इंतजार तुम्हारे आने का … मेरी कविता … विवेक रस्तोगी

इंतजार

तुम्हारे आने का

तुम आओगे मुझे पक्का यकीं है

तुमने वादा जो किया है

अब कब आते हो

ये देखना है

तुम आने के पहले इस इंतजार में

कितना सताते हो

ये देखना है

तुम्हारी टोह में बैठे हैं

हर पल

तुम्हारा इंतजार लगा रहता है

बस इतना पक्का यकीं है

कि तुम आओगे

पर ये इंतजार

बहुत मुश्किल होता है।

20 thoughts on “इंतजार तुम्हारे आने का … मेरी कविता … विवेक रस्तोगी

  1. इन्तजार में बेचैन ….ऐ गाफिल
    मेरे वादे पर तू करता हैं यकीं !

    आईने में देख अपना चेहरा
    वादे को यकीं में बदला कभी ?

    कविता मुझको समझ ना आयी ……..कर रहा हूँ समझने की पढ़ाई !

  2. @ आशु जी – माफ़ी की कोई बात ही नहीं है, बात साफ़गोई की है, आपको धन्यवाद।

  3. @विवेक जी: स्वागत है आपका!

    @प्रवीण जी: सर जी आपकी चार लाइना के बारे में क्या बोलू. आपने तो आज की फितरत को ही उतार ही दिया है. अच्छा लगा! हा हा हा!

    "आईने में अपना भी चेहरा देखा है,
    और आँखों से तुम्हारा भी.

    इसीलिए तो सोच कर बैठा था,
    कि वादा यकीं में बदलेगा अभी!"

    कभी हमारे यहाँ भी आइये!
    http:draashu.blogspot.com

  4. वाह वाह क्या कविता है , समझने के लिए नहीं , ये लिखने के लिए है . एकदम बीडू वाली कविता . लिखने में क्या है , कौन सा ज्ञानपीठ मिलने वाला है , लोग बिना सर पैर की मोवी देख सकते है लेकिन ऐसी सुन्दर कविता नहीं पढ़ सकते हुह . उस्ताद जी को पक्का पसंद आएगी, ये इत्मिनान है मुझको .

  5. कविता इतनी बुरी भी नहीं है … लेकिन जब एक ने बोल दिया बुरी है तो … अपने आप को बुद्धू तो हम भी साबित नहीं होने देंगे 🙂

    कविता अच्छी है … किसी चमत्कार की अपेक्षा हमेशा नहीं करनी चाहिए … बस इतना ही काफी है कि —
    बस इतना पक्का यकीं है

    कि तुम आओगे

    पर ये इंतजार

    बहुत मुश्किल होता है।

  6. हम बहुत अच्छे से जानते हैं की इंतज़ार कितना मुश्किल होता है…
    मुझे कविता अच्छी लगी 🙂

  7. तुम्हारा इंतजार लगा रहता है

    बस इतना पक्का यकीं है

    कि तुम आओगे

    पर ये इंतजार

    बहुत मुश्किल होता है

  8. इंतजार बेशक मुश्किल हो .. पर यह अहमियत को भी महसूस कराता है उसका जिसका हम इंतजार कर रहे हैं.
    सुन्दर रचना

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