सिहंस्थ के दौरान हमें अपने गृहनगर उज्जैन जाना तय कर रखा था, परंतु आखिरी मौके पर पता चला कि कुछ ऐसी अड़चनें हैं कि हम सिंहस्थ के दौरान उज्जैन नहीं जा पायेंगे, तो हमने सिंहस्थ के पहले ही आने का निर्णय लिया। सबसे बड़ी अड़चन यह थी कि हमने अपने ट्रेन के आरक्षण सिंहस्थ की दिनांक के मद्देनजर उन दिनों में करवा रखे थे, और 4 महीने पहले ही जिस दिन आरक्षण खुले उसी दिन सुबह करवा लिये थे। नहीं तो एक भी घंटा अगर लेट करते तो वेटिंग के ही टिकट मिलते हैं। हमने मन बनाया कि इस बार 3 अप्रैल को उज्जैन में ही अपने माता पिता के साथ अपने जन्मदिन पर रहें। कार से बैंगलोर से उज्जैन सड़क मार्ग से जाने का मन तो पहले ही था।
31 मार्च को शाम को आखिरकार अचानक ही कार्यक्रम बना कि कल सुबह याने कि 1 अप्रैल को कार से ही बैंगलोर से पूना होते हुए उज्जैन जाया जाये। 31 मार्च को हमने सोचा था कि जल्दी सो जायेंगे परंतु उसी दिन टी 20 के विश्वकप में भारत और वेस्टैंडीज का सेमीफाईनल था और पता नहीं क्यों नींद भी नहीं आ रही थी, मन में बहुत कुछ चल रहा था, परंतु समझ नहीं आ रहा था, हमने ट्रेन के आरक्षण की स्थिती देखी तो किसी भी ट्रेन में आरक्षण उपलब्ध नहीं था मगर प्रीमियम तत्काल नामक श्रैणी में आरक्षण उपलब्ध था, परंतु प्रीमियम तत्काल के टिकट पूरे दोगुने भाव पर उपलब्ध थे, उहापोह की स्थिती के बीच हमने बैंगलोर से इंदौर की हवाई यात्रा के टिकट भी देखे तो सारी टिकटों में ले ओवर टाईम मुँबई में कम से कम 5-6 घंटे का था तो भी पूरा दिन ही टूटना तय था और फिर टिकट के भाव आसमान छू रहे थे, और केवल 2 ही टिकट उपलब्ध थे हमें 3 टिकट चाहिये थे, और वापसी में भी ले ओवर समय ज्यादा था और टिकट जब जाने का ही नहीं मिल रहा था तो आने का टिकट देखना बेमानी था।
हमने सुबह 4 बजे निकलने का निश्चय किया, परंतु नींद बराबर न होने के चलते हम 5 बजे निकल पाये, क्योंकि 1 अप्रैल शुक्रवार था जो कि कामकाजी दिन था और 5.30 बज जाते तो हमें बैंगलोर का ट्राफिक ही और लेट कर देता, फिर भी बैंगलोर से निकलते निकलते 1 घंटा लग गया, यशवंतपुर में ट्रकों के ट्राफिक ने हमारा लगभग आधा घंटा वहीं खराब कर दिया। यशवंतपुर से निकलते ही हमें बढ़िया बैंगलोर पूना 6 लेन हाईवे मिल गया और हमने जो नेट पर छानबीन की थी तो उससे अनुमान लगा कि बैंगलोर से पूना लगभग 850 किमी है और हमें लगभग 12 से 13 घंटे ड्राईव करना है, जब हम लांग ड्राईव पर निकलते हैं तो फिर हम बीच में ब्रेक कम ही लेते हैं, क्योंकि ब्रेक आलस ज्यादा पैदा करते हैं। हमने बैंगलोर से पूना के बीच में 3 छोटे ब्रेक लिये वो भी फ्रेश होने के लिये, पेट्रोल लेने के लिये और एक बड़ा ब्रेक लिया दोपहर के भोजन के लिये।
हमने अपने भाई को, जो कि पूना में ही हैं, रात को ही फोन करके बता दिया था कि भई कल शाम को तुम्हारे यहाँ पूना पहुँच रहे हैं, और उनको कहा कि अपनी गूगल लोकेशन भेज तो हम सीधे घर ही पहुँच जायेंगे, तो भाई ने गूगल मैप पर पहले से ही अपनी एक पिन ड्रॉप करके सेव कर रखी थी, वो हमें भेज दी, हमने अपने विन्डोज वाले मोबाईल पर हीयर मैप्स को लगाया और लोकेशन में सैट कर दिया, तो बस अब हमें केवल ड्रॉइव करना था, बाकी दायें बायें याने कि रास्ता बताने का काम हमारे मोबाईल के जिम्मे था। हमने अपने मोबाईल पर हीयर मैप्स पर पहले ही भारत का मैप डाऊनलोड कर लिया था, बस आने के पहले हमने भारत के मैप को अपडेट कर दिया, तो हमारे पास अब पूरे भारत का मैप हमारे मोबाईल में ऑफलाईन उपलब्ध था।
खाने के लिये सारा सामान हम साथ ही लेकर निकले तो हमें नाश्ते के लिये कहीं रुकने की जरूरत नहीं महसूस हुई, सुबह लगभग 9.30 बजे भाई का फोन आया कि कहाँ पहुँचे तो उस समय हमें आसपास कहीं कुछ पता नहीं चल रहा थी तो हमने बताया कि हम 300 किमी आ चुके हैं, बीच बीच में कुछ जगहों पर हमें ट्रकों का बहुत ट्रॉफिक मिला, जिससे हमारी रफ्तार 30-40 की ही रह गई, परंतु ऐसा रास्ता केवल 50 किमी का ही था और हम दोपहर 1.30 बजे कोल्हापुर पहुँच चुके थे, यहाँ हम लगभग 630 किमी की दूरी तय कर चुके थे, यहाँ हमने दोपहर का भोजन किया और फिर सीधे पूना निकले, कोल्हापुर से पूना के बीच के ट्रॉफिक में सबसे बड़ी समस्या दोपहिया वाहन हैं, जिसके कारण हम बहुत ज्यादा रफ्तार में चला नहीं पा रहे थे, परंतु फिर भी 2.15 बजे दोपहर में चलने के बाद भी हम शाम 6 बजे 250 किमी चलाकर भाई के घर पहुँच चुके थे। हमारी गाड़ी का ट्रिप रिकार्डर 842 किमी दूरी तय करने का बता रहा था। भाई के यहाँ कुछ देर मोटापा कम करने के घरेलू उपायों पर भी चर्चा हुई और हमने अपने अनुभव उनसे साझा किये। वैसे भी जबसे हमने 20 किलो वजन कम किया है, हमें आलस भी कम ही आता है।
अगले दिन सुबह हमने फिर से 5 बजे ही निकलने का कार्यक्रम बनाया, बस नींद पूरी होने के ऊपर सबकुछ निर्भर था, अच्छा यह रहा कि जबरदस्त नींद हो गई और हम सुबह 5 करते करते 5.45 पर निकल पाये फिर भी हमने लगभग 9 बजे शिर्डी पार कर दिया था और निश्चय किया कि भोजन महाराष्ट्र में नहीं करेंगे, भोजन मध्यप्रदेश में ही करेंगे, हमने लगभग 1.15 बजे सेंधवा पार कर दिया और म.प्र. राज्य कर की चुंगी के बाद राजहंस ढाबे पर भोजन किया, आत्मीयता से बनाया खाना पूर्ण तृप्त कर गया। फिर थोड़ी देर बाद ही हमें धामनोद के बाद डोडी ढाबा पड़ा तो वहाँ हमने एक कॉफी ब्रेक लिया और फिर हम सीधे इंदौर पहुँच गये अपनी चाची जी के घर पर।
हमने उन्हें महू से निकलते ही बता दिया था कि हम घर पर 5 बजे पहुँच जायेंगे। घर पर चाची जी और भाई से बहुत सी बातें हुई, और हमें उसी दौरान चाचीजी द्वारा लाई गईं लाल बाल्टी की कचोरी खाई, फिर हमें लालच भी दिया गया कि आज यहीं रूक जाओ कल सुबह निकल जाना, रात को सर्राफा चौपाटी खाने चलेंगे, हमने कहा कि अपनी बत्ती रात 9.30 बजे के बाद गुल हो जाती है, तो रात को 11 से खुलने वाले सर्राफे के खाने का हम पहले भी लुत्फ ले चुके हैं, परंतु अपनी खाने की आदतों के बदलाव के चक्कर में अब स्वाद बदल गया है। हम 6.30 बजे इंदौर से उज्जैन के लिये निकले और 7.30 बजे घर पहुँच गये। इस तरह हमने बैंगलोर से उज्जैन 1521.3 किमी की यात्रा सड़क मार्ग से पूरी की।
बहुत बढ़िया
कार से सफर के अपने जोखिम है लेकिन मजा भी खूब है
जी हाँ जोखिम और मजे दोनों ही अपने हाथ में है।
you are great & crazy…finally you have reached enjoy with family@@@@@
आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल मंगलवार (05-04-2016) को “जय बोल, कुण्डा खोल” (चर्चा अंक-2303) पर भी होगी।
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सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का लिंक किसी स्थान पर लगाया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है।
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चर्चा मंच पर पूरी पोस्ट नहीं दी जाती है बल्कि आपकी पोस्ट का लिंक या लिंक के साथ पोस्ट का महत्वपूर्ण अंश दिया जाता है।
जिससे कि पाठक उत्सुकता के साथ आपके ब्लॉग पर आपकी पूरी पोस्ट पढ़ने के लिए जाये।
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हार्दिक शुभकामनाओं के साथ
सादर…!
डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री ‘मयंक’
ब्लॉग बुलेटिन की आज की बुलेटिन, ” कंजूस की मेहमान नवाज़ी – ब्लॉग बुलेटिन ” , मे आपकी पोस्ट को भी शामिल किया गया है … सादर आभार !
Badhiya cheers
aapka lekh padha. iski tareef karun to samay jada lag sakta hai. aapse email dwara sampark karna chah rahi hun , kripya koi email pradaan karein taaki aapse lekh prakaashan ke vishay me baat kar sakun. ya mujhe bhi email kar sakte hain – [email protected]
– Priyanka