खुद पर भरोसा, आत्मनियंत्रण, आत्मसंयम, अनुशासन से क्या नहीं पाया जा सकता, मैं बरसों से बढ़े हुए वजन से परेशान था, पर कई वर्षों से जतन भी कर रहा था किसी भी तरह से मोटापा कम हो जाये, परंतु कभी किसी विधि में सफलता नहीं मिल पायी, कभी कमजोरी आ गई तो कभी थकान ने परेशान किया। विश्व में 90 प्रतिशत से ज्यादा लोग मोटापे से परेशान हैं और हर कोई मोटापा कम कैसे किया जाये के उपाय ढ़ूँढ़ता रहता है, हम भी कई बरसों से ऐसे ही मोटापा कम कैसे किया जाये के उपाय ढ़ूँढ़ रहे थे।
मोटापा कम कैसे किया जाये के लिये हमने पहले क्या क्या उपाय किये –
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खाना कम खाना शुरू किया – खाना कम खाना शुरू करने से कमजोरी आ रही थी और आलसीपन ज्यादा आता जा रहा था, सुस्ती रहती थी अपने कोई भी काम ढ़ंग से नहीं कर पाते थे। तो खाना कम खाना छोड़ दिया।
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घूमना शुरू किया – रोज सुबह 1 घंटा तेज चाल में चलते और फिर बाद में धीरे धीरे दौड़ना भी शुरू किया परंतु रोज ही लगभग एक से दो घंटे हमें घूमने पर देना बर्बाद लगने लगा क्योंकि हम और दूसरे कार्यों में पिछड़ने लगे।
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जी एम ड़ाईट (GM Diet) – यह वाली डाईट बहुत ही प्रसिद्ध है और हमने भी करने की सोची, परंतु हम पहले ही दिन इस डाईट को झेल नहीं पाये।
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जिम में व्यायाम करना – हमने जिम में व्यायाम भी शुरू किया परंतु व्यायाम के बाद इतनी थकान होने लगती थी कि कई बार यही थकान ऑफिस से छुट्टी लेने का कारण बनने लगी, तो जिम भी छोड़ दिया।
मुझे हमेशा से ही खाने का भयंकर वाला शौक रहा है, जैसे कि दाल बाफले, दाल बाटी, पोहा, पनीर की सब्जी, तंदूरी खाना या यूँ भी कह सकते हैं कि हर भारतीय भोजन जो कि गरिष्ठ होता है, और मिठाई तो छक कर 1 किलो तक एक बार में खा सकते थे। कई बार 40 रसगुल्ले खा चुका हूँ। वजन कम होने का नाम ही नहीं ले रहा था।
मई 2015 में 15 दिनों की छुट्टी के दौरान मैने छककर अपना मालवी भोजन शुद्ध घी में खाया और 15 दिनों में ही अपना वजन लगभग 4-5 किलो बढ़ा हुआ पाया। मैंने मई 2015 के आखिरी में पूरे 98 किलो का वजन प्राप्त कर लिया था, जब मैंने अपना वजन देखा तो बहुत ही घबरा गया। क्योंकि मुझे कोलोेस्ट्रॉल और उच्च रक्तचाप की समस्या से ग्रसित था।
मैंने खाने के ऊपर नियंत्रण करना शुरू किया, सबसे पहले मैंने सप्ताहांत पर बाहर बाजार का खाना बंद किया। मैं सही बताऊँ तो खाने पर नियंत्रण करना मेरे लिये बहुत आसान नहीं था, मेरे खाने की आदतों और शौक के चलते हमारे ब्लॉगर मित्रों ने हमें भोजनभट्ट की उपाधि से भी नवाज दिया, क्योंकि हम केवल खाना खाने के ही शौकीन नहीं हैं, हम खाना बनाने के भी शौकीन हैं और कई तरह की नये व्यंजन बनाने सीखे और खिलाये, खासकर इटेलियन।
जून प्रथम से ही हमने हमारी डाईट ठीक की, मोटापा कम कैसे किया जाये पर काम करने लगे और हम इस तरह से खाने लगे –
सुबह 8 बजे – दो रोटी सब्जी के साथ
दोपहर 1 बजे – दो रोटी सब्जी या दाल के साथ और सलाद
शाम 7 बजे – एक कटोरा दाल और सलाद
बीच बीच में हम चाय पीते थे, अपने सहकर्मियों के साथ नाश्ता भी कर लेते थे, परंतु धीरे धीरे हमने नाश्ता भी कम किया और खाने पर नियंत्रण करने की यही पहली शुरूआत थी। जब भी कोई मेरे साथ में समोसा, कचोरी या पूड़ी सब्जी खाता तो मेरे मुँह से लार जरूर टपकती परंतु मैं अपने ऊपर पूर्ण नियंत्रण करने की कोशिश करता और एक कौर भी नहीं खाता, यकीन मानिये कि यह मेरे लिये बहुत ही कठिन कार्य था, मैंने कई मोटे लोगों को देखा है कि वे केक, समोसे और कचोरी को मना करते हैं, परंतु सही बताऊँ तो मोटापे के बहुत से कारण हैं, केवल खानपान ही एकमात्र कारण नहीं है।
आगे लिख रहा हूँ, मेरा अनुभव थोड़ा लंबा है तो लिखने में मुझे समय चाहिये।
आगे के अनुभव यहाँ पढ़ सकते हैं –
एक बेहद उपयोगी पोस्ट लिख रहे हैं आप ,बहुत बार मैं भी कंट्रोल करने की कोशिश करती रहती हूँ ,अब विश्वास हो रहा है कि कर लूँगी बंगलौर आने पर ….😊
एक ज़ज्बा चाहिये बस!! दो साल में ६० पॉण्ड हम भी कम कर चुके हैं मगर मरा हाथी तो सवा लाख का..अंतर ससुरा कोई देख ही नही पाता 🙂 🙂
dada! charan sparsh. baras ho gaye aapse mile……aap se baat kiye. sooooooo………sbse pahle apne latest photos upload kijiyega. ok?? grandchildren kaise hai. Aaryan aur chhote wale ko bhi dekhne hain
अपना वजन कम करने की कहानी शीघ्र ही लिखूँगा, आयुर्वेद पर आधारित रही है।
निजी अनुभव की बात ही कुछ ओर होती है। इस में कुछ ऐसी टिप्स मिल जाती है जो हमें कई अन्य लिखे गए लेखों द्वार नही मिलती।
हम तो लिखते लिखते रह गए 🙂
अगली कड़ी की प्रतीक्षा
dada! charan sparsh. baras ho gaye aapse mile……aap se baat kiye. sooooooo………sbse pahle apne latest photos upload kijiyega. ok?? grandchildren kaise hai. Aaryan aur chhote wale ko bhi dekhne hain
अपना वजन हमने भी पिछले १५ साल से ६० से उपर नही जाने दिया. २-४ साल से ५८ पर टिकाएँ हैं पर डॉक्टर कहते हैं और कम करो
सुबुक सुबुक सुबुक
तुम्हारी पाब्ला भैया और सतीश सक्सेना बाबु की हिम्मत की तो हम दाद देते हैं और अपने परिजनों और साथियों को आप सभी के जज्बे के बारे में बताते भी रहते हैं. समीर दादा ने ६० पोंड वजन कम किया किया. कमाssssल
Really amazing tips? thanks for sharing..