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अपनी उम्र बढ़ने से रोकने के उपाय

उम्र बढ़ती जाती है और यह जीवन चक्र का निश्चित क्रम है। लेकिन मुख्य प्रश्न यह है कि हम अपनी उम्र के साथ बढ़ते हुए कैसे कम से कम दवाइयों और डॉक्टरी सुख सुविधाओं को लेते हुए आगे बढ़ें। हममें से अधिकतर लोग स्वास्थ्य बीमा में बहुत सा पैसा खर्च करते हैं, लेकिन हममें से ऐसे कितने लोग हैं जो स्वास्थ्य ठीक रखने के लिए पैसा खर्च करते हैं। हम लोगों ने यह मान लिया है और यह समझ लिया है कि उम्र बढ़ने के साथ में बीमारियाँ और दर्द आते जायेंगे। तो यहाँ हम बात करेंगे कि किस प्रकार से अपने स्वास्थ्य का ध्यान रखें और जब उम्र बढ़ती है तो अपने जीवन चक्र में क्या क्या ध्यान रखें। ऐसे ही अपनी उम्र बढ़ने से रोकने के उपाय पर हम बात करते हैं। Continue reading अपनी उम्र बढ़ने से रोकने के उपाय

और दौड़ के लिये समय निकल ही आया

अक्टूबर से दौड़ना बंद था, कभी किसी काम में व्यस्त तो कभी किसी काम में और समय ही नहीं निकल पाया, दरअसल दौड़ हमारी पिछले वर्ष जुलाई से ही कम हो गई थी। पर खैर देर आयद दुरुस्त आये। आज से फिर दौड़ शुरू की है, सबसे बड़ी समस्या समय की है, समय उतना ही है और काम बहुत सारे करने हैं। तो सोचा कि चलो अब नींद के समय में से थोड़ा समय चुराया जाये, अभी 6 बजे उठ रहे थे, अब आज से सुबह 5 बजे उठना शुरु कर दिया, और दौड़ के लिये समय निकल ही आया और साथ ही आधा घंटा बोनस का अपने पढ़ने लिखने के लिये ओर मिल गया।

दौड़
दौड़

सबसे बड़ी समस्या केवल और केवल आलस है। आज जब सुबह तैयार होकर दौड़ने जा रहे थे, तो लग रहा था कि आज किसी बहुत बड़ी समस्या का हल निकल गया है और फिर जब धीरे धीरे दौड़ना शुरू किया तो सारी समस्या ही खत्म हो गई। एक किमी दौड़ने के बाद जब पसीना आना शुरु हुआ तो समझ आया कि यह अहसास कितना अच्छा है। सुबह दौड़ते समय ताजी हवा से फेफड़े भी प्रसन्न हो रहे थे। सुबह कोई शोरगुल नहीं, न कार न स्कूटर, यहाँ तक कि सड़क पर पैदल चलने वाले भी नहीं थे। बस दूध देने वाले, समाचार पत्र देने वाले या कार साफ करने वाले दिख रहे थे। सुरक्षाकर्मियों की सुबह की ड्यूटी बदल रही थी, वे अपने नियत स्थान पर जा रहे थे। हमने देखा कि अब सारे सुरक्षाकर्मी बदले हुए हैं, वो भी 2-4 दिन में हमें पहचान जायेंगे, वैसे भी जब कॉलोनी के गेट से निकलते हैं, तो पहचानते तो होंगे ही।

हर एक राऊँड के बाद में पानी जरूर पी लेता हूँ, मेरा एक राऊँड लगभग 1.5 किमी का होता है, सतीश सक्सेना जी से बात करते हुए हमें भी यह लगा था, कि जब रिक्शे वाला कितने ही किमी बिना कोई एनर्जी ड्रिंक लिये रिक्शा खींच लेता है, तो हम क्यों लें, वैसे ही खेत का मजदूर, या अनाज मंडी का हम्माल। अब हम भी केवल दौड़ते हुए केवल पानी पीते हैं, हाँ जब लंबी दूरी के लिये दौड़ना होगा तब कुछ न कुछ एनर्जी ड्रिंक लेना ही होगा, क्योंकि पसीने के साथ सारा नमक निकल जाता है।

घर आते ही जबरदस्त वाली भूख लगने लगी, तो रिलेक्स करने के बाद सबसे पहले एक केला खाया और फिर 5 मिनिट का आराम करने के बाद नहाने चल दिये। अब अपने रोज के कार्य करने के लिये तैयार हैं, तो सोचा कि उसके पहले 10-15 मिनिट में अपने अनुभव ब्लॉग पर लिखते चलें।

वैसे शेयर बाजार आज अच्छा करने की संभावना है, क्योंकि वैश्विक बाजारों ने मंदी से उबरने के संकेत दिये हैं। सुबह ही सुना कि हीरो मोटर्स के नतीजे अच्छे आये हैं और उन्होंने 55 रूपये का डिविडेंड दिया है, हीरो मोटर्स के शेयर का भाव लगभग 3500 रूपये है, उस हिसाब से डिविडेंड का प्रतिशत 2 भी नहीं आता है, इससे बेहतर है कि REC के शेयर खरीदे जायें, जहाँ कि डिविडेंड यील्ड़ बहुत अच्छी है।

अवचेतन मस्तिष्क subconscious mind

शुक्रवार को सुबह मन अनमना था, कुछ न कुछ उधेड़बुन मन में लगी हुई थी। उठने के बाद से ही लग रहा था कि आज कुछ गड़बड़ होने वाली है, ऐसा मेरे साथ पहली बार नहीं हो रहा था, पहले भी कई बार हो चुका है। मुझे कई बार पूर्वाभास हो जाता है, मेरे अवचेतन मस्तिष्क में यह बात चौंकी भी थी कि आज बाईक फिसल सकती है और कुछ चोट लग सकती है। ऑफिस जाने से पहले मैंने कई बार सोचा कि आज कार से जाया जाये, परंतु बैंगलोर का यातायात ऐसा है कि जितना देर होते जाता है, उतना ही कठिन गाड़ी चलाना होता जाता है। हमें तैयार होते होते थोड़ी देर हो ही गई, बाईक से ही जाने का निश्चय किया। बारिश का भी मौसम था, सोचा था कि बारिश से भी थोड़ा बच लेंगे, परंतु भाग्य से पूरे रास्ते बारिश नहीं मिली। Continue reading अवचेतन मस्तिष्क subconscious mind

हानिकारक बापू

हानिकारक बापू – यह गाना है आमिर खान की फिल्म दंगल का, जबसे हमारे बेटेलाल ने यह गाना सुना है, तब से वे इसे कई बार सुन चुके हैं और लगभग याद ही कर लिया है। अब आलम यह है कि जब भी हम या घरवाली कुछ कहने को होते हैं तो बस इस गाने को गाना शुरू कर देते हैं। हमें भी उत्सुकता हुई कि आखिर यह गाना बना ही क्यों ?

फिल्म की कहानी और ट्रेलर से इतना पता चला कि मुख्य अभिनेता आमिर खान जो कि एक पहलवान की भूमिका में हैं और घर में बेटे होने का इंतजार कर रहे होते हैं, परंतु उनके घर में केवल लड़कियाँ ही पैदा हो रही होती हैं, और ये स्वर्ण पदक जीतने में नाकामयाब रहे तो अपना यह सपना अपने बेटे से पूरा करवाना चाहते हैं। पर एक दिन उनकी दो लड़कियों नें दो गाँव के छोरों को धो दिया तो पहलवान पिता ने सोचा कि पदक तो बेटी भी ला सके है और बस पहलवान पिता दोनों बेटियों के पीछे लग गया कि अब तो ये छोरियाँ ही स्वर्ण पदक लायेंगी। Continue reading हानिकारक बापू

दौड़ते रहें, स्वस्थ्य रहें, सुखी रहें

कल Neeraj Jat के फेसबुक स्टेटस पर आदरणीय Satish Saxena जी ने बताया था कि कैसे दौड़ना शुरू करना है, वॉक रन वॉक रन और कौन कौन से दिन करना है, शनिवार या रविवार को 8 किमी या उससे अधिक करना सुझाया था, कल बरसात भी थी, ठंड भी थी, और रजाई भी थी, तो हम आलस कर गये। आज सुबह मौसम बढ़िया था, सुबह उठकर निकल लिये कम से कम 8 किमी दौड़ने का इरादा था, परंतु स्वेटशर्ट पहनकर दौड़ने से 8 किमी पूरा नहीं कर पाये, स्वेटशर्ट पूरी गीली हो गई और इतनी भारी शर्ट पहनकर दौड़ना बहुत मुश्किल लग रहा था, तो जैसे तैसे 6.8 किमी दौड़ लगभग 48 मिनिट में पूरी की और घर आ गये। एवरेज फिर भी 7.10 मिनिट किमी का रहा, जो कि ठीक ही है। Continue reading दौड़ते रहें, स्वस्थ्य रहें, सुखी रहें

दौड़ना क्यों (अपने लिये) ?

दौड़ना क्यों (अपने लिये) ?

बहुत अहम सवाल है, आखिर दौड़ना क्यों, सवाल का ऊपर ही जबाब दिया है जी हाँ अपने लिये, और किसी के लिये नहीं केवल अपने लिये। कल रात को हाथ की कलाई और पैर के घुटनों में थोड़ा दर्द था, ये हड्डी वाला दर्द भी हो सकता है, परंतु हमने रात को हाथ पैरों की तेल से मालिश की और सुबह सब ठीक हो गया। रात को ही मन था कि सुबह दौड़ना है भले 4,5,6,7,8,9 या 10 किमी, पर दौड़ना है, लक्ष्य कम से कम 4 किमी का और अधिकतम 10 किमी दौड़ने का निर्धारित किया था ।

दौड़ना क्यों
दौड़ना क्यों

सुबह उठा तो दौड़ने की बिल्कुल इच्छा नहीं थी परंतु फेसबुक पर एक रनर के द्वारा शेयर किया गया फोटो ध्यान आ गया और उसको ध्यान में रखकर दौड़ने के लिये तैयार हो गया। उस फोटो में संदेश था कि क्यों घर में बैठकर बोर हो रहे हो, चलो थोड़ा प्रकृति में और दौड़कर आयें, जिससे शरीर भी ठीक रहे। दौड़ने के लिये बहुत सारे फेक्टर कार्य करते हैं, अगर आप सोशल मीडिया का उपयोग करते हैं तो ट्विटर, फेसबुक, स्त्रावा पर रनर्स को अपना दोस्त बनायें, वे सभी अपने अनुभव साझा करते रहते हैं, जिससे आपको दौड़ने के बारे में बहुत कुछ पता चलता रहेगा और दौड़ने के लिये हमेशा ही तैयार रहेंगे।

अकेले दौड़ना वाकई बहुत मुश्किल कार्य होता है, इसके लिये या तो आप अपने साथ किसी और को भी दौड़ायें, परंतु थोड़े दिनों बाद ही ये युक्ति भी काम नहीं आयेगी, क्योंकि दोनों के दौड़ने की रफ्तार कम ज्यादा होगी तो साथ रहेगा जरूर, परंतु दौड़ नहीं पायेंगे। अपने स्मार्ट फोन का उपयोग करें और साथ में कुछ सुनते जायें, गाने सुनने का शौक है तो गाने सुनते जायें, पॉडकॉस्ट भी डाउनलोड करके सुन सकते हैं। मेरी आदत दौड़ते हुए पॉडकॉस्ट सुनने की है, मुझे लगता ही नहीं कि मैं दौड़ भी रहा हूँ, ऐसा लगता है कि कोई मुझसे बात कर रहा है, या मैं किसी और ही चीज में व्यस्त हूँ, और दौड़ना केवल एक प्रक्रियाभर है। गाने सुनते हुए दौड़ना मेरे लिये बहुत मुश्किल होता है, क्योंकि गाने बदलते रहते हैं और उनके स्वर दौड़ने की प्रक्रिया को बाधित करते हैं। पॉडकॉस्ट अपनी पसंद के डाउनलोड कर सकते हैं, मुझे फाईनेंस, लाईफ स्टाईल, फैक्ट्स, पर्सनलिटी इम्प्रूवमेंट इत्यादि के चैनल बहुत पसंद हैं। मेरा सबसे पसंदीदा चैनल है टैड रेडियो ऑवर।

अपने लिये दौड़ने से आप दिनभर खुश रहते हैं, आपको अपना वजन कम लगने लगता है। भूख खुलकर लगती है, अपने खुद के ऊपर गर्व होने लगता है कि जो अधिकतर जनता नहीं कर सकती वो आप कर सकते हैं। जब किसी कठिन चढ़ाई या घूमने के लिये जाते हैं तो आपका यह स्टेमिना आपके बहुत काम आता है। इस बार मैं घूमने गया तो 4-5 घंटों तक चलने और खड़े होने पर मुझे किसी भी प्रकार से थकान का अनुभव ही नहीं हुआ। रोज कम से कम 35 मिनिट तेज वॉक या दौड़ना चाहिये। चलने की जगह दौड़िये, दौड़ना बहुत आसान है, मेरी पिछली पोस्ट दौड़ना कैसे शुरू करें को पढ़कर समझ सकते हैं कि कैसे दौड़ा जाये। 35 मिनिट इसलिये कि रोज हमें हमारे दिल को जो कि धड़कता है उसकी रफ्तार 140 पल्स तक ले जानी चाहिये, हमारे दिल याने ह्रदय की धड़कने की सामान्य गति 60-100 पल्स प्रति मिनिट होती है। दौड़कर हम कॉर्डियो व्यायाम करते हैं, जिससे दिल अपने भरपूर रफ्तार से धड़कने को परख लेता है, और यह व्यायाम हमें रोज ही करना चाहिये।

दौड़ना शुरू करें, दौड़ना आपके जीवन में खुशियाँ भर देगा।

दौड़ना कैसे शुरू करें। (How to Start Running)

दौड़ना कैसे शुरू करें। (How to Start Running)

दौड़ना तो हर कोई चाहता है परन्तु सभी लोग लाज शर्म के कारण और कोई क्या कहेगा, इन सब बातों की परवाह करने के कारण दौड़ नहीं पाते हैं। दौड़ना चाहते भी हैं तो कुछ न कुछ बात उनको रोक ही देती है, और दौड़ने के पहले हम तेज चलने लगते हैं, कि ऐसे ही स्टेमिना बनेगा और दौड़ पायेंगे। कई बार हम दौड़ इसलिये नहीं पाते क्योंकि हमें झिझक होती है कि हमारे पास दौड़ने वाले जूते नहीं हैं, टीशर्ट और लोअर नहीं है, दौड़ने का समय नहीं है इत्यादि इत्यादि। यकीन मानिये ये सब बहाने हैं, और अगर आप दौड़ना चाहते हैं तो एक उत्साहवर्धन करने वाले व्यक्ति की और आपके अपने आत्मविश्वास, लगन और मेहनत की कमी है।

मैं लगभग पिछले 10 वर्षों से दौड़ने की कोशिश में लगा हुआ था, परन्तु बहुत सारी चीजों के कारण संभव नहीं हो पाता था, जैसे कि मैं थक जाता हूँ, मैं दौड़ नहीं सकता, मेरी साँस फूल जाती है, मेरे पैर दर्द करने लगते हैं, मेरे पैर सही नहीं पड़ते हैं।

दौड़ना बहुत आसान है, दौड़ने का मतलब यह नहीं है कि लगातार दौड़ना है, थक जायें तो थोड़ा पैदल चल लें या अपने दौड़ने की गति सुविधानुसार धीमी कर लें। लगभग सभी यही समझते हैं कि दौड़ना मतलब कि केवल दौड़ते ही रहना, तो यह गलत भ्रांति है। जो लोग 10,21 या 42 किमी भी दौड़ते हैं वे भी जब तक पूरी तरह से प्रेक्टिस न हो लगातार नहीं दौड़ सकते हैं।

दौड़ना कैसे शुरू करें –

सबसे पहले दौड़ने का मन बनायें और अपने आप को दौड़ने के लिये मानसिक तौर पर तैयार करें। सुबह का समय सबसे बेहतर है दौड़ने के लिये, इसलिये कोशिश करिये कि सुबह जल्दी उठिये और पाँच या साढ़े पाँच बजे तक घर से दौड़ने के लिये निकल जाये। सुबह पंछियों के कलरव को ध्यान से सुनें, जीवन का संगीत सुनाई देगा, सुबह की हवा आपको ताजगी का अहसास करवायेगी।

सौ कदम गिनकर चलें और फिर पचास कदम गिनकर ही दौड़ें, पचास कदम दौड़ने के बाद सौ कदम चलें, ऐसे करके सात दिनों तक यही दोहरायें। सात दिनों में आप पायेंगे कि आप पचास कदम आराम से दौड़ने लगे हैं। एक सप्ताह बाद से याने कि आठ से पंद्रह दिन तक सौ कदम पैदल चलें और सौ कदम दौड़ें याने कि केवल 50 कदम दौड़ने में बढ़ायें। और इसी तरह दौड़ने के कदम हर सप्ताह बढ़ाते जायें, बीच में जब भी आपको लगे कि आपको थकान लग रही हैं, आराम चाहिये, दौड़ते नहीं बन रहा है तो पैदल चलने लग जाइये।

सबसे पहले अपने दिमाग से यह निकाल दें कि दौड़ना मतलब कि दौड़ते ही रहना, जब भी आपको लगे कि आपका शरीर अब दौड़ नहीं पा रहा है तो आप पैदल चलना शुरू कर दें। यह भी ध्यान रखें कि दौड़ने में थकान मतलब कि मानसिक थकान होती है, शारीरिक थकान भी होती है, पर मानसिक थकान आपको थका देती है और कहती है कि बस बहुत हुआ, अब नहीं दौड़ो, जबकि शारीरिक थकान में आपको मानस को मजा आता है, आपका शरीर कहेगा कि बस अब मत दौड़ो पर आपको दौड़ के बाद की थकान से आपको मानस को मजा आयेगा।

जब आप दौड़ना शुरू करेंगे तो यह भी सोचेंगे कि बहुत ही कम लोग दौड़ते हैं, पर यह ध्यान रखें कि जो भी कार्य आप करते हैं या करने की शुरूआत करते हैं, उससे संबंधित गतिविधियाँ दिखाई देने लगती हैं, या लोग दिखने लगते हैं। पहले जब मैंने दौड़ना शुरू किया था, तब केवल मैं अकेला ही दौड़ता हुआ दिखाई देता था, पर मैंने देखा धीरे धीरे बहुत से लोग दौड़ रहे हैं। यह हो सकता है कि पहले मुझे ये लोग दिखाई नहीं देते थे, परंतु अब दिखाई देते हैं। पर अब यह देखकर खुशी होती है कि जो लोग पैदल चलते थे, वे हमें देखकर दौड़ने लगे हैं, यह संख्या एकदम से नहीं बढ़ी, धीरे धीरे बढ़ी, अब कम से कम रोज ही 10 लोगों को दौड़ते हुए देखना सुखद लगता है जो कि पहले पैदल चलते थे।

दौड़ने के पहले क्या करें-

दौड़ने के पहले कुछ हल्का फुल्का व्यायाम कर लें, जिससे शरीर गर्म हो जाये। सुबह उठने के बाद एक या दो केला खा लें, पानी पी लें। बहुत ज्यादा पानी भी न पियें। दौड़ने जाने के पहले ही निवृत्त हो लें। थोड़ा सा एनर्जी ड्रिंक पी लें।

दौड़ते समय क्या करें –

दौड़ते हुए बहुत पसीना निकलता है जिससे शरीर में पानी की कमी हो जाती है, इसलिये दौड़ते समय पानी घूँट घूँट पीते रहें, जिससे शरीर में पानी की कमी न हो। अगर पाँच किमी से ज्यादा दौड़ रहे हैं तो एनर्जी ड्रिंक जरूर पी लें, पारले जी बिस्किट भी खा सकते हैं।

दौड़ने के बाद क्या करें –

दौड़ने के बाद एकदम से रूके नहीं, बैठे नहीं, थोड़ी दूर पैदल चलते रहें या फिर धीमी गति से दौड़कर शरीर को ठंडा होने दें। कूल डाऊन व्यायाम करें, जिससे आपके शरीर की माँसपेशियों को मजबूती मिलेगी और यह आपके शरीर के लिये बहुत अच्छा भी होगा क्योंकि दौड़ने के बाद आपका शरीर गरम होता है और शरीर का हर अंग अपने अधिकतम उपयोग की स्थिती में होता है। खूब पानी पियें और 10-15 मिनिट में ही नाश्ता कर लें। केला जरूर खा लें, इससे आपकी सोडियम की कमी पूरी हो जायेगी, जो कि दौड़ में पसीने के साथ आपके शरीर से निकल गया होता है। 35-40 मिनिट में ही नहा लें।

थकान कैसे दूर करें –

जब लंबी दूरी की दौड़ पूरी करते हैं तो अच्छी खासी थकान हो जाती है, उसके लिये शरीर को आराम की भी जरूरत होती है। आप पैरों की तेल से मालिश कर लें, पैरों को ठंडे पानी में डुबोकर रखें। पैरों को किसी से दबवा लें। जिस दिन सुबह दौड़कर आयें उस दिन दोपहर को 2-3 घंटों की नींद जरूर लें। जिससे पैरों के टूटे हुए टिश्यू को जुड़ने में मदद मिलेगी।

दौड़ने के लिये हमें कठिन व्यायाम भी करने चाहिये, जिससे हमारे हाथ, पैरों, कंधे और जाँघ की माँसपेशियाँ मजबूत हों और वे हमारे दौड़ने में सहायक हों। जब माँसपेशियाँ मजबूत होंगी तो आप तेजी से दौड़ पायेंगे या धीमे धीमे ज्यादा दूरी तक दौड़ पायेंगे।

अभी दौड़ने पर बहुत चर्चा बाकी है, तो आगे इसी विषय पर लिखने की कोशिश जारी रहेगी। अनुभवी लोग अपने सुझाव दें जिससे हम नये दौड़ने वालों के लिये कोई परेशानी न हो।