कल ३० जुलाई २००६ को इन्फोसिस को पूरे २५ साल हो गये व नॉस्डेक की शुरुआती घंटी मैसूर स्थित इन्फोसिस के केम्पस से बजी। ये पूरे देश के लिये गर्व की बात है, हमने यह दिखा दिया कि हम भी आर्थिक रुप से बहुत आगे हैं, व पूरी दुनिया हमारा लोहा मानती है। मात्र १०,००० रुपयों से शुरु की गई कंपनी आज ९०,००० करोड़ के टर्न ऒवर कर रही है। यह दुनिया के लिये मार्गदर्शन है अगर इरादे मजबूत हों तो इन्सान कुछ भी कर सकता है। वहीं हमारे वित्त मंत्री पी. चिदम्बरम ने कहा कि “आई.बी.एम. बीता हुआ कल है और इन्फोसिस भविष्य है, इस दुनिया के लिये”, यह उक्ति शायद सही भी हो सकती है। क्योंकि इन्फ़ोसिस को व्यापार का ९० फीसदी हिस्सा भारत के बाहर से मिलता है व इन्फोसिस भारत की ऐसी पहली प्रोद्योगिकी संस्थान है। २५ वर्ष पूर्व केवल १० कर्मचारी, १९९३ में १५०-२०० कर्मचारी व आज ५५,००० कर्मचारी केवल यही सब नहीं मात्र १३ वर्षों में ४००० फीसदी व्यापार बढ़ाया, व निवेशकों के विश्वास पर खरी उतरी हर ३ वर्षों में ४०० फीसदी तक फायदा दिया व आज भी इन्फोसिस निवेशकों के लिये प्रतिबद्ध है। यह सब केवल नारायण मूर्ति जी व उनके सहयोगियों की मेहनत का प्रतिफल है।