Category Archives: मोबाईल

परेशानी, शेयर बाजार कमाई और सीखने की चाहत

आज बड़ी परेशानी हुई, ऑफिस का लेपटॉप अचानक ही क्रेश हो गया, मतलब कि लेपटॉप चार्ज ही नहीं हो रहा था और कुछ जरूरी डॉक्यूमेंट बनाने थे, जिस पर एक बड़ी मीटिंग शेड्यूल थी। डॉक्यूमेंट में आलमोस्ट सारी चीजें अपडेट कर चुके थे, और onedrive पर सिंक हो गई, यह एक बढ़िया बात रही। हमने क्रेश होने के बाद मोबाइल पर onedrive डाऊनलोड करा और अपने सहकर्मियों को शेयर कर दिया। जिससे फायदा यह हुआ कि मीटिंग री शेड्यूल नहीं करना पड़ी। हाँ अपने बॉस को जरूर अपडेट कर दिया था और कंपनी के IS टीम के साथ टिकट खोला और फिर पता चला कि वे कुछ नहीं कर सकते, लेपटॉप अभी वारंटी में है तो लेपटॉप कंपनी से टिकट ओपन किया गया और अब वो हमारे घर पर आकर कुछ पार्ट बदलेगा।

बाद में लेपटॉप कंपनी वालों का फोन आया, और उन्होंने बताया कि हम मोबाईल के सी टाइप चार्जर से भी चार्ज करके देख सकते हैं, हमने मोबाईल के चार्जर से चार्ज करके देखा तो थोड़ा बहुत चार्ज हो गया। पर चार्जिंग बहुत ही धीमी हो रही है। अब लेपटॉप कम्पनी वाला परसों आयेगा और लेपटॉप का चार्जिंग पोर्ट बदलेगा। तब तक मोबाईल के चार्जर से ही काम चलाना पड़ेगा। लेपटॉप का सी टाइप चार्जर मिल जाये, इसका जुगाड़ भी जारी है। वहीं अगर यह काम नहीं हुआ तो कंपनी डॉकिंग स्टेशन भेजेगी।

पर एक छोटी सी चीज खराब होने से बहुत ही समस्या हो जाती है, और दिनभर का शेड्यूल बिगड़ जाता है, बहुत सारा काम था, पर दिमाग में काम की बजाय यही चल रहा था कि अब काम कैसे चलेगा। ऐसी परेशानियों को झेलना मुश्किल होता है।

वहीं परसों मंथली एक्सपायरी है और एक डील गलत होने से अपना 4% का प्रॉफिट चला गया, फिर भी 1% प्रॉफिट इस महीने का रहेगा। अब शेयर बाजार में यह सब तो चलता ही रहता है। अब vix जब थोड़ी ज्यादा होगी तो ऑप्शन की प्रीमियम भी ज्यादा बेचने को मिलेगी। फेसबुक पर एक मित्र ने अपनी पोस्ट में ऑप्शन बेचने का लिखा था, हमने उनकी पोस्ट पर कमेंट किया कि You are on right track, just use 3 months support and resistance and sell strangle for safe side, vix is important factor. No need to learn from anywhere, just do your paper trade. And soon you will be able to earn minimum 3 to 6% monthly on your capital with risk management.

अब उनको सीखने में मदद भी कर रहा हूँ, देखते हैं कि हम कितना सिखा पाते हैं और वे कितना सीख पाते हैं। मुझे ऐसे लोग पसंद आते हैं जो सीखने की कोशिश करते हैं, न कि टिप्स के पीछे भागते हैं। कल ही एक मित्र को कह रहा था कि कोई अगर 10 लाख से यह काम शुरू करे तो 30 हजार रुपये हर महीने के आराम से रिस्क मैनेज करके कमा सकता है, बस सीखना पड़ेगा और बाजार स्व कमाने की जल्दीबाजी न करे। वहीं इससे ज्यादा कमाई का सोचा तो रिस्क मैनेज नहीं कर पायेंगे। साल का 40% रिटर्न अपने कैपिटल पर बहुत बढ़िया होता है। पर पब्लिक को तो रातों रात अमीर बनना होता है, और फिर शेयर बाजार को सट्टा बाजार कहते हैं, उन पर तरस आता है।

पुराना मोबाईल कैसे बेचें, अब एक्सचेंज बंद है।

इस बार के अमेजन प्राइम डे में बेटेलाल के लिए नया फोन तो ले लिया। पुराने फोन के साथ एक्सचेंज ऑफर उपलब्ध तो थे, परंतु जब पेमेंट पेज पर आते थे तो लिखा हुआ आता था कि यह फोन बिना एक्सचेंज के आपके पिनकोड पर उपलब्ध है, मतलब कि बेंगलुरु में एक्सचेंज उपलब्ध नहीं था।

फिर हमने अमेजन कस्टमर केयर पर बात करी, पर समस्या का हल नहीं निकला, उन्होंने कहा कि यह कूरियर की प्रॉब्लम है। कूरियर वाले एक्सचेंज को सपोर्ट नहीं कर रहे है। हमने कई और पिन कोड पर एक्सचेंज के साथ डिलीवरी करने का ट्राई किया, तो लगभग सब जगह वही मैसेज हमें दिखाई दिया।

फोन लेना जरूरी था तो हमने ले लिया। फिर उसके बाद हम यह सोचने लगे अब इस पुराने फोन को कैसे ठिकाने लगाया जाए, क्योंकि कुछ ही दिनों में वह बेकार हो जाता फोन 6 वर्ष पुराना हो चुका था और बॉडी तथा स्क्रीन में थोड़ा डैमेज भी था।

इंटरनेट पर घूमते हुए हमें रिसाइकल डिवाइस कंपनी का पता चला और हमने ऑनलाइन पुराने फोन के डिटेल डाल दिये, जिसमें कि हमारे पुराने फोन की कीमत लगभग ₹3100 दिखा रहा था और अमेजॉन वाउचर लेने पर 10% एक्स्ट्रा दे रहा था तो लगभग हमें ₹3400 का एस्टीमेट मिला।

आज रीसाइकिल डिवाइस (recycledevice) से उनका बंदा आया और फोन चेक करने के बाद हमें बताया की बॉडी ज्यादा ही डैमेज है, इसके लिए हम टोटल ₹3000 दे पाएंगे हमने तत्काल ही हाँ कर दी और उन्होंने हमारा आधार कार्ड लिया और आधार कार्ड का ओटीपी भेजकर आधार कार्ड से वेरीफाई किया। हमने पूछा ऐसा क्यों कर रहे हो तब वे बोले रेगुलेटरी अथॉरिटी का नया फरमान है कि एक्सचेंज के समय ओरिजिनल मोबाइल का डब्बा, चार्जर मोबाइल के साथ लेना जरूरी है। यह कदम इसलिए है इससे चोरी का मोबाइल एक्सचेंज में नहीं जा सकेगा साथ ही सेकंड हैंड मार्केट में चोरी का मोबाइल कोई खरीद नहीं पाएगा।

तब हमें ध्यान आया कि फ्लिपकार्ट ने अब ओरिजिनल मोबाइल के डब्बे के साथ चार्जर भी लेना शुरू कर दिया है इसके बिना वह एक्सचेंज नहीं लेते।

हमने उनसे पूछा आप इस मोबाइल का आखिर करोगे क्या? तो वह बोले इसके अंदर के पार्ट्स जो सही सलामत हैं उसकी वैल्यू बहुत ज्यादा है, इसलिए हमें इसमें भी बहुत फायदा है।

रिलायंस जिओ का टेलीकॉम युद्ध

आज सुबह रिलायंस जिओ के प्लॉन समाचार पत्र में पढ़े तो देखकर ही दिमाग चकरघिन्नी हो गया। अब लगा कि रिलायंस जिओ, आईडिया एयरटेल की दुकानों पर भारी पड़ने वाला है, और रिलायंस जिओ का टेलीकॉम युद्ध शुरू हो गया है जो बाकी के सभी ऑपरेटर्स को बहुत भारी पड़ने वाला है, क्योंकि जिओ का सारा इन्फ्रास्ट्रक्चर नया है और उनकी कॉस्ट कम है, और बाकी के लोग हाथी हो चुके हैं। यहाँ तक कि इनके प्लॉन से अब ब्रॉडबैंड कंपनियों तक की बैंड बजने की उम्मीद है।

परसों ही ऑफिस के केन्टीन में लाईन से बैठे मोबाईल ऑपरेटर्स के डेस्कों पर गया और पूछने लगा कि अभी जो प्लॉन है, उससे मेरा काम नहीं चल रहा है। ज्यादा वाला प्लॉन बता दो, जिसमें लोकल और एस.टी.डी. दोनों ज्यादा हों, डाटा जितना है उतना ही चलेगा।

पहली डेस्क वोदाफोन जो अभी मेरा नेटवर्क ऑपरेटर है –

उनके प्लॉन देखे, तो कोई प्लॉन जमा ही नहीं, कहीं न कहीं कोई न कोई ट्रिक, ज्यादा कॉल्स तो डाटा प्लॉन में कमी, और डाटा ज्यादा तो कॉल में कमी। हमने कहा यार तुम लोग तो लूटने में ही लगे हो, और कितना निचोड़ोगे जनता को, Continue reading रिलायंस जिओ का टेलीकॉम युद्ध

900रू. के मोबाईल से 9 लाख रू. की गाड़ी चोरी से बचाई

   हम जीवन में मेहनत करते हैं, आगे बढ़ते हैं और अपने यत्नों से प्रगति पथ पर अग्रसर होते हैं। कार हमारे जीवन की एक मूलभूत सुविधाओ में शामिल हो जाती है, जब हम कार को अफोर्ड कर सकते हैं। कई बार दोपहिया वाहन हमारे दैनिक आवाजाही के लिये उपयुक्त नहीं होता है, क्योंकि कई बार हमें हाईवे पर ही सफर करना पड़ता है, कार जीवन में एक महँगा साधन है, और हर कोई कार को अपने सपनों की कार मानकर ही लेता है, जब हम अपना सपना सच कर लेते हैं, तो हमें यह भी ध्यान रखना चाहिये कि हमारे सपनों में कोई सेंध न लगा दे, कोई कार या गाड़ी को चुरा न ले। हालांकि गाड़ी चोरी के लिये बीमा होता है, परन्तु अगर हम ध्यान रखें और सावधानी बरतें तो हम सेंध लगाने से रोक सकते हैं।

   अभी गुड़गाँव में ही एक केस हुआ था और अपनी सूझबूझ से उसने अपनी कार को वापस पा लिया। कुछ दिनों पहले ही उन्होंने होंडा की मोबिलिय कार 9 लाख रूपये की खरीदी थी और उनके एक मित्र ने उन्हें एक मशविरा दिया कि आप अपनी कार में एक मोबाईल में सिम डालकर वाइब्रेट मोड में रख दें,तो उन्होंने भी उनके मित्र की राय मान ली, और एक 900 वाला मोबाईल लिया उसमें सिम डालकर कार में छिपाकर रख दिया। हर दूसरे तीसरे दिन चार्ज भी कर देते थे, जिससे मोबाईल डिस्चार्ज न हो पाये।

   शाम को ऑफिस से आने के बाद जब इन भाईसाहब ने रात को अपने घर के सामने अपनी हाँडा मोबिलिया खड़ी की, और अगले दिन सुबह जब उन्होंने देखा कि उनकी गाड़ी गायब तो उनके तो होश फाख्ता हो गये, उन्होंने तत्काल ही पुलिस को फोन किया और थोड़ी ही देर में पुलिस उनके घर पर थी, और इन भाईसाहब ने सबसे बड़ी गलती यह की कि गाड़ी के कागज भी गाड़ी में ही छोड़ दिया थे। पुलिस भी मुँह लटकाकर केस लिख रही थी, पर जैसे ही इन्होंने बताया कि गाड़ी में एक मोबाईल रखा छोड़ दिया है तो पुलिस वाले खुश हो गये और बोले कि आप हर 10-15 मिनिट में एस.एम.एस. करिये और हर 30 मिनिट में कॉल करते रहिये, पुलिस ने अपनी साईबर टीम की मदद ली और मोबाईल को ट्रेस कर 3-4 घंटे में ही गाड़ी ढ़ूँढ़ ली गई।

   तो केवल 900 रू. के मोबाईल रखने की होशियारी से उनकी 9 लाख की गाड़ी चोरी होने के बाद मिल गई। जब गाड़ी मिली तो उसका इग्निशियन लॉक और गियर लॉक दोनों ड्रिल करे हुए मिले, पर सबसे बड़ा संतोष यह था कि गाड़ी वापिस मिल गई। गाड़ी तो गाड़ी होती है और चोर चोर होते हैं, उन्हें 4 लाख या 9 लाख से कोई अंतर नहीं पड़ता है, तो बेहतर है कि हम भी गाड़ी में एक 900-1000 वाला मोबाईल जिसका बैटरी बैकअप अच्छा हो, छिपाकर रख दें, मुझे सबसे बेहतरनोकिया 105 लगा, जो कि फ्लिपकार्ट पर केवल 1085 रू. में उपलब्ध है।

नई शुरूआत मोटो ई के साथ

    हमेशा दुनिया में आदमी को नया सीखने की चाहत होती है, और हर कोई नई तकनीक को अपनाना चाहता है जिससे वह भी सभ्य समाज में जाना जाये और उसकी समाज में अच्छी पहचान बने । समाज में उसे जाना जाये और कोई भी नई तकनीक में विशेषज्ञता हासिल हो तो समाज हमेशा से ही उन व्यक्तियों को अलग ही पहचान देता है। जब से मोबाईल आम हाथों में आया है या यूँ कहें कि विलासिता की श्रेणी से मोबाईल हर व्यक्ति के जीवन की जरूरत बन गई है तब से मोबाईल क्षैत्र मे क्रांति आ गई है। पहले मोबाईल फोन कुछ ज्यादा ही भारी होते थे, जो कि केवल मैसेज और कॉल करने तक ही सीमित थे। पर जब इसी मोबाईल में कुछ और सुविधाएँ आ गईं तब से मोबाईल में एक से एक फीचर आने लगे।

    मेरे पास 13 वर्ष पहले एक मोटोरोला का फोन था जिसमें कुछ ज्यादा फीचर नहीं थे परंतु हाँ उसकी बैटरी जबरदस्त थी, फिर तो मैंने कई मोबाईल बदले जिसमें इंटरनेट तक की सुविधा थी, पर उसमें सारा मजा इसलिये किरकिरा हो जाता था कि किसी भी मनचाही जगह पर हम क्लिक नहीं कर सकते थे। अब हमने सोचा कि कीपैड के साथ वाले मोबाईल को त्याग कर मोटोरोला का नया मोटो ई स्मार्टफोन से टचस्क्रीन की दुनिया में प्रवेश करने का फैसला किया, इसमें हमें टच का मजा लेने को मिलेगा जो कि आज हर दूसरे व्यक्ति के पास होता है और हमें लगा था कि हम तकनीक की दुनिया में पिछड़ने लगे हैं।
    हम अपने मोबाईल पर एन्ड्रॉयड के नये एप्प के मजे ले पायेंगे, नये नये गेम्स के मजे ले पायेंगे, फिल्में देख पायेंगे और सबसे मजे की बात कि हम ये सब केवल टच करके कर पायेंगे, जीपीएस का बेहतरीन उपयोग कर पायेंगे और बड़ी स्क्रीन का मजा ले पायेंगे, रंग तो मोबाईल की स्क्रीन पर बेहतरीन दिखेंगे ही, मैं तो यह सब सोचकर ही रोमांचित हूँ कि मेरे पास टच स्क्रीन का फोन होगा। जिस पर मैं घर पर वाई फाई को भी कनेक्ट कर पाऊँगा, बहुत सारे गेम्स जो दूसरे लोग अपने टच स्क्रीन वाले मोबाईल पर खेलते हैं, और मैं उनको देखकर लालायित होता रहता था, अब मैं भी खेल पाऊँगा। अब मुझे किसी भी तरह की सुविधा के लिये तरसना नहीं  पड़ेगा। 
    इसमें 8 जीबी आँतरिक मैमोरी है और इसमें दो सिम लग सकती हैं, जिससे मैं दो फोन रखने की असुविधा से भी बच पाऊँगा।  5 मेगापिक्सल के कैमरा होने से कम से कम अब मुझे अपना कैमरा साथ में नहीं रखना होगा, गाने या वीडियो रखने
के लिये 32 जीबी की बाहरी मैमोरी तक का समर्थन है। इसमें 1 जीबी रैम होने से मुझे हर एप्प में अधिकतम रफ्तार मिलेगी और फोन हैंग भी नहीं होगा और मैं इससे वीडियो भी रिकार्ड कर पाऊँगा। इसमें एक्सेलेरोमीटर, लाईट सेन्सर और प्रोक्सीमिटी सेन्सर होने से मेरे इस टच स्क्रीन फोन का मजा दोगुना हो जायेगा। फोन का वजन मेरे पहले वाले फोन से बहुत कम है और इसकी बनावट भी बहुत अच्छी है।
    इतने बेहतरीन फीचर्स वाला फोन अगर मिल जाये तो इससे बेहतर बात क्या हो सकती है। जिंदगी में हमें बदलाव के लिये हमें प्रयास करने चाहिये और मैं बदलाव लाऊँगा अपनी जिंदगी में मोटो ई टच स्क्रीन फोन से।  #ChooseToStart with the new Moto E!

आसुस जेनफोन मोबाईल जिसमें हैं मेरी वेलेन्टाइन के सारे गुण

    सभी को ऐसी प्रेमिका चाहिये होती है जो दुनिया से जुदा हो, अलग हो, सुन्दर हो, अप्रितम हो, दिलकश हो, नाजनीन हो, पतली हो, लंबे बाल हों और भी न जाने क्या क्या !! वक्त बदल रहा है वैसे ही प्रेमिका की परिभाषा भी बदल रही है और कुछ
लोग तो हर वेलन्टाईन पर नयी प्रेमिका के साथ दिखाई देते हैं, खैर जो है उसे वैसा ही रहने देते हैं, हम दुनिया को बदलने की कोशिश न ही करें, क्योंकि यह नितांत व्यक्तिगत मामला है और हमें उस बारे में बात नहीं करनी चाहिये, क्योंकि वाकई यह बात कुछ लोगों के ऊपर बिल्कुल सटीक होती है।
 वैसे मेरी नई प्रेमिका है आसुस जेनफोन A601CG Gold और इसके मुख्य पाँच कारण हैं – 

1.    सुनहरा रंग – जी हाँ सुनहरा रंग आखिर दिखने में अच्छा लगता है, दूर से ही आकर्षण पैदा करता है, कहीं भी दूर से ही कोई भी देखकर पहचान सकता है। और मुझे तो दूर से ही देखकर लगने लगता है कि वाह मेरी प्रेमिका मुझे दिख रही है, और वह भी बिल्कुल केवल मेरी क्योंकि इस रंग का कोई और फोन कहीं भी किसी के पास मिलेगा ही नहीं और दूसरे की प्रेमिका से रश्क तभी होता है जब उसमें कुछ खास होता है। और कोई भी देखकर ही कहे कि भाई ये तो उसकी प्रेमिका है। 

2.    पतला और अच्छा दिखना – मोबाईल तो वही अच्छा होता है जिसे कोई भी परिचित देखे और कम से कम एक बार अपने हाथ में लिये बिना न रह सके, और अपरिचित लालच भरी नजरों से देखता रहे, कि एक बार जेब में हम मोबाईल रखें तो वह केवल इस बात का इंतजार करता रहे कि कब ये जेब से फोन निकाले और कब उसके दर्शन हों। आसुस जेनफोन को इस तरह से तैयार किया गया है कि यह तकनीक और बनावट का एक सम्पूर्ण मिश्रण है। 

3.    13 एवं 2 मेगापिक्सेल का कैमरा – जब मैं तैयार होऊँ तो मैं कैसा दिखूँगा, वह मैं कैमरे की नजरों से देखना पसंद करता हूँ, और जब मैं किसी का भी फोटो खींचू तो कम से कम पिक्सेल टूटें और फोटो सुस्पष्ट, दोष रहित हो । वीडियो चैटिंग में तो यह किसी भी तरह से बेमिसाल होगा, लोग मेरी वीडियो क्वालिटी देखकर ही सोचते रहेंगे कि मैं आखिरकार कौन सा फोन उपयोग में लाता हूँ कि मेरी वीडियो इतनी साफ है

 4.    16 जीबी आंतरिक और 64 जीबी बाहरी मैमोरी – आजकल बहुत ही बड़े बड़े एप्प बाजार में आ रहे हैं, और बाहरी मैमोरी में स्टोर होने से फोन की गति अत्यंत धीमी हो जाती है, पर इस फोन में 16 जीबी आंतरिक मैमोरी होने से फोन की गति तीव्र रहती है, और किसी भी कार्यवाही की प्रतिक्रया काफी तेज होती है। यहाँ तक कि इस फोन की स्क्रीन 6 इंच है पर किसी भी एप का गतिप्रदर्शन लाजबाब होता है

 5.    3300 mAh बैटरी और 3 जी – आजकल की भागती दौड़ती जिंदगी में जैसे हम अपने आप को सोकर चार्ज करते हैं वैसे ही फोन को भी उसकी जरूरत होती है, पर हमारी बैटरी से इस फोन की बैटरी जबरदस्त ताकतवर है और 6 इंच का फोन और लगातार 3 जी के उपयोग होने के बावजूद इसकी बैटरी काफी चलती है और कभी भी बीच में धोखा नहीं देती है। 

    जब इतनी जबरदस्त मोबाईल फोन रूपी मेरी प्रेमिका होगी तो अपना रंग और ढंग भी बदल जायेगा, दुनिया देखेगी कि वो देखो आसुस जेनफोन A601CG Gold उसकी वेलेन्टाइन है।

हम यह फोन यहाँ http://www.flipkart.com/asus से खरीदने वाले हैं । 

 

भारत की आधारभूत समस्याएँ और उसके समाधान.. सैनिटरी नैपकीन और पानी

    बहुत दिनों से सोच रहा हूँ रिवर्स माइग्रेशन के लिये, रिवर्स माइग्रेशन मतलब कि अपने आधार पर लौटना, जहाँ आप पले बढ़े जहाँ आपके बचपन के साथीगण हैं,  देशांतर गमन शायद ठीक शब्द हो। लौटकर जाना बहुत बड़ा फ़ैसला नहीं है, पर लौटकर वापिस वहाँ अपना समय किस तरह से समाज के लिये लगायें, यह एक कठिन फ़ैसला है। अभी पिछले दिनों जब मैं अपने कुछ व्यावसायिक मित्रों से अपने गृहनिवास में बात कर रहा था, जब मैंने उनको अपना मन्तव्य बनाया तो एक मित्र ने व्यंग्यात्मक लहजे में कहा “बोस सब उज्जैन वापिस आकर समाज सेवा ही करना चाहते हैं, एक दिन ऐसा आयेगा कि सब समाजसेवक ही होंगे, सेवा करवाने वाले कम”, उस मित्र की बात वाकई बहुत दिलचस्प लगी, अगर इतने लोग सेवा करने वाले उपलब्ध हैं पर कर नहीं पा रहे हैं तो उनको बस एक नई दिशा देने की जरूरत है।
    कुछ समय बाद ही इंडीब्लॉगर ने फ़्रेंकलिन टेंपलटन इन्वेस्टमेन्ट्स के साथ “द इंडिया काँरवा” प्रस्तुत किया जिसमें अपने विचार उन वक्ताओं के लिये देने थे जिन्होंने बिल्कुल सतही तौर पर समाज के साथ काम किया और टेडेक्स गेटवे मुंबई दिसम्बर २०१२ में उन्होंने अपने विचार रखे। उनके विचार सुनकर अपने तो दिमाग के सारे दरवाजे खुल गये, हम सोच रहे थे कि करें क्या ? परंतु यहाँ तो लोग आधारभूत समस्याओं से ही सामना कर रहे हैं, उनके लिये कुछ बड़ा करने से पहले, उनकी आधारभूत समस्याओं को समझा जाये और उस पर कार्य किया जाये।
    अरुनाचलम मुरुगनाथम मेरे लिये नया नाम था, परंतु जब मैंने इनकी कहानी सुनना शुरू कि जो इतनी दिलचस्प थी, कि मैं इनके कार्य करने और कुछ करने की जिद से बहुत प्रभावित हुआ, अरुनाचलम में शुरू से ही कुछ करने की इच्छा थी, जिस तरह से उन्होंने महिलाओं के लिये सैनिटरी नैपकीन का अविष्कार किया, जिससे महिलाएँ अपने खुद के लिये यह आधारभूत सुविधा पा सकें, जिस तरह से उनके किये गये अविष्कार से जितनी बड़ी आबादी को यह लाभ मिल सकेगा, कितने ही लोगों को रोजगार मिल सकेगा, सैनिटरी नैपकीन की बात महिलाएँ तो क्या पुरूष भी दबे शब्दों में बात करते हैं पर अरुनाचलम नें यही बात मंच तक लाई और इसके लिये कार्य कर इतनी महँगी चीज को बिल्कुल ही पहुँच वाले दामों में भारत की महिलाओं को उपलब्ध करवाया।
अरुनाचलम मुरुगनाथम की दिलचस्प यात्रा आप यहाँ सुन सकते हैं।
सिन्थिया कोनिग ने भारत की सबसे आधारभूत समस्या और सबसे भारी समस्या को समझा और उसका एक अच्छा, हल्का सा समाधान भी दिया। जैसा कि हम सब लोग जानते हैं भारत की सबसे बड़ी समस्या है पानी, जो कि सहजता से उपलब्ध नहीं है और जहाँ उपलब्ध है वहाँ से घर लाने में कितने श्रम की जरूरत होती है, आज भी गाँवों में महिलाएँ सिर पर पानी ढो़कर लाती हैं, और पानी बहुत भारी होता है। इसके लिये सिन्थिया कोनिग ने एक रोलर का अविष्कार किया जो कि ड्रम के आकार का है और पानी भरने के बाद उसे आसानी से खींचा जा सकता है, पानी अधिक मात्रा में लाया जा सकता है और सबसे बड़ी बात कि इसकी कीमत गाँव वालों की पहुँच में है मात्र ९७५ – १००० रूपये।
सिन्थिया कोनिक का दिलचस्प व्याख्यान यहाँ सुन सकते हैं, कैसे उन्होंने भारी पानी को हल्का कर दिया।
सुप्रियो दास, अच्छे खासे इंजीनियर थे, परंतु कुछ करने की इच्छाशक्ति ने उन्हें अपने खुद के लिये काम करने के लिये प्रेरित किया, और उन्होंने बहुत सारे अविष्कार भी किये, जिसमें उनका सबसे अच्छा और अधिकतर जनता को फ़ायदा पहुँचाने वाला है, जिम्बा !! जब सुप्रियो दास ने देखा कि हमारे यहाँ केवल अच्छा पीने लायक साफ़ पानी ना मिलने के कारण ही हजारों मौतें रोज हो रही हैं, उन्होंने इसके लिये बहुत शोध किया और पाया कि पर्याप्त मात्रा में क्लोरीन नहीं मिलाया जा रहा है या बहुत ही सस्ता क्लोरीन उपलब्ध ही नहीं है और अगर है भी तो कम या ज्यादा होने से नुकसानदायक है, तब उन्होंने जिम्बा उत्पाद बनाया जो कि पानी के स्रोत पर ही लगा दिया जाता है तो जहाँ से लोग पानी लेते हैं, उन्हें पर्याप्त मात्रा में क्लोरीन मिला हुआ पानी मिल रहा है, जिससे आश्चर्यजनक तरीके से जहाँ भी प्रयोग हुए अच्छे नतीजे मिले और सबसे बड़ी बात कि इस यंत्र में कोई भी ऐसी चीज नहीं लगी कि वह खराब हो सके।
सुप्रियो दास की क्लोरीन की कहानी, कैसे पानी को पीने लायक बनाया
    इन तीन अविष्कारों से मैं बहुत प्रभावित हुआ, अगर कुछ करने की ठान लो तो कुछ भी असंभव नहीं है, बस काम करना है यह सोच हमारी दृढ़ होनी चाहिये।
    यह पोस्ट फ़्रेंकलिन टेंपलटन द्वारा आयोजित टेडेक्स गेटवे मुंबई २०१२ में आयोजित “द इंडिया काँरवा” में कुछ महत्वपूर्ण सामाजिक और आधारभूत समस्यों से प्रेरित होकर लिखी गई है। Franklin Templeton Investments partnered the TEDxGateway Mumbai in December 2012.