अक्सर ओम भैया (ओम व्यास ओम) फ़्रीगंज में सुबह अपने दफ़्तर जाते वक्त मामा पान पर मिल जाते थे अपनी सफ़ेद स्कूटर पर, पर अब ओम भाई कभी स्कूटर पर नहीं दिखेंगे यह उज्जैन के लिये अपूरणीय क्षति है, उनके छोटे भाई संजय व्यास मेरे अच्छे मित्रों में से हैं। भगवान शोक–संतप्त परिवार को इस गहन वेदना को सहन करने की शक्ति प्रदान करे।
दुःख व्यक्त करने के लिए शब्द नहीं हैं….इश्वर दिवंगत की आत्मा को शांति दे….
नीरज
श्रदांजली.. बहुत दुखद..
उनके जाने का अफसोस है।
bahut badi kshti hai kavya jagat ki..
unaka muskuarata chehara aur vyabg mai kabhi bhool nahi sakata..
shrddanjali..hasya ke us mahapurush ko..
Ishwar Unhe kisi bhi chamatkaar se punh jeevit ker de…..!
बहुत दुखद है विनम्र श्रधाँजली आभार्
हमारी तरफ़ से भी श्रदांजली!!
शब्द तो किसी के पास नहीं हैं हंसी के शहंशाह के लिये । मौन रह कर दर्द को सहन करना है । ये कि अब शायद मंच पर शालीन हास्य का ऐसा चितेरा नहीं आयेगा क्योंकि अब तो द्विअर्थी का दौर है । ओम जी ने इस दौर में भी शालीन हास्य का झंडा उठाये रखा । उनकी बातों पर सबसे जियादह महिलायें हंसती थीं । यही उनकी सफलता थी । मरी आदरांजलि
विनम्र श्रृद्धांजलि!
बेतवा महोत्सव की भीषण सड़क दुर्घटना में घयल होने के बाद, एक महीने से मौत से लडाई लड़ रहा , हिंदी हास्य कविता का दुलारा कवि ओम व्यास ओम आज चल बसा। ओम मेरे बेहद करीबी दोस्तों में था। हजारों राते साथ गुजारीं हमने …बहुत बदमाशियाँ कीं… उसे मेरी कुछ बातें बहुत रिझाती थीं और उसकी कुछ चौबीस कैरेट अदाओं पर मैं फ़िदा था… कुछ वक़्त अलगाव भी रहा.. पर उसमें भी घरेलू यारी बनी रही…. अब भी ९ जून से लगभग रोज मैं उसे आईसीयू में जगाने के लिए झिड़क कर आता था …वो जमीं फोड़कर पानी पीने वाला अद्भुत कौतुकी था ..पता नहीं इस सत्र में और आगे उसकी याद कहाँ कहाँ रुलाएगी …भाभी ,पप्पू [उसका भाई ], भोलू और आयुष [उसे बेटे ] दीदी सबको ईश्वर शक्ति दे …उस माँ को क्या कहूँ जिसकी कविता सुनाता-सुनाता वो मसखरा हर रात बिग बी से लेकर कुली तक सबकी आखों से नमी चुराकर ले जाता था। स्वर्ग में ठहाकों का माहौल बना रहा होगा ..चश्मे से किसी अप्सरा को घूर कर।
– डॉ. कुमार विश्वास (कवि,गाजियाबाद)
om ji ka jana bahut hi dukhad hai. ishwar unki atma ko shanti pradan kare . om ji sachmuch bahut bahadur nikle mout se bhi ek mahine tak ladte rahe. unko vinamra ashrupoorn shraddhanjali.
बेहद दुखद समाचार।
-Zakir Ali ‘Rajnish’
{ Secretary-TSALIIM & SBAI }
jivan ki is kadvi sachchai ko peena to padhhta hi he, smartiyo me hame rahnaa hi he.// kyaa kiya jaa saktaa he??????
jivan shoonya///
विनम्र श्रद्धांजलि उनको. अपूर्णिय क्षति है पर किया क्या जा सकता है?
रामराम.
हमारी भी नम्र श्रद्धांजलि ………… इस क्षति को poorn नहीं किया क्या जा सकता है………
बहुत ही दुखद हुआ ,विनम्र श्रृद्धांजलि!
ओम व्यास जी को श्रृद्धांजलि!
ब्लॉग बुलेटिन की आज की बुलेटिन पं॰ओम व्यास ओम जी को ब्लॉग बुलेटिन की भावभीनी श्रद्धांजलि मे आपकी पोस्ट को भी शामिल किया गया है … सादर आभार !