिप मैनेजर / सैल्स वाले के लिये दिया जायेगा, जो भी निवेशक से म्यूचयल फ़ंड उत्पाद को बेचने की बातें करते हैं / बेचते हैं । EUIN का होना अब जरूरी हो गया है, जब भी निवेशक म्यूचयल फ़ंड उत्पाद खरीदें, हमेशा EUIN का ध्यान रखें।

    निवेशकों को नया आवेदन पत्र का उपयोग करना चाहिये जिस पर ARN Code / Sub Brocker ARN Code / EUIN, Sub broker code (as allotted by ARN holder) उपलब्ध हो। नये आवेदन पत्र अगर आपके ब्रोकर के पास उपलब्ध नहीं हैं तो आप उन्हें कहिये कि म्यूच्यल फ़ंड की वेबसाईट पर उपलब्ध हैं, वहाँ से प्रिंट निकाल लें।

EUIN के बारे में मुख्य बातें –

१. ट्रांजेक्शन जिनके लिये EUIN होना चाहिये –

Purchases, Switches, and for Fresh Registrations of SIP / STP / Trigger STP / Dividend Transfer Plan.

२. ट्रांजेक्शन जिनके लिये EUNI की जरूरत नहीं है –

Ongoing SIP/ STP / SWP / STP Triggers (registered prior to June 1, 2013), Dividend Reinvestments, Bonus Units, Redemption, SWP Registration, Zero Balance Folio creation and installments under Dividend Transfer Plans .

३. उपरोक्त १ नंबर में बताये गये ट्रांजेक्शन EUIN के लिये १ जून २०१३ से प्रभावकारी हैं, जिसमें किसी भी मोड से ट्रांजेक्शन किया गया हो केवल निम्न प्रकार के ट्रांजेक्शनों को छोड़कर, जिनके लिये यह १ अगस्त २०१३ से प्रभावकारी होगा –

  • Mobile / SMS based transactions.
  • Transactions received through the Stock Exchange Platform.

अगर इसके बारे में और ज्यादा जानकारी चाहिये तो आप अपनी म्यूचयल फ़ंड कंपनी की वेबसाईट और उनके टोलफ़्री नंबरों पर संपर्क कर सकते हैं।

एक साथ पूरी रकम किधर और कैसे निवेश करूँ ? (How to Invest and where to invest lump sum money)

    अधिकतर निवेशक इस द्वन्द से गुजरते हैं कि एक-मुश्त रकम (Lump sum amount) को कहाँ और कैसे निवेश (How to Invest) करें। जिन निवेशकों ने निवेश के लिये योजना (Planning for Investment) बना रखी है और योजनाबद्ध तरीके से निवेश (Planned Investment) कर रहे हैं उनके लिये कोई परेशानी नहीं है, परंतु परेशानी उन निवेशकों (Hassle for Investors) के लिये है जिनके पास योजनाबद्ध निवेश  की कोई योजना नहीं है। ऐसे निवेशक बाजार की चाल में आकर (Markets up and down), बाजार की परिस्थितियों (Sentiments of Markets) में घिर जाते हैं और अच्छी योजना में निवेश (Investment in Good Plan) नहीं कर पाते हैं एवं आश्चर्य नहीं है कि असावधानीवश किसी गलत निवेश योजना (Wrong Investment Plan) में निवेश कर बैठते हैं, या फ़िर निर्णय ही नहीं ले पाते हैं।
    वहीं अस्थिर एवं घबराये हुए बाजार में निवेशक सुरक्षा के लिहाज से पारम्परिक निवेश उत्पादों में ही निवेश करते हैं लेकिन वहीं दूसरी तरफ़ चढ़े हुए बाजार निवेशक को अपने निवेश में आक्रामक होने के लिये प्रोत्साहित करते हैं। और ये दोनों ही तरीके निवेशक के लिये लंबे समय में हानिकारक हो सकते हैं। अत्यधिक रूढिवादी तरीके भी निवेशक को  मुद्रास्फ़ीति की मार से नहीं बचा पाते, वहीं आक्रामक निवेश योजना से निवेशक के मूलधन में ही हानि होने की संभावना ज्यादा होती है।
    इसलिये नये निवेशकों को पहले अपने निवेश के लक्ष्य बनाना चाहिये और कितने लंबे समय के लिये निवेश करना है, यह निर्णय लेना चाहिये  और फ़िर  अपनी निवेश योजना बनानी चाहिये। निवेशक को अपने निवेश के प्रारंभिक दौर में पहले उन डाईवर्सीफ़ाईड फ़ंडों पर ध्यान देना चाहिये जो कि लंबे समय से बाजार में अच्छे लाभ दे रहे हैं और बाजार में जम चुके हैं।
    अब बात करें एक मुश्त रकम को कैसे निवेश करें और निवेश की योजना कैसे बनायें तो अगर आप एक साथ एक-मुश्त रकम को निवेश करना चाहते हैं तो सबसे बढ़िया होगा कि आधी रकम एक साथ किसी अच्छे म्यूचयल फ़ंड (Mutual Fund) MF में लगायें और बाकी की आधी रकम सिस्टमेटिक ट्रांसफ़र प्लॉन (Systematic Transfer Plan) [STP] के जरिये निवेश करें।  सिस्टमेटिक ट्रांसफ़र प्लॉन STP में किसी भी अल्पकालिक डेब्ट म्यूचयल फ़ंड में निवेश किया जा सकता है और फ़िर पूर्वनिर्धारित अंतराल याने कि मासिक या त्रैमासिक से पूर्वनिश्चित फ़ंड में ट्रांसफ़र कर सकते हैं। तो इससे निवेशक को फ़ायदा होता है कि बाजार के अलग अलग स्तर पर वह अपनी रकम निवेश कर सकता है। एक साथ बाजार के एक ही स्तर पर उसका निवेश नहीं होता है।
    फ़िर भी अगर आप सोचते हैं कि आप समझदारी से नियमित रूप से नियमित अंतराल पर इक्विटी फ़ंड में निवेश कर सकते हैं तो बाजार के किसी भी स्तर पर बड़ी रकम को भी नियमित अंतराल पर निवेश किया जा सकता है, फ़िर बाजार के स्तरों की फ़िक्र करने की जरूरत नहीं है। वैसे ही अगर आपका इरादा डेब्ट य डेब्ट आधारित फ़ंडों में निवेश करने का है तो आप किसी भी समय बड़ी रकम भी इन फ़ंडों में निवेश कर सकते हैं। नि:सन्देह सफ़लता की कुँजी है सही फ़ंडों का चुनाव जैसे कि अल्ट्रा शॉर्ट, शॉर्ट टर्म या इन्कम फ़ंड, यह आपके निवेश की अवधि पर निर्भर करता है।
    सबसे महत्वपूर्ण बात याद रखें कि आप अपने निवेशित पोर्ट्फ़ोलियो से यथार्थ और कम रिटर्नों की अपेक्षा रखें, इसलिये अपने निवेश में सभी तरह के निवेश उत्पादों का उपयोग करें, जिससे आपके निवेश में जोखिम और लाभ का संतुलन बराबर रहेगा।

म्यूचयल फ़ंड में घाटा हुआ है.. क्यों.. कैसे निवेश करें..

आज की जटिल वित्तीय दुनिया में, निवेश के लिये निर्णय लेना भी बहुत बड़ी चुनौती बन चुकी है। दुर्भाग्यवश से एक अच्छा निवेश का विकल्प म्युचयल फ़ंड भी व्यक्तिगत निवेश के जगत में स्थाई जगह नहीं बना पाया है। वस्तुत: म्यूचयल फ़ंड स्कीमों में निवेश के विभिन्न विकल्प विभिन्न आवश्यकताओं के अनुसार उपलब्ध होते हैं । इसलिये यह सही समय है निवेशक के लिये, म्यूचयल फ़ंड के बारे में सोच बदलने का और म्यूचयल फ़ंड को अपने निवेश का अविभाज्य अंग बनाना चाहिये।

अधिकतर जिससे भी बात करो वह यही कहता है कि हमने पहले म्यूचयल फ़ंड में निवेश किया था और उसमें हमें घाटा हुआ, फ़िर से म्यूचयल फ़ंड में निवेश करना चाहिये ?

अगर वाकई आप भी उन निवेशकों में से एक हैं जिन्होंने पूर्व में म्यूचयल फ़ंड में घाटा खाया है और अब म्यूचयल फ़ंड से दूर रहते हैं, तो आपको वापिस से सोचने की जरूरत है। नि:सन्देह बहुत सारे निवेशक पिछले कुछ वर्षों में बाजार से उम्मीद के मुताबिक नतीजे नहीं मिले हैं, म्यूचयल फ़ंड के खराब प्रदर्शन से, मिस सैलिंग से, एवं निवेश को बढ़ने के लिये उचित समय नहीं दिये जाने से बुरी तरह से प्रभावित हुए हैं । फ़िर भी वास्तविकता में म्यूचयल फ़ंड के जरिये निवेश करना एक बेहतरीन तरीका है, और खासकर उन निवेशकों के लिये जो सीधे शेयर बाजार / डेब्ट बाजार को नहीं समझते हैं । मुद्दे की बात यह है कि सही म्यूचयल फ़ंडों का चयन किया जाये और अनुशासित तरीके से निवेश किया जाये।

इसके अतिरिक्त भी सभी निवेशित परिसंपत्तियों से अच्छा रिटर्न पाने के लिये विविध तरीके अपनाये जाने चाहिये। उदाहरणार्थ – इक्विटी में निवेश लंबे समय के लिये होता है, और इसके लिये बाजार के अशांत समय में धीरज रखने की आवश्यकता होती है । इक्विटी बाजार को टाईम करना व्यर्थ है। अधिकतर निवेशक जिन्होंने प्रयास भी किया उन्होंने पारम्परिक भूल दोहराई है महँगा खरीदा और सस्ता बेचा। ध्यान रखिये निवेश को लंबे समय अवधि रखने का दृष्टिकोण अपनायें इससे आपकी जिंदगी भी आसान होगी।

तो आगे बढ़िये और आज से ही एस.आई.पी. SIP में निवेश करें और अपना भविष्य सुरक्षित करें।

ये भी पढ़ें –

स्विप या सिप में क्या सारा पैसा एक ही फ़ंड में लगाना उचित है ? (Investment should be in 1 fund ?? in SIP or SWP)

राजीव गांधी इक्विटी सेविंग स्कीम (RGESS) में निवेश

RGESS राजीव गांधी इक्विटी सेविंग स्कीम में आप टैक्स बचत का फ़ायदा ले सकते हैं अगर आपने अभी तक शेयर बाजार में निवेश नहीं किया है। इस स्कीम में आप म्यूचयल फ़ंड में भी निवेश कर सकते हैं इसमें ओपन एन्डेड और क्लोज एन्डेड दोनों स्कीम पिछले वर्ष आयी थीं ।

RGESS राजीव गांधी इक्विटी सेविंग स्कीम  में आप जिस वर्ष में निवेश करते हैं केवल उसी वर्ष के लिये टैक्स का फ़ायदा होगा, हालांकि आपका निवेश आप अगले तीन वर्ष तक नहीं निकाल सकते हैं, और ना ही आपको टैक्स पर अगले तीन वर्ष तक छूट मिलेगी । केवल पहली बार ही टैक्स का फ़ायदा होगा ।

पहले एक वर्ष तक कोई ट्रांजेक्शन नहीं किया जा सकता है, पहले एक वर्ष में ट्रांजेक्शन लॉक इन होता है, परंतु अगले दो वर्षों में आप उसी पोर्टफ़ोलियो में किसी और स्कीम में ट्रांसफ़र कर सकते हैं, ट्रेडिंग कर सकते हैं, परंतु बेच नहीं सकते। तीन वर्ष के लॉक इन के बाद ही आप RGESS राजीव गांधी इक्विटी सेविंग स्कीम में किये गये निवेश को बेच सकते हैं।

RGSS  राजीव गांधी इक्विटी सेविंग स्कीम स्कीम नये निवेशक के लिये भारत सरकार द्वारा लायी गई है।

डीमैट के जरिये म्यूचयल फ़ंड में निवेश करने के फ़ायदे..

डीमैट के जरिये म्यूचयल फ़ंड में निवेश करने का सबसे बड़ा फ़ायदा होता है कि आपको किसी भी पेपर पर हस्ताक्षर नहीं करने होते हैं, जब आप ऑफ़लाईन याने कि किसी ब्रोकर या सीधे कंपनी से म्यूचयल फ़ंड लेते हैं तो उसमॆं आपको बहुत सारे पेपर पर हस्ताक्षर करना पड़ते हैं, और नये निवेश के लिये, स्थानांतरण और निवेश निकालने के लिये भी पेपर का ही उपयोग करना पड़ता है।

डीमैट के जरिये निवेश करने से आपको किसी भी पेपर का सहारा नहीं लेना पड़ेगा, निवेश संबंधित सारे लेने देन बिना किसी पेपर के कर सकते हैं । डीमैट में निवेश लेने से ऐसा कोई फ़ायदा नहीं है कि आपको रिटर्न ज्यादा मिल सके, क्योंकि इसका आपके निवेश पर कोई असर नहीं होने वाला है। डीमैट के जरिये निवेश करने से केवल आपको निवेश करने की सुविधा अच्छी हो जाती है, आप आराम से निवेश कर सकते हैं।

बस यहाँ पर आपको डीमैट के शुल्क जो भरने पड़ते हैं वे तो लगेंगे ही उसके अलावा आपको म्यूचयल फ़ंड खरीदने और बेचने का ब्रोकरेज भी देना पड़ेगा जो कि अलग अलग ब्रोकरेज कंपनियों के अलग अलग होते हैं। बस इससे निवेश की सुविधा अच्छी हो जाती है, आप ऑनलाईन खरीद सकते हैं, ब्रोकरेज हाऊस की ब्रांच में डीलर को फ़ोन करके भी खरीद सकते हैं ।