परसों हम घूमने के लिये मलाङ के इन आर्बिट माल गये तो जो मित्र हमारे साथ थे उन्होंने हमें बताया कि ये एशिया का दूसरा सबसे बड़ा माल है | ३ मंजिला माल बहुत ही बड़ी जगह में फैला हुआ है, और इतनी बड़ी कार पार्किंग हमने पहली बार देखी | और फिर माल में मा….ल आह! आह!…अहा! कहने को शब्द नहीं है | बाकी शापिंग माल में तो सभी ब्रांडेड आइटम थे जो कि जितना महँगे से महँगा बेच सकते हैं बेच रहे हैं , खरीदने वाले खरीद रहे हैं और हम केवल देख कर आ रहे हैं…. | वहाँ चटोरों के लिये तीसरा माला स्पेशल बनाया गया है पर यहाँ पर वही चटोरा बन सकता है जिसकी जेब बहुत भारी हो, और खाली होने को तरस रही हो | तो भाईलोग अपन ने ५४९ का पिज्जा छोड़कर बाहर ठेले पे चटकारे ले लेकर पानी पूरी, मुंबईया भेल और रगड़ा पेटिस चटकाया | फिर लोकल पकड़कर छू हो गये |
अच्छा लगा आपका लिखा, पर अगर आप मॉल की तस्वीरें भी साथ देते तो अच्छा लगता, चलिये ये काम अगली बार मैं कर दूंगा, मॉल की कुछ अप्रत्याशित तस्वीरें खींचने का आईडिया मिला है आपके लिखे से ।