शेयर मार्केट के उतार चढाव जारी हैं और अब तो साफतौर पर यह देखा जा सकता है कि विदेशी संस्थागत निवेशकों के हाथ की कठ्पुतली हो चुका है हमारे भारत का शेयर बाजार। अब सुबह टी.वी. पर विदेशी बाजारों के हाल देखकर ही यह अंदाजा लगाया जा सकता है कि आज बाजार का क्या हाल होने वाला है। टी.वी. चैनल जिस भी शेयर की टिप देते हैं, अब तो ऐसा लगने लगा है कि उन्हें उस कंपनी से टिप मिलती है। कुछ चैनल तो नामी गिरामी हैं पर लगातार आप उनकी खबरों को देखकर अंदाजा लगा सकते हैं, और तो और एक चैनल ने तो अपने जालघर को ही पैसा कमाने का जरिया बना लिया है। सरकार को इन पर त्वरित कार्यवाही करनी चाहिये न कि बेवजह ब्लॉगरों पर। उनके विश्लेषक भी गुमराह करने की कोशिश ही करते हैं पता नहीं कब हमारा शेयर बाजार वापस पटरी पर आ पायेगा।
भारत में रक्षक ही भक्षक है| पुलिस, मेडिया और न्यायपालिका में सर्वाधिक भ्रष्टाचार है|
विवेक,
अखबार, मैगजीन, टीवी चैनल इन का काम कभी हुआ करता था समाचार, मनोरंजन इत्यादि। आज के समय में यह केवल व्यापार है व बस। इसलिए मीडिया के लिए यह जरूरी नहीं है कि वह लोग समाचार दे रहे हैं बस कुछ परोस रहे हैं क्यों कि इस कुछ परोसने के साथ विज्ञापन भी परोसे जा सकते हैं। इसे बुरा तो नहीं समझूंगा। पर याद रखना चाहिए कि मीडिया की सलाह पर निवेश किया तो ज्यादा कुछ नहीं हासिल होने वाला।
तो किसकी सलाह पर निवेश करें?