NRN की Infosys में दूसरी पारी

    अभी कुछ दिनों पहले मुंबई आने के पहले एक दिन के लिये बैंगलोर में था तब नारायण मूर्ती जी को जिन्होंने बहुत करीब से देखा था, उनसे मुलाकात हुई, हालांकि यह मुलाकात व्यक्तिगत नहीं व्यावसायिक थी । उन्होंने बताया कि वे NRN को भगवान का दर्जा देते हैं, क्योंकि उनकी किसी से भी तुलना करना, अपमान करने जैसा है, किसी भी व्यक्ति द्वारा डेढ़ लाख कर्मियों में अपने खुद के गुणों को पोषित करना और उनके ऊपर कंपनी चलाना आज के इस युग में बहुत ही कठिन है, परंतु NRN ने करके बताया । उनकी बातों में ही समझ में आया कि वे नारायण मूर्ती जी को छोटे नाम NRN से बात कर रहे हैं ।

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    उन्होंने बताया कि जब NRN ने सेवानिवृत्ति ली थी, उस समय बोर्ड मीटिंग में उन्होंने मुख्य रूप से तीन बातें कहीं थीं –

१. सेवानिवृत्ति की आयु ६५ होनी चाहिये और इसके बाद कोई भी व्यक्ति इन्फ़ोसिस में कार्य नहीं करना चाहिये, हालांकि बोर्ड ने NRN पर ७० वर्ष तक की उम्र के लिये काम करने के लिये दवाब बनाया था।

२. NRN ने कहा कि वे कामथ को अपनी जगह लेकर आ रहे हैं और वे उनसे भी ज्यादा प्रभावशाली साबित होंगे, उन्हें कामथ से कई उम्मीदें हैं और इन्फ़ोसिस को कामथ एक नई दिशा देंगे और नई ऊर्जा के साथ कंपनी बाजार का प्रतिनिधित्व करेगी ।

३. इन्फ़ोसिस को कतई पारिवारिक कंपनी नहीं बनने देंगे और मैं अपने परिवार के किसी भी सदस्य को इन्फ़ोसिस में आने के लिये प्रेरित नहीं करूँगा।

     अब जब बोर्ड ने नया प्रस्ताव लाकर NRN को वापिस Infosys में बुलाया है, कि Infosys को NRN की बहुत जरूरत है तो NRN मना नहीं कर सके, कौन अपने सीचें हुए पौधे को जो बड़ा होकर विशाल वृक्ष बन चुका है, उसे सूख जाने देगा । मैं कुछ बोल ही रहा था तो उन्होंने टोक दिया और कहा कि ना हम NRN के खिलाफ़ कुछ बोलते हैं, ना बोल सकते हैं और ना ही हम दूसरों को इसके लिये बढ़ावा देंगे ।

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     फ़िर उन्होंने बोलना शुरू किया कि एक तरह से NRN का वापिस Infosys आना डेढ़ लाख कर्मियों के लिये बहुत अच्छा है, परंतु NRN के खुद के लिये वाकई बहुत कठिन होगा क्योंकि जो तीन बातें उन्होंने खुलेआम कहीं थीं और वे लगभग हर जगह दस्तावेजों में उपलब्ध हैं, अगर वे ही अपने पुराने ईमेल देखेंगे तो शायद उन्हें अच्छा नहीं लगेगा। जो तीन बातें उन्होंने कहीं थीं, वे तीनों ही NRN के लिये उलट पड़ीं, हालांकि NRN इन सबसे इतने ऊपर हैं कि कोई शायद ही कभी कुछ उन्हें कहेगा परंतु  NRN बहुत अच्छा महसूस नहीं कर रहे होंगे, हालांकि बाजार का रूख भी अभी साफ़ नहीं है कि NRN की Infosys में वापसी को बाजार कैसे लेगा, NRN आज बाजार के ब्रांड हैं, उनके दम पर ही Infosys इतना बड़ी कंपनी  बन पायी है। परंतु फ़िर भी जो भी NRN अब करना चाहते होंगे वह योजना अब आकार नहीं ले पायेगी क्योंकि उनके द्वारा उपजाया हुआ पौधा जो विशाल वृक्ष बन चुका है उन्हें बुला रहा है।

     अब NRN को Infosys में अंतरिम विश्लेषण के बाद ढूँढ़ना होगा कि उनके दिये हुए मूल्यों में कितनी हानि हुई है और उन मूल्यों को कंपनी में वापिस से स्थापित करने के लिये कितना समय लगेगा, यह तो आगे वक्त ही बतायेगा । Infosys में कितना इन्टर्नल डेमेज हुआ है यह भी वक्त के साथ पता चलेगा, बाजार भी NRN और Infosys को कैसे देखेगा और अब Infosys कैसे वापिस से नई ऊँचाईयों पर पहुँचेगी, यह भी भविष्य के गर्भ में है।

     हमारी NRN और Infosys दोनों को भविष्य के लिये मंगलकामनाएँ हैं, यही वह कंपनी है जिसने भारत में तकनीक के नये युग की शुरूआत की थी ।

*फ़ोटो इकोनोमिक टाइम्स एवं इंडिया आजतक से साभार लिया गया है ।

13 thoughts on “NRN की Infosys में दूसरी पारी

  1. NRN वाकई एक युग दृष्टा पुरूष हैं, आज बाजार की चुनौतियां बहुत बडी हैं, कर्मठ इरादों के साथ वो अपने लक्ष्य में कामयाब होंगे. उनकी अगली पारी के लिये शुभकामनाएं.

    रामराम.

  2. नारायन मूर्तिजी ने ठीक किया, जब समस्या हो तो नये पुराने सभी को एक साथ जुटना चाहिये। वे तीन सिद्धान्त शान्तिकाल के लिये थे।

  3. मेरे पास इन्फ़ोसिस के क़रीब 10 साल पुराने कुछ शेयर हैं, मैं सोचने लगा था कि उन्हें बेच दूं. लेकिन अब शायद वह नौबत न आए.

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