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SIP से पैसा निकाला जाना चाहिये?

शेयर बाजार में उतार चढ़ाव आते रहते हैं, मेरे पास कुछ म्युचुअल फंड में SIP हैं जो कि लगभग 10 वर्षों से भी ज्यादा समय से चल रही हैं और लगभग सभी पर बेहतरीन रिटर्नस मिल रहे हैं, पर इसका मतलब यह तो नहीं कि मैं उनका प्रॉफिट बुक कर लूँ, जब जरूरत होगी, तो ही SIP से पैसा निकाला जाना चाहिये।
मैंने शेयर बाजार में कई गिरावट के दौर देखें हैं, पर कभी मन ही नहीं हुआ, उन्हें निकालने का।
जी हाँ मैं शेयर बाजार को भी समझता हूँ, और म्यूचुअल फंड को भी, और मुझे गणित भी आती है, और यह भी ध्यान रखें कि आप शेयर बाजार में पैसा लगाने से थोड़ा बहुत कमाने से बहुत अमीर नहीं बन जाओगे, बस आपके पास कुछ हिस्सा अपने निवेश का ऐसा भी होना चाहिये जो कि शेयर बाजार में निवेशित हो।
जिसने पेशेंस से काम लिया है, वही सिकंदर है। संयम रखिये, अपना निवेश लंबे समय के लिये निवेशित रहना सीखिये।
यह स्टेटस अपने फेसबुक पर लिखा था, इस पोस्ट पर आये कमेंट्स
Kajal Kumar
2 म्यूच्यूअल फंड में 36 महीने की एसआईपी थी, दोनों खत्म हो चुके हैं. समझ नहीं आता कि यह पैसा निकाल लिया जाए अभी रहने दिया जाए
Vivek Rastogi
Kajal Kumar

इसलिये हमेशा ही परपेचुअल करवानी चाहिये, फिर जब मर्जी हो बंद कर दो

Alpana Sharma
Make different baskets is my funda
Shailendra Kumar Jha
Post me likhi baten bhai log pi jate hain…au ant me diye gaye nirdesh pe dhyan hi nahi dete
Rounak Jain
मेने आपसे hi inspire होकर इन्वेस्टमेंट चालू किया और आज ज़ोरदार कंडिशन में हु 😃
Vivek Rastogi
Rounak Jain

वाह, ऐसे कमेंट बहुत खुशी देते हैं ❤️

Kamal Sharma
इस बाजार का गणित सरल है, जो इस गणित को समझ गया, वह अपने निवेश पर कमाई करेगा।
Rakesh Kumar
SIP me kaise investment kre
निवेश करने के बहुत से तरीके हैं, अब तो बहुत ही आसान हो चुका है, आप कोई भी म्यूचुअल फंड की एप्प या किसी एग्रीगेटर की एप्प इंस्टाल कर लीजिये और मजे में निवेश करिये।

पर्सनल लोन मात्र 3% पर

कल एक मैडम का कॉल आया, हमसे बोला कि HDB फाइनेंसियल से बोल रहे हैं, और स्पेशल ऑफर चल रहा है, पर्सनल लोन मात्र 3% पर दे रहे हैं, हमारा दिमाग चकरघिन्नी कि कोई 3% पर पर्सनल लोन कैसे दे सके है। फिर हमने पूछा ये मंथली ब्याज है न तो 36% हो गया वो बोलीं नहीं सर 3% वार्षिक।

फिर हमने पूछा अच्छा अगर हम 1 लाख लोन लेंगे तो हमको ₹3000 ब्याज देना होगा न, वो बोलीं नहीं सर वर्ष का इतना देना होगा, इसी बीच हम HDB की वेबसाइट खोलकर पूरा गणित समझने की कोशिश कर रहे थे। पर कहीं भी 3% वार्षिक वाला स्पेशल ऑफर नहीं था, हमने बताया मैडम को, तो वे बोलीं यह ऑफर केवल हमारे पास उपलब्ध है 😂😂

फिर वो पूछीं कि आपको लोन लेना है, हमने कहा हम तो आज तक लोन ही नहीं लिये, हम लोन नहीं लेते, लोन ले लें तो नींद उड़ जाती है। बस यह समझने की कोशिश कर रहे थे कि 3% पर आप कैसे लोन बाँट रहे हो? मैडम तुनक गईं हुँह लोन लेना नहीं है पर जानकारी पूरी चाहिये। हमने कहा मैडम बात यह समझने की कोशिश कर रहे हैं कि HDB इतने कम ब्याज पर लोन कैसे दे रहा है? बस फिर फोन काट दिया।

शेयर बाजार केसिनो

कई लोगों को शेयर बाजार केसिनो लगता है, कि रातों रात वहाँ पर पासे फेंककर या नम्बर गेम में किस्मत आजमाकर करोड़ों कमाना चाहते हैं। पर यह बाजार उन्हीं जैसे लोगों का इंतजार करता है, थोड़ा सा जिताकर लालच देता है कि तुम केवल जीत ही रहे हो, और फिर वे लोग इस दलदल से बाहर निकल ही नहीं पाते, धन तो जाता ही है, अगर मानसिक कमजोर होते हैं तो जान भी दे देते हैं आत्महत्या करके।

हम स्टॉक मार्केट में करोड़ों कमाने नहीं आये, हमें बैंक की फिक्स्ड डिपॉजिट पर मिलने वाला ब्याज कम लगता था, और हमें चाहिये था दोगुना ब्याज, बस इस चक्कर में यहाँ आये, कई बार लालच में फँसे पर अपने लक्ष्य पर कायम रहे।

ध्यान रखिये वॉरेन बफेट का वार्षिक रिटर्न 23% है तो कैसे ये नए खिलाड़ी सोचते हैं कि वे 200 या 500% का रिटर्न बाजार से कमा लेंगे। क्योंकि यहाँ भी सपने बेचने वाले लोग हैं, जो बताते हैं कि अगर इतना पैसा लगाओगे तो साल का इतना पैसा तो चुटकी बजाते ही कमा लोगे, और जब पैसे की बात होती है तो आदमी लालच में अंधा हो जाता है। जब कोई समझाता है तो उसे लगता है कि यही है वो जो उसे करोड़पति बनने से रोक रहा है। ऐसे लोगों के चक्कर में न पड़ें जो कहते हैं कि महीने के इतने रूपये लेंगे और श्यूर साट कॉल देंगे, अगर ऐसा ही है तो उनको कॉल बेचने की क्या ज़रूरत वे बाज़ार से सीधे ही कमा सकते हैं।

लालच करिये पर सीमा में रहकर, देखिये एक साधारण सा गणित है, अगर आप कोई शेयर खरीदते हैं और अगर कुछ ही दिनों में आपको मान लीजिये 4-5% का प्रॉफिट होता है, तो बेचकर निकल लीजिये, हाँ पैसा कमाना है तो सीखना भी पड़ेगा, अगर ऐसा आपने वर्ष में 2-3 या 4 बार भी कर लिया तो आपने बैंक से दोगुना या तीन गुना ब्याज अर्जित कर लिया। छोटे मुनाफे पर लालची बनिये और मजा करिये।

बैंकनिफ़्टी में लालच

रोज़ सुबह ९ बजे से बाज़ार का पूरा विश्लेषण करके बैठ जाता हूँ, कि आज तो बैंक निफ़्टी में कोई ट्रेड करूँगा, अपना एक्सपर्टीज केवल बैंक निफ़्टी और निफ़्टी ऑप्शन्स पर है, और बैंकनिफ़्टी में जल्दी लालच करके थोड़ा बहुत कमाकर निकल लेना अपनी आदत है।

अपने व्हाट्सऐप स्टेटस पर करीबी मित्रों के लिये अपनी स्टडी भी शेयर करता हूँ, पर कई बार होता यह है कि ख़ुद ही ट्रेड नहीं कर पाता, कई बार मूड नहीं होता, कई बार नींद में होता हूँ, क्योंकि रात को देर से मीटिंग ख़त्म होती है, तो फिर नींद में ट्रेडिंग नहीं करता, लोग कहते हैं कि 9.15 से 9.30 के बीच मार्केट सैटल होने दो फिर बैंकनिफ्टी में ट्रेड उसके बाद करो, और बैंकनिफ्टी में मेरा पसंदीदा ट्रेड करने का समय ही यह 15 मिनिट है। सबकी अपनी अपनी स्टडी होती है, खैर आजकल स्टडी ठीकठाक सी ही है, बैंकनिफ्टी में 90% तक के ट्रेड में अच्छी खासी कमाई हो  जाता है, स्टॉप लॉस भी कभी कभार ठुक ही जाता है।

अब चार्ट पढ़ने के लिये तो मैं अपने ब्रोकिंग एप्प कुछ एक स्पेशल पेड़ सर्विस वाले एप्प का ही इस्तेमाल करता हूँ, लोग 5 मिनिट का चार्ट बनाते हैं, मैं 1 मिनिट का चार्ट बनाता हूँ और अब कोशिश होती है कि अपना लाग टर्म 5 मिनिट का ही हो, कई बार तो मैं ट्रेड ख़रीद कर एकदम बेच भी देता हूँ, बाद में समय देखता हूँ तो पता चलता है कि मात्र 15-20 सेकंड में भी कई बार टार्गेट आ जाता है और ट्रेड हो जाती है।

लोग कहते हैं कि तुम ख़ुद के कॉल पर ही काम नहीं करते, मैं कहता हूँ कि मुझे बाज़ार थोड़ा बहुत समझ में ज़रूर आने लगा है, परंतु इसका मतलब यह तो नहीं कि अपनी कमाई का पैसा ऐसे ही जाने दूँ, पर हाँ मैं जब भी ट्रेड करता हूँ हैज करके करता हूँ, आजकल की वोलेटिलिटी में हैजिंग बहुत काम की है, दोनों तरफ़ कमाई होती है।

तभी तो दोस्तों को कहता हूँ कि भले मुझे सीखने में 20 वर्ष लगे, पर आप लोग ज़्यादा होशियार हो, आप लोग जल्दी सीख सकते हो, और अच्छी खासी कमाई भी कर सकते हैं। वह भी बहुत कम पैसे में याने कि 5 – 6000 से ही काम शुरू कर सकते हैं, पर हाँ पहले सीखने में बहुत मेहनत करना पड़ेगी, टीवी मत देखना, सब बेबकूफ बनायेंगे। पेपर ट्रेडिंग करना शुरू करो, बाज़ार में आ रही ख़बरों को पढ़ना शुरू करो, समझो कि कैसे और कहाँ इस ख़बर का असर होगा, मुझे यह चीज Kamal Sharma जी ने समझाई, उनका बहुत बहुत आभार है, वे मेरे गुरू हैं शेयर बाजार के मामलों में। शेयर बाजार को पढ़ना मुझे बोर नहीं लगता है, अब तो बिजनेस की न्यूज देखकर और मजा आता है, बैलेन्स शीट पढ़ना प्रिय शगल है, सेक्टर रिपोर्ट पढ़ना बहुत अच्छा लगता है, ट्विटर पर भी जानकारी भरी पड़ी है, एक से एक विशेषज्ञ लोग भरे पड़े हैं, बस अपने आप को फोकस करने की जरूरत है।

यातायात नियमों को तोड़ने पर वाहन का बीमा प्रीमियम बढ़ सकता है

चौंकिये मत कि यातायात नियमों को तोड़ने पर बीमा प्रीमियम बढ़ सकता है, इसकी शुरूआत दिल्ली से होने जा रही है, अगर आप दिल्ली में रहते हैं और यातायात नियमों का पालन नहीं करते हैं तो आपके वाहन का बीमा प्रीमियम बढ़ सकता है। हालांकि अभी इसे लागू होने में समय है, पर यह निश्चित हो गया है कि थर्ड पार्टी बीमा पर प्रीमियम बढ़ जायेगा।इसमें यातायात नियम तोड़ने पर नेगेटिव प्वॉइंट्स दिये जायेंगे और यही प्वाईंट्स बीमा कंपनियों को बढ़ी हुई प्रीमियम के लिये बुनियादी होगा।

अभी तक बीमा प्रीमियम वाहन के इंजिन केपेसिटी व वाहन के प्रकार पर निर्भर करती है, वहीं अगर आपने कोई भी क्लेम नहीं किया है तो आपको अपने वाहन के बीमा प्रीमियम पर आकर्षक छूट भी मिलेगी। यह पायलट प्रोजेक्ट दिल्ली से शुरू हो रहे है, फिर सभी राज्यों में लागू किया जायेगा। बीमा कंपनियाँ लंबे समय से वाहन के ड्राईवरों को बीमा प्रीमियम से जोड़ने के लिये लंबे समय से लड़ाई कर रही हैं।

अगर आपने यातायात नियमों को तोड़ा तो यह मत सोचियेगा कि केवल बढ़ी हुई बीमा प्रीमियम ही देना होगी, बीमा प्रीमियम तो बढ़ी हुई देनी ही होगी साथ ही यातायात पुलिस आपका चालान भी बनायेगी व वह चालान की राशि भी भरना होगी। तो यातायात नियमों को तोड़ना अब बहुत ही महँगा होने वाला है, गाड़ी धीरे धीरे आराम से चलाईये, सारे यातायात नियमों का पालन करिये, किसी एक यातायात की लाल बत्ती पर रुकना आपके बहुत से पैसे बचा सकता है, और उससे भी अधिक कीमती किसी व्यक्ति की जान बचा सकता है।

यह सब आम जनता को परेशान करने के लिये नहीं किया जा रहा है, बल्कि बढ़ती हुई दुर्घटनाओं को कम करने के लिये किया जा रहा है। आपके 5-10 मिनिट से कीमती किसी की जिंदगी है, वहीं अगर आप पैदल यात्री हैं तो आपको भी तेज आते वाहन के सामने केवल हाथ देकर सड़क पार नहीं करनी चाहिये, नहीं तो आप अपनी जान जोखिम में डाल रहे हैं और अपने परिवार को बहुत बड़ी विपत्ती में डाल रहे हैं, अगर आपका जीवन बीमा है तो आपका परिवार फिर भी किसी प्रकार आपके बिना जी लेगा, परंतु अगर आपने जीवन बीमा भी नहीं ले रखा है तब सोचिये कि अगर कमाने वाले आप अकेले हैं तो आपके परिवार का क्या होगा। आपकी क्षति कितनी भी बड़ी रकम पूरी नहीं कर सकती।

नियमों को तोड़ने के पहले केवल एक बार अपने परिवार को अपनी आँखों के सामने रखियेगा, आप कभी भी नियम नहीं तोड़ पायेंगे। ध्यान रखें चार पहिये के वाहन चलाते समय हमेशा ही सीट बैल्ट बाँधें और दो पहिया वाहनों को चलाते समय हमेशा ही हेलमेट लगायें।

इंडियाबुल्स शुभ एप्प (Indiabulls Shubh App)

इंडियाबुल्स शुभ एप्प (Indiabulls Shubh App)

 

शेयर बाजार में ट्रेडिंग और ब्रोकरेज

जब हम शेयर बाजार में ट्रेडिंग शुरू करते हैं तो हम सब नये रंगरूट रहते हैं और आगे बढ़ने के लिये हमें हमेशा ही किसी न किसी को गुरू बनाना पड़ता हैव शेयर बाजार की बारीकियों को सीखना पड़ता है। इस सीखने के शुरूआती दौर की बात करें या अनुभवी ट्रेडर की बात करें, ब्रोकरेज देना सभी को बहुत महँगा लगता है। एक समय था जब ब्रोकरेज डिलिवरी और ट्रेडिंग के लिये अलग अलग होता था, पर आज ऑनलाईन डिस्काऊँटेड ब्रोकरेज आने से सब कुछ बदल गया है। अब समय यह आ गया है कि हमें ऑनलाईन डिस्काऊँटेड ब्रोकरेज के 20रूपये एक कॉन्ट्रेक्ट पर देना महँगा लगने लगा है। तकनीकी की बात करें तो सभी ब्रोकरेज हाऊसेस के पास एक से बढ़कर एक तकनीक है। यहाँ ऑनलाईन डिस्काऊँटेड ब्रोकरेज के साथ समस्या यह है कि हमें वहाँ से फंडामेंटल और टेक्नीकल कोई जानकारी नहीं मिल पाती है और न ही हमें वे गाईड करते हैं। यह एक बहुत बड़ी समस्या बन चुकी है। इसके लिये आज हम इंडियाबुल्स शुभ के बारे में बात करेंगे।

 

ट्रेडर और मार्जिन

ट्रेडर की बात करें तो उनके साथ समस्या मार्जिन की आती है, हमेशा ही हर ट्रेडर के लिये पूरा मार्जिन ब्रोकरेज हाऊस के साथ रखना संभव नहीं हो पाता है, तो कई बार हम सोचते हैं कि काश कोई ऐसा ब्रोकर होता जो हमारे से थोड़ा बहुत चार्ज लेकर हमें मार्जिन दे देता तो हम बड़े ट्रेड कर पाते। ट्रेडर के लिये ब्रोकरेज भी बड़ी रकम होती है, साथ ही अगर आप इंटराडे में इक्विटी ट्रेडिंग करते हैं तब भी ब्रोकरेज बहुत मायने रखती है।

 

कैसे करें अपने ब्रोकरेज में बचत

मैंने इस पर बहुत रिसर्च किया और यह रिसर्च मैं आपको यहाँ बताने जा रहा हूँ, मैंने शुरू में ट्रेडिशनल ब्रोकरेज के जरिये काम करना शुरू किया था तब फ्यूचर और ऑप्शन में 120 रूपये ब्रोकरेज एक कॉन्ट्रेक्ट के लिये लगता था, फिर मैंने ऑनलाईन डिस्काऊँटेड ब्रोकरेज के जरिये काम करना शुरू किया तो मेरे ट्रेड ही एक दिन के इतने हो जाते हैं कि मेरा रोज का ही ब्रोकरेज 1000 रूपये के ऊपर हो जाता है।अब जिस ब्रोकर की बात मैं यहाँ करने जा रहा हूँ वे महीने के मात्र 1000 रूपये लेते हैं और आप अनलिमिटेड फ्यूचर और ऑप्शन या इक्विटी में ट्रेड कर सकते हैं।

 

इंडियाबुल्स शुभ (इंडियाबुल्स वेंचर्स)

 

ब्रोकरेज हाऊस का नाम है इंडियाबुल्स वेंचर्स जो कि बाजार में लीडिंग ब्रोकर हैं और इक्विटी, डेरिवेटिव, कमोडिटी और करंसी ट्रेडिंग की सुविधा प्रदान करते हैं। 7 लाख से ज्यादा लोग इंडियाबुल्स के साथ शेयर कारोबार में ट्रेडिंग करते हैं।

 

इंडियाबुल्स शुभ एप्प(Indiabulls Shubh App)और ब्रोकरेज की गणना

इंडियाबुल्स शुभ

अभी हाल ही में इंडियाबुल्स ने शुभ एप्प लाँच किया है, और उसके साथ ही बहुत ही आकर्षक ब्रोकरेज प्लॉन भी बाजार में पहली बार दिये हैं, जैसा कि हमने अभी ब्रोकरेज की बात की तो आप अगर रोज के 5 ट्रेड करते हैं तो आपका ब्रोकरेज रोज का ही लगभग 300 रूपया हो जाता है, और महीने के 20 दिन का हिसाब लगायें तो लगभग 6000 रूपये हो जाता है। जबकि अगर आप इंडियाबुल्स शुभ एप्प से ट्रेड करते हैं तो आपको केवल महीने के 1000 रूपये ब्रोकरेज और जीएसटी के 180 रूपये मिलाकर 1180 रूपये ही देने हैं। तो आप केवल ब्रोकरेज में ही महीने के लगभग 5000 रूपये बचा सकते हैं। अगर आप ज्यादा ट्रेड करते हैं तो आप खुद ही अपने ब्रोकरेज की गणना कर लीजिये आपको अपनी ब्रोकरेज की बचत पता चल जायेगी। आप नीचे दी गये चित्र से ही ब्रोकरेज का अंदाजा लगा सकते हैं।

Brokerage Calculation

वैसे ही अगर आप ट्रेडिशनल ब्रोकर के जरिये अपने निवेश शेयर बाजार में करते हैं तो भी आप नीचे दिये गये चित्र से अपने लाभ को देख सकते हैं –

Traditional Brokerage

मार्जिन फंडिंग

वहीं अगर आप इक्विटी में अनलिमिटेड ट्रेडिंग प्लॉन  देखें तो मार्जिन फंडिंग की सुविधा शून्य ब्याज के साथ आपको मिल जाती है, इंडियाबुल्स शुभ के विभिन्न मार्जिन फंडिंग प्लॉन आप नीचे देख सकते हैं –

IndiaBulls Equity Unlimited Trading Plans

एक महीने का प्लॉन फ्री याने कि बिल्कुल मुफ्त

सबसे अच्छी बात यह है कि जब भी आप इंडियाबुल्स शुभ में रजिस्टर करते हैं तो आपको पहले एक महीने का प्लॉन फ्री है, याने कि आपको प्लॉन की फीस एक महीने के बाद ही देनी है। रजिस्टर करने के लिये 500 रूपये की फीस है, जो कि लगभग सभी ब्रोकरेज हाऊस लेते हैं।

Free for First 30 Days

इंडियाबुल्स शुभ के साथ रजिस्टर होने का सबसे बड़ा फायदा है कि ऑनलाईन डिस्काऊँटेड ब्रोकरेज आपको रिसर्च प्रदान नहीं करते हैं, और ट्रेडिशनल ब्रोकर आपसे बहुत ज्यादा ब्रोकरेज लेते हैं, पर यहाँ आपको रिसर्च भी इंडियाबुल्स शुभ के द्वारा आपको दी जायेगी। अगर आप ट्रेडिंग या इक्विटी में नये हैं तो आप वेबसाईट पर जाकर शुभ एकेडमी पर सीख भी सकते हैं।

इंडियाबुल्स शुभ एप्प तकनीकी रूप से भी तेज

सबसे बड़ी समस्या ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म पर स्टेबिलिटी की होती है, कई बार एप्प क्रेश हो जाती है परंतु इंडियाबुल्स शुभ एप्प में आपको यह समस्या नहीं आयेगी और इंडियाबुल्स शुभ एप्प बहुत तेज चलती है जिससे आपको कभी भी ट्रेड करने में कोई असुविधा नहीं होगी।

इंडियाबुल्स शुभ एप्प डाऊनलोड कर लिजिये और आप केवल एप्प के जरिये ही केवल 10 मिनिट में अपने सारे दस्तावेज अपलोड करके अपना एकाऊँट खोल सकते हैं। गूगल एप्प स्टोर पर सर्च करिये IndiaBulls Shubh App और डाऊनलोड कर लीजिये।

 

एप्प पर कैसे अपना एकाऊँट खोलेंगे उसके लिये आप नीचे दिये गये वीडियो को देख सकते हैं –

ट्रेडिंग का अनुभव लेने के लिये आप नीचे दिये गये वीडियो को देख सकते हैं –

अगर आपको कोई प्रश्न है तो आप टिप्पणी करके पूछ सकते हैं।

 

अब जम्मू कश्मीर लेह लद्दाख में रोजगार पैदा करने की जरूरत

अनुच्छेद 370 खत्म और 35Aस्वत: खत्म, आजाद हुई हमारी ‘जन्नत’ इस हेडलाईन के साथ आज का समाचार पत्र आज सुबह मिला। वैसे तो कल ही सुगबुगाहट चल ही रही थी और जब सदन से यह ऐलान हो गया तो, बस दिल बागबाग हो गया, अच्छी खबर यह भी थी कि जम्मू कश्मीर से लद्दाख अलग कर दिया गया है व उन्हें अब अलग अलग केन्द्र शासित प्रदेश का दर्जा दे दिया गया है। पूरी घाटी में पिछले 2-3 दिनों से भारी मात्रा में सुरक्षा बल तैनात हैं और पूरी दुनिया से अलग थलग कर दिया गया है, जिससे कोई भी अलगाववादी ताकतें घाटी में आतंक न फैला सकें।

इस खबर के साथ ही सोशल मीडिया में बहुत से स्टेटस आने लगे कोई कहता कि अब तो जम्मू कश्मीर, लेह लद्दाख में जमीन खरीदेंगे, घर खरीदेंगे, अब घाटी की सुँदर लड़कियों से शादी भी कर सकते हैं इत्यादि। अभी तक जम्मू कश्मीर राज्य को विशेष दर्जा था और करोड़ों रूपया भारत सरकार द्वारा बहाया जाता रहा है, जिसका कोई हिसाब किताब भी नहीं था, बस वह दो नंबर के जरिये कुछ राजनैतिक दलों और राजनैतिज्ञों की जेब में पहुँच जाता था। अब तक कोई भी विकास का कार्य नहीं हुआ और न ही कोई रोजगार पैदा हुए।

अब इस बात के आसार लग रहे हैं कि जम्मू कश्मीर में नये व्यवसाय लगेंगे, जिससे वहाँ रोजगार पैदा होंगे। जम्मू, श्रीनगर, लेह, लद्दाख इतनी प्यारी जगहें हैं, ये भारत के अपने खुद के स्विट्जरलेंड हैं, जहाँ हम चाहते हुए भी जाकर रह नहीं सकते हैं, जैसे यूरोप में कई बेहतरीन जगहों पर सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट सेंटर हैं, वैसे ही कुछ नये सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट सेंटर खुलने चाहिये, जिससे IT वालों को भी भारत के बारे में ज्यादा से ज्यादा जानने का मौका मिले, साथ ही जब एक अच्छी नौकरी वहाँ शुरू होगी तो एक नौकरी से कम से कम 10रोजगार पैदा होते हैं, सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट सेंटर के लिये विशेष तरह के स्किल की जरूरत होती है, जो कि हो सकता है कि वहाँ के रहवासियों में अभी न हों, परंतु दैनिक जीवन के जरूरत वाले कई कार्यों के कारण वहाँ अन्य रोजगार पैदा होंगे।

जब जम्मू कश्मीर में रोजगार पैदा होंगे तो वहाँ के रहवासी, अलगाववादियों की बातों में नहीं आयेंगे और वे खुद ही अच्छे बुरे में फर्क पैदा कर पायेंगे, व 100 रूपये में पत्थर फेंकने को तैयार नहीं होंगे, साथ ही आतंकवादियों को समर्थन अपने आप ही कमी आ जायेगी। इस सबसे सबसे बड़ा अंतर भारत के खजाने पर पड़ने वाला बड़ा बोझ कम हो जायेगा। विश्व के पर्यटन मानचित्र पर जम्मू कश्मीर हीरे की तरह चमकेगा। रोजगार पैदा होने से सबसे बड़ा फायदा होगा कि पाकिस्तान पर जबरदस्त दबाब होगा, साथ ही पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर के लोगों द्वारा भी पाकिस्तानी सरकार पर इसी तरह के व्यवसाय को स्थापित करने का दबाब होगा, अगर पाकिस्तानी सरकार द्वारा यह नहीं किया जाता है तो पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर के लोग भारत में विलय होने के लिये दबाब बनायेंगे और जन आंदेलन की शुरूआत होगी।

अब केवल जम्मू कश्मीर लेह लद्दाख में एक अच्छी बेहतर नीति की जरूरत है, जिससे हम वैश्विक पटल पर भारत की छवि को अच्छे से दिखा सकें व गर्व से कह सकें कि अखण्डता पुनप्रतिष्ठित हुई।

शेयर बाजार का यूँ गिरना और सरकार का कोई कदम न उठाना

शेयर बाजार का यूँ गिरना, सब बजट का कमाल है, बस यह अलग बात है कि कुछ लोग जो सरकार के सहयोग में खड़े रहते हैं, वे इसे मानने को तैयार नहीं हैं, जिनके ऊपर ज्यादा टैक्स थोपा गया है, वे लोग ज्यादा कमाई करते हैं और उनके पास निवेश करने के लिये बहुत से देशों में जाने के ऑप्शन हैं, मेरे कुछ जानकार तो बजट के पहले ही सिंगापुर जाने की तैयारी कर चुके थे और बजट के बाद उन्होंने कहा भी कि देखा यह सरकार केवल अपनी कमाई का सोच रही है, पर जनता की कमाई का और उनकी सुविधओं का नहीं सोच रही है, तो हम अपना पैसा भारत से ले जायेंगे और बहुत से ऐसे देश हैं जहाँ कम कर लगता है, वहाँ निवेश करेंगे।

खैर उनकी बात तो सही है, और बाजार बजट के बाद से लगातार ही गिरते जा रहा है, विदेशी संस्थागत निवेशकों ने अभी हाल ही में ही पिछले 3दिनों में 10,000 करोड़ रूपयों की बिकवाली की है, और खरीददारी के लिये भारतीय संस्थागत निवेशकों में से कोई भी खड़ा नहीं दिखाई दिया, पहले LIC बाजार से खरीददारी करके शेयर बाजार को सँभाल लेती थी।बजट के बाद से रोज ही विदेशी संस्थागत निवेशकों ने बिकवाली की है और निवेशकों को बजट के बाद से 10 लाख करोड़ का नुक्सान उठाना पड़ा है, यह राशि उस राशि से बहुत ज्यादा है जो कि सरकार कर के रूप में वसूलना चाहती है।

कुछ लोग कह रहे हैं कि ये नये बदलाव हैं और इस तरह के झटके तो लगने ही हैं, वहीं कई लोगों का कहना है कि अर्थव्यवस्था में गति कहाँ से आ रही है, कोई कुछ समझाने की कोशिश करेगा। वहीं सरकार सारे सरकारी उपक्रमों को बेचने पर तुली हुई है, हो सकता है कि यह समय की माँग है जैसे कभी सरकार उपक्रमों को सरकारी बनाने के लिये जद्दोजहद कर, भारत की अर्थव्यवस्था को ऊँचाई पर ले जाना चाहते थे, पर सरकारी कर्मचारियों की अकर्मण्यता और सरकारी तंत्र की जटिलता के कारण यह तरीका भी नाकाम साबित हुआ।

शेयर बाजार अभी भी अपने उच्च स्तरों पर टिका हुआ है, जिसका मुख्य कारण है कि कुछ कंपनियाँ, जो बहुत अच्छा कर रही हैं, यह जो दिन हम देख रहे हैं यह स्थिति 2008 के वैश्विक मंदी से भी ज्यादा खराब है, क्योंकि 2008 में जो मंदी आई थी, वह वैश्विक मंदी का कारण थी, और पूरा विश्व उस समय मंदी से गुजर रहा था, व जैसे ही मंदी से विश्व उबरा, भारत भी मंदी के संकट से बाहर आ गया था। इस बार यह वैश्विक मंदी नहीं है, यह भारत सरकार के बजट के कारण स्थिति उपजी है, और भारत सरकार इस बारे में कुछ भी करने के लिये प्रतिबद्ध नहीं दिख रही, जो कि खुदरा निवेशकों के लिये और भारत की अर्थव्यवस्था के लिये खराब बात है, क्योंकि यह जो मंदी है, यह कब खत्म होगी इसका कोई भी अंत समझ नहीं आ रहा है।

समस्या को तभी खत्म किया जा सकता है, जब आप समस्या को समझ पायें, अगर आप समझ रहे हैं कि कोई समस्या ही नहीं है तो समस्या का कोई भी समाधान निकालने की कोशिश ही नहीं करेगा। देखते हैं कि सरकार को शेयर बाजार की समस्य़ा गंभीर लगती है या वे इसे मंदी में ही चलने देंगे।

बरसात में ऑफिस कैसे जायें? बाइक की फ्लोट सीट से कमर दर्द में आराम।

रोज ऑफिस जाना तो वैसे भी बहुत कठिन काम है, कुछ नया तो करना नहीं होता, बस वही घिसा पिटा करते रहो, पर अब रोज भी ऑफिस में नया करने को क्या मिलेगा, पर फिर भी ऑफिस जाना जरूरी होता है, खैर ब्लॉग का विषय यह नहीं है कि ऑफिस क्यों जायें, विषय है कि बरसात में ऑफिस कैसे जायें?

बैगलोर वैसे तो भारत में IT की राजधानी है, परंतु सड़क और ट्रॉफिक के मामले में हाल बेहाल है, जैसा कि सब जगह होता है, सड़के टूटी फूटी हैं, जगह जगह गड्डे हैं, सड़कों पर गड्डे हम भारतीयों की दुर्गती करते हैं। बैंगलोर में कुछ जगहों पर तो यातायात की रफ्तार इतनी धीमी है कि 3किमी कार से जाने में लगभग एक घंटा लग जाता है, और पैदल चलने की जगह नहीं है, फुटपाथ या तो हैं नहीं या फिर टूटे हुए हैं, अगर ठीक भी हैं तो दोपहिया वाहन कब फुटपाथ पर आकर टक्कर मार जाये कोई भरोसा नहीं।

पिछले वर्ष बारिश के दौरान मैं कार से ही ऑफिस जाता था, पर समस्या समय की ही थी, कि ऑफिस की दूरी घर से लगभग 17 किमी है और कार से जाने से लगभग एक तरफ के 2 घंटे लगते थे, तो रोज ही लगभग 4घंटे सड़क पर बिताने पड़ते थे, फिर ऑफिस जाने के अन्य साधनों को भी परखा गया, एक दिन बस से गये तो बस में आने जाने का समय 2 घंटे और बढ़ गया, फिर शेयर कैब से जाकर देखा गया तो भी समस्या जस की तस थी और रोज फिर से 4घंटे की ड्राईविंग करने लगे, अगर कार ऑटोमैटिक हो तो थोड़ी राहत है, वरना तो हाथ गियर बदलने में और पैर क्लच, ब्रेक और एक्सलीरेटर दबाने में ही थक जाते हैं।

दोपहिया वाहन से जाना थोड़ा कम थकाने वाला और कम समय में ऑफिस पहुँचने में कारगार साबित हुआ, बाईक से पूरा आधा समय कम हो गया, अब ऑफिस के लिये 4 घंटों की जगह 2 घंटों की ड्राईव करने लगे। अब ऑफिस बाईक से जाते हैं, नया रेनकोट लिया गया, जिससे बारिश में पहना जा सके, बाईक में एक बैग नुमा डिक्की भी लगवाई गई, और घिसे हुए टायर बदलवा लिये गये, फिर भी रोज कमर दर्द से परेशान थे, तो उसका इलाज कुछ मिल नहीं रहा था, सभी बाईक की सीटें एक ही बनावट की होती हैं और एक्टिवा टाईप के स्कूटर को रोज इतनी दूरी के लिये चलाने संभव नहीं क्योंकि उसके टायर छोटे होने से गड्ड़ों में बैलेन्स नहीं बन पाता। सोचा कि बुलेट खरीद ली जाये पर फिर यह भी देखा कि केवल बुलेट की सीट ज्यादा अच्छी होना ही खरीदने के लिये पर्याप्त नहीं, बुलेट भारी भी होती है और इतनी भीड़ भाड़ वाली सड़क पर संभालना थोड़ ज्यादा कठिनाई वाला काम है, तो अपनी पीठ को आराम देने के लिये और भी तरीके ढ़ूँढ़ने लगे।

फ्लोट सीट
फ्लोट सीट
फ्लोट सीट मेरी बाईक पर

बाईक से ऑफिस जाना हो तो बहुत सी सावधानियाँ बरतनी पड़ती हैं, क्योंकि तेज बारिश में कारों से भी कम दिखाई देता है और दुर्घटना की संभावना ज्यादा होती है, तो रेडियम वाली विंडचिटर ली और जूतों पर भी रेडियम रहे इस बात का ध्यान रखा गया।पर पीठ के दर्द का निवारण नहीं मिल रहा था, एक दिन हमने जिस वेबसाईट से विंडचिटर लिया था, उसी पर सर्फिंग करते हुए पाया कि कुछ फ्लोट सीट है, जिसमें हवा भरी जा सकती है और इससे बाईक चलाते हुए कमर में दर्द भी नहीं होता, साथ ही गड्डों के जर्क भी नहीं लगते, व सीट बुलेट जैसी भी है। हमने फ्लोट सीट मँगा ली, और इसमें हवा भरकर बाईक की सीट पर फिक्स कर ली, तो अब थोड़ा आराम है, कमर में ज्यादा दर्द नहीं होता। बरसात में ऑफिस जाना थोड़ा आरामदायक हो गया है, अतिरिक्त सावधानी यह रखते हैं कि बाईक की रफ्तार 40 से ज्यादा नहीं रखते, क्योंकि समय तो ट्रॉफिक के कारण बराबर ही लगता है।

परीक्षा में असफल होना भी ठीक है

अभी दसवीं और बारहवीं के परीक्षा परिणाम आ चुके हैं और जिन बच्चों के 99% या उससे ज्यादा हैं, हम उनके परीक्षा परिणामों पर उत्सव भी मना चुके हैं। उनकी सफलता के लिए उनको बधाई का हक तो है ही, पर ऐसे बहुत सारे बच्चे भी हैं जो इतने नंबर नहीं ला सके और कुछ बच्चे ऐसे भी हैं जिन्हें उम्मीद से कम नंबर मिले, और कुछ बच्चे परीक्षा में असफल भी हुए हैं। परीक्षा परिणाम कुछ भी रहा हो, परंतु यह समय है अपने दिमाग को शांत और स्थिर रखने का और आगे बढ़ने के लिए तैयार होने का। Continue reading परीक्षा में असफल होना भी ठीक है