आगरा में ताजमहल जूते खरीदने के लिये जाना.. (Purchased Shoes from Tajmahal, Agra)

    वृन्दावन से मथुरा होते हुए सीधे आगरा निकल पड़े और सोचा गया कि पहले ताजमहल पर अपनी खरीदारी कर फ़िर परिचित के घर मिलने जायेंगे।

    दोपहर में सूर्य देवता अपने पूरे क्रोध पर थे और ताजमहल पहुँचकर तो उनका प्रकोप देखते ही बनता था, दोपहर के २ बजे थे फ़िर भी पर्यटकों का तांता लगा हुआ था।

    जी हाँ हम ताजमहल खरीदारी करने गये थे ना कि ताजमहल देखने, ताजमहल बहुत बार देख चुके हैं और इतनी कड़ी धूप में इतनी चलने की भी श्रद्धा नहीं थी। गाड़ी पार्किग के पास मीना बाजार है और उसके आगे जायें तो एक और बाजार पड़ता है जो कि उत्तरप्रदेश हैंडलूम्स का है, जहाँ सरकारी दुकानें हैं, संगमरमर से बने समानों की, बिस्तर,  चमड़े के जूते यहाँ की विशेषता है।  दो वर्ष पूर्व हमने यहाँ से चमड़े का एक जूता लिया था जो कि हमने लगभग हर मौसम में पहना और जितनी बुरी तरह से उपयोग कर सकते थे किया, परंतु मजाल उस जूते को कुछ हुआ हो, वह अब भी वैसा ही है, जैसे कि नया ही लिया हो।

    जूते की खासियत है कि यहाँ केवल भेड़ और ऊँट के चमड़े के ही जूते मिलते हैं, और टिकाऊ इतने कि अच्छी अच्छी कंपनियाँ भी शर्मा जायें। और जब मन भर जाये तो इन जूतों को वापिस कर दीजिये और कीमत का ५०% आपको वापिस मिल जायेगा।

तांगे में (आगरा) ऊँट गाड़ी आगरा

    इस बार हमने बिना लैस के जूते खरीदे और एक जोधपुरी चप्पल भी खरीदी, जब एक बार समान उपयोग कर लिया तो फ़िर विश्वास जम ही जाता है। जब हम जूते खरीद रहे थे तो और भी लोग जूते देख रहे थे, परंतु वही विश्वास वाली बात है कि इतनी जल्दी कोई थोड़े ज्यादा रुपयों की चीजें खरीदने की हिम्मत नहीं करता । खैर पिछली बार हमने २५५० रुपये के जूते लिये थे इस बार १५५० रुपये के जूते और ९५० रुपये की जोधपुरी चप्पल खरीदी। जो कि वुड्लैंड जैसी कंपनी के जूते चप्पलों से सस्ती और टिकाऊ है, आराम के मामले में बीस ही है। अच्छी बात यह है कि आप पैमेन्ट क्रेडिट कार्ड से भी कर सकते हैं।

    गर्मी के मारे बुरा हाल था तो आने जाने का तांगा कर लिया गया और वापिस पार्किंग पर आने पर कंचे वाली बोतल का सोडा गटागट पिया गया, थोड़ा तरोताजगी लगी तो फ़िर चल दिये परिचित के यहाँ, उसके पहले उपहार खरीदने निकल पड़े सदर की और, वहाँ पहुँचकर घरवाली तो चल दी उपहार खरीदने और हम चल दिये कुछ ठंडा पीने और खाने, हमने और बेटेलाल ने मिलकर ठंडा खा पीकर गर्मी भगाने की कोशिश की।

    शाम को परिचित के घर से मिलकर फ़िर एक बार आगरा बाजार में आये और गमछा खरीदा, फ़िर शाम के भोजन के लिये डोमिनोस पिज्जा गये, इच्छा तो रामबाबू के परांठे खाने की थी, परंतु समय की कमी के चलते पिज्जा से काम चलाया गया और फ़िर फ़टाफ़ट चल दिये आगरा कैंट रेल्वे स्टेशन।

यमुना नदी जो अब नाले में तब्दील हो चुकी है। आगरा का पुराना लोहे का पुल

आगरा के बाजार का एक दृश्य और बैनर ग्राहकों से निवेदन

जामा मस्जिद आगरा यह पूर्व के लगभग हर प्रदेश में देखने को मिलेगा।

    आगरा कैंट रेल्वे स्टॆशन पर हमारी गाड़ी के ड्राईवर बोले कि बाहर ही उतार देता हूँ अंदर पार्किंग शुल्क ले लेते हैं, हमने कहा ऐसे कैसे ले लेंगे चलो हम देखते हैं, क्या किसी को छोड़ने भी नहीं आ सकते, अपना समान उतारा और जब ड्राइवर गाड़ी चलाने को हुआ तो पार्किंग शुल्क देने को कहा गया, हमने कहा चलो यह बताओ कि तुम्हारा पार्किंग का एरिया क्या है और उसके क्या नियम हैं, चलो पुलिस थाने वहाँ जाकर बात करते हैं। पार्किंग वाला बंदा चुपचाप खिसक लिया।

    आगरा कैंट पहुँचे तो देखा कि अभी तो ट्रेन आने में १ घंटे का समय है और बाहर तो गर्मी के मारे हलकान हुए जा रहे हैं, तो समान एक जगह रख अपने परिवार को कहा कि हम देखकर आते हैं अगर उच्चश्रेणी प्रतीक्षालय मिलता है तो देखते हैं, और अच्छी बात यह हुई कि उच्चश्रेणी प्रतीक्षालय मिल भी गया और वातानुकुलन भी काम कर रहा था, रेल्वे की इतनी अच्छी सुविधाएँ देखकर बहुत अच्छा लगा।

खैर ट्रेन आई और लगभग ३० मिनिट लेट, हम चल दिये उज्जैन की और ।

10 thoughts on “आगरा में ताजमहल जूते खरीदने के लिये जाना.. (Purchased Shoes from Tajmahal, Agra)

  1. मैं तो चमड़े की चीजों से बचने का ही प्रयत्न करता हूं इसलिए चमड़े के जूते तो पहनने बन्द ही कर दिये हैं. चलिए अब उज्जैन के बारे में बताइये.

  2. जैसा कि आपको पहले भी बता चूका हूँ … आगरा में आप से मिलने की सोच रहा था … पर जब आप ने बताया कि केवल ४ -५ घंटे ही है आप के पास तो फिर विचार छोड़ दिया … अब देखते है कब मिलना होता है !!

  3. चलो जी अबकी बार एक दो जोडी जूते ले ही आयेंगे, ऐसा पार्किंग का पंगा तो कही भी मिल जाता है, आपने अच्छा जबाब दिया।
    ये रामबाबू के परांठे कुछ ज्यादा ही अच्छे होते है क्या?

  4. गोलीसोडा नहीं पिया कीजिये. गंदी बस्तियों में इसकी फैक्ट्रियां होती हैं. वैसे तो मल्टीनेशनल का माल भी शुद्ध होने की गारंटी नहीं है.

    बेटेलाल के तो आपने मजे करा दिए. "रामबाबू के पराठे" किस चीज़ के होते हैं?

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