हमारा एकदम घूमने का कार्यक्रम बन गया और हम दिल्ली में थे तो घूमने के लिये विकल्प भी बहुत थे क्योंकि हम उत्तर भारत में कहीं भी घूमने जा सकते थे। हमें और हमारे परिवार के मन में बर्फ़ के पहाड़ देखने की बहुत इच्छा थी तो एकदम कार्यक्रम बनाया गया कुल्लू मनाली का।
अपने ट्रेवल एजेंट से हमने दिल्ली से मनाली तक का वोल्वो बस का टिकट करवा लिया और टाईम तो था नहीं कुछ भी प्लान करने के लिये, कि कहां रुकेंगे क्या क्या घूमेंगे कैसे घूमेंगे। हमारे ट्रेवल एजेंट ने हमें आइडिया दिया कि आप मनाली में उतर कर बस स्टेंड से थोड़ा आगे जायेंगे तो माल रोड या फ़िर किसी और रोड पर होट्ल में मोलभाव कर लीजियेगा पर हमने सोचा कि कुछ अपने परिचित भी हैं जो कि यह जगह घूम आये हैं उनसे भी राय मशविरा कर लिया जाये और इस तरह से हमें चंडीगढ़ के एक ट्रेवल एजेंट का मोबाईल नंबर मिल गया और हमने उससे पूछा कि कुल्लू मनाली कितने दिन में घूम सकते हैं, तो उसने हमें ३ रात और ४ दिन का पैकेज बताया और हम भी उस पैकेज पर सहमत हो गये क्योंकि हमारे दिल्लीवाले ट्रेवल एजेंट ने पहले ही बोल दिया था कि सीजन चल रहा है और होटल भी बिल्कुल पैक होंगे अच्छा होगा कि आपको कोई पैकेज मिल जाये। तो हमने भी यह पैकेज फ़ाइनल कर घूमने जाने का फ़ैसला किया।
वोल्वो बस दिल्ली से मनाली के लिये जनपथ कनाट प्लेस पर होटल इंपीरियल के पास के पेट्रोल पंप से मिलती है। हमें समझ में नहीं आया कि पेट्रोल पंप से सवारी बैठाने की व्यवस्था क्यों। वैसे तो इन बसों को मजनूँ के टीले से चलना चाहिये पर शायद ये वोल्वो बसें दिल्ली ट्राफ़िक को ठेंगा दिखा रही थीं या फ़िर सब मिलीभगत थी। आखिरकार ५.०० बजे शाम के रिपोर्टिंग टाईम देने के बाद बस ७.०० बजे चल दी, बीच में एक अच्छे होटल पर रुकी जहाँ पर रात का खाना खाया गया और फ़िर जब सुबह नींद खुली तो देखा कि सड़क के साथ साथ विहंगम नदी चल रही थी और कोई बहुत बड़ा शहर नदी के उस पार था। नदी “व्यास” थी और शहर था “कुल्लू”। फ़िर सुबह ९.३० बजे हम लोग मनाली पहुंच गये।
इन्तजार है आगे मुख्य विवरण का.
are yaatraa thodee see to shuru kar hee lete..khair kal padenge…waise ham bhee apne parivaar ke saath nikalne ke mood mein hain..magar jaisa ki aapne bataya wahaan to pehle hee house full hai..soch rahe hain ki ..landsdawn ya dalhausee chala jaaye…
aglee post kaa intazar rahega aabhar
भई यह पोस्ट तो आप ने बस मै ही समेट दी… चलिये अगली कडी का इंतजार है.अजी जनपथ की ही कोई फ़ोटू डाल देते
आगे का इंतजार करते है..
हम भी गए थे वहां कुछ साल पहले यादे ताजा हो उठी ..आगे के विवरण का इन्तजार रहेगा
जल्दी बताइए भाई .