पुरुष किसी महिला से साथ तभी तक खुश रह सकता है, जब तक वह उसके प्रेम में न पडे़।
रोमांस का आरंभ कभी भी, कभी भी,भावुकता से नहीं होना चाहिए । आरंभ में समझदार होना चाहिए, अंत में भावुक।
औरतों को हमारी कमजोरियों से प्यार होता है। उनकी निगाह में हमारी हर कमजोरी माफ़ है, यहाँ तक कि अक्ल भी।
औरत दूसरा विवाह करती है कि उसे पहले पति से नफ़रत थी, मर्द इसलिए कि वह पहली पत्नी का दीवाना था। शादी में औरत अपनी तकदीर आजमाती है, मर्द दांव पर लगाते हैं। हर मर्द औरत का पहला प्यार होना चाहता है, औरत मर्द का आखिरी ।
आभार : अहा! जिंदगी
ध्यान देने योग्य वचन. 🙂
बहुत सही!