आज आप इतने क्यों गोरे लग रहे हो.. फ़ेयर & लवली ? (Colour Complex)

    कल ऐसे ही एक हमारे सहकर्मी ने दोपहर में भोजन के पहले हमसे पूछ डाला कि आज आप कुछ ज्यादा ही गोरे लग रहे हो, आज क्या किया है। हमने मजाक में कहा कि फ़ेयर एन्ड लवली लगाई है। तो वह मुझसे पूछने लगा कि क्या वाकई फ़ेयर एन्ड लवली लगाने से गोरे हो जाते हैं, तो मुझे हँसी छूट गई, अरे भई अगर क्रीम लगाने से ही गोरे हो जाते तो सारी दुनिया गोरी ही होती।

    बेचारे अफ़्रीका वाले कालिये भी कॉम्पलेक्स खाते होंगे वो भी गोरे हो जाते। स्लमडॉग मिलिनियर में दिखाया गया एक सीन अक्सर याद आता है, जब एक काला लड़का फ़ेयर एन्ड लवली क्रीम लगाता है और गोरा नहीं होता तो वह क्रीम उसी पोस्टर पर फ़ेंकता है। जैसे भगवान श्रीकृष्ण कहते थे “राधा क्यों गोरी, मैं क्यूँ काला”।

    मैंने अपने सहकर्मी से कहा कि तुम अगर गोरे हो भी जाओगे तो उतने अच्छे नहीं लगोगे जितने इस साँवले रंग में लगते हो, रंग से कुछ नहीं होता और साँवले रंग और काले रंग वाले गोरे रंग की काया वालों से ज्यादा अच्छे लगते हैं। रंग से कुछ नहीं होता व्यक्तित्व अच्छा लगना चाहिये। व्यक्तित्व अच्छा होता है, गठीले शरीर से, सौम्य छबि से, खुशी से, आचरण से। आकर्षक व्यक्तित्व वाले व्यक्ति का रंग कैसा भी हो, उससे कोई फ़र्क नहीं पड़ता है। अधिकतर आकर्षक व्यक्तित्व केवल साँवले रंग वाले लोगों में ही मिलता है, गोरे रंग वालों में नहीं।

    खैर जो दुख उनको होता होगा वह गोरे रंग वाले समझ नहीं सकते क्योंकि वे उस रंग के नहीं हैं। पर मेरा तो मानना यही है कि रंग कैसा भी हो आपको आकर्षक व्यक्तित्व का स्वामी होना चाहिये, कुछ गहरे रंग वाले मेरे मित्र भी हैं, पर वे इतने आकर्षक व्यक्तित्व के स्वामी हैं और मुझे लगता है कि अगर इनका रंग गोरा होता तो शायद इनका व्यक्तित्व इतना आकर्षक नहीं होता।

19 thoughts on “आज आप इतने क्यों गोरे लग रहे हो.. फ़ेयर & लवली ? (Colour Complex)

  1. @मुझे लगता है कि अगर इनका रंग गोरा होता तो शायद इनका व्यक्तित्व इतना आकर्षक नहीं होता………।
    यह एक सम्भावना हो सकती है,यथार्थ और भी कुछ हो सकता है.आभार.

  2. पुरुष के व्यक्तित्त्व से रंग का क्या लेना देना ।
    लेकिन फिर भी एक एडवांटेज सा तो लगता ही है गोरे रंग में ।

  3. तो फ़ेयर एंड लवली का substitute भी तो बताईए न महाराज । नहीं नहीं हम नहीं मानेंगें हमें तो गोरा ही होना है देखिए फ़ोटो भी b/w ही है हमारी तो

  4. अजय जी, सभी फालोवर्स और टिप्पणी कर्ताओं को दो-दो डिब्बे भिजवा दीजिये, जब भी कम्प्यूटर खोलें और आपका चित्र दिखाई दे, तुरन्त लेप कर दें…

  5. मेरे एक जानकार सज्जन थे जिनका कहना था कि, जितने का लोग रंग-रोगन लगाते हैं उतने के अगर बादाम खा लें तो रंग यूं ही चोखा निकल आए. 400-450 रूपये का किलो बादाम आता है तो दो-चार सौ तो लोग रंगाई-पुताई में ही लगा बैठते हैं 🙂

  6. स्लमडॉग मिलिनियर नहीं ये ट्राफिक सिग्नल फिल्म में था… गोरे रंग पे न इतना गुमान कर….. वाला गाना याद आ गया..

  7. जमाना आगे निकल चूका है पुरुषो के लिए अलग से गोरे होने की क्रीम आती है और उसके सेल के आकडे बताते है की पुरुषो में भी गोरे होने की उतनी ही चाहत होती है जीतनी की महिलाओ में बस बेचारे पहले व्यक्त नहीं कर पाते थे पर बाजार ने उन्हें ये खुल कर कहने का मौका दे दिया |

  8. जिस ने भी गोरा होना हो, उस का एक सस्ता तरीका हे , रोजाना शरीर पर कॊई सा भी तेल लगा कर, फ़िर रेत पर लेट जाये ओर उस रेत को शरीर पर खुब मले, फ़िर देखो केसे गोरे नही होते:)
    ओर अगर जल्दी गोरा होना हे तो किसी अपने से ज्यादा काले की बगल मे खडे हो जाये:)

  9. कृष्ण भी तो सांवला था कितनी गोपियाँ उस पर जान लुटाती थी। सूरत से सीरत अच्छी होनी चाहिये। वैवाहिक वर्षगांठ की हार्दिक बधाई और शुभकामनायें ।

  10. वैवाहिक वर्षगांठ की शुभकामनायें
    आपका जीवन
    सुख, शान्ति,
    स्वास्थ्य
    एवं समृद्धि से परिपूर्ण हो।

    इस अवसर पर एक वृक्ष लगायें।
    इस अवसर को यादगार बनायें॥

    पृथ्वी के शोभाधायक, मानवता के संरक्षक, पालक, पोषक एवं संवर्द्धक वृक्षों का जीवन आज संकटापन्न है। वृक्ष मानवता के लिये प्रकृति प्रदत्त एक अमूल्य उपहार हैं। कृपया अपने वैवाहिक वर्षगाँठ के शुभ अवसर पर एक वृक्ष लगाकर प्रकृति-संरक्षण के इस महायज्ञ में सहभागी बनें।

  11. * प्रियवर विवेक रस्तोगी जी *
    * आदरणीया भाभीजी *

    सादर सस्नेहाभिवादन !

    ~*~शुभविवाह की वर्षगांठ की हार्दिक बधाई और मंगलकामनाएं !~*~

    ♥ जीवन में खिलता रहे , बारह मास बसंत !♥
    ख़ुशियों का सुख-हर्ष का , कभी न आए अंत !!

    – राजेन्द्र स्वर्णकार

    तीन दिन पहले प्रणय दिवस भी तो था
    एक और मंगलकामना का अवसर …
    प्रणय दिवस की मंगलकामनाएं !

    ♥ प्रेम बिना निस्सार है यह सारा संसार !♥
    बसंत ॠतु की भी हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं !
    – राजेन्द्र स्वर्णकार

  12. विवेक जी, गोरा रंग ऐसा भी unmixed ब्लेस्सिंग नहीं है. कृपया मेरे ब्लॉग , शीर्षक – A Blessing or ……… !- पर जाएँ .

  13. इंग्रज चले गये मगर हमारी गोरी चमड़ी का और इंग्रजी भाषा का आकर्षण ख़तम नही हुवा. ! और इसी का दुरुपयोग करके कंपनिया गोरेपन का मायाजाल बुनकर क्रीम बेच कर करोडो रूपया कमा रही है. और एक बात ठण्ड हवामान की वजह वहां रहने वाले का त्वचा का रंग गोरा होता है.और भारत का हवामान गर्मी का है इसी गर्मी की वजह यहाँ के लोगों की चमड़ी सावली / काली होती है. हम ये बात कब समझेंगे ? भगवान जाने.?

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