आखिरकार सभरवाल सर के हत्यारे बेगुनाह साबित कर छुटवा लिये गये। भले ही उन्हें टी.वी. पर सर के साथ भद्दी भाषा में बात करते हुए दिखाया गया हो, जान से मारने की धमकी देते हुए दिखाया गया हो, हमारी पहुँच कहां तक है ये भी कहते हुए दिखाया गया हो। पर उनका कोई बाल भी बांका कर सकता है क्या, क्योंकि हमारे माननीय मुख्यमंत्री का वरदहस्त है उनके ऊपर।
टीस इसलिये उठी कि मैं भी उसी माधव महाविद्यालय में पढ़ा हूँ और इस गंदी राजनीति को बहुत पास से देखा है। जहां एक प्रोफ़ेसर दूसरे प्रोफ़ेसर के लिये षड़्यंत्र रचता है वो भी छात्र राजनीति के द्वारा। जिस दिन यह घटना हुई, ठीक उसके एक दिन पहले मैं रायपुर से भोपाल के लिये ट्रेन में था और अपने मित्रों को यही बता रहा था कि माधव महाविद्यालय में तो हरेक छात्र नेता है, और कोई भी कुछ भी कर सकता है, और अब चुनाव हैं कुछ भी हो सकता है। शायद किसी की जान भी जा सकती है शायद किसी प्रोफ़ेसर की भी क्योंकि वहां के छात्र बहुत ही उच्चश्रंखल हैं, उद्दंड हैं, जो कि वहीं के गुरुओं द्वारा अपना वर्चस्व बनाने के लिये बना दिये गये हैं। पर मुझे यह पता नहीं था कि जो मैं बोल रहा हूँ वही अगले सत्य होने वाला है। सभरवाल सर ऐसे नहीं थे और उन्हें चुनाव की देखरेख के लिये नियुक्त किया गया था और वे किसी के दबाब में नहीं आते थे, पहले तो छात्र नेताओं ने उन्हें हटवाने की बहुत कोशिश की परंतु कामयाब नहीं हो पाये तो उनकी हत्या कर डाली।
सारे सबूत होते हुए भी हत्यारे बेगुनाह छूट गये और कोई भी कुछ भी नहीं कर पाया। शायद उज्जैन की जनता ही इंसाफ़ करे, नहीं तो ये लोग अब भाजपा में किसी प्रतिष्ठित पद पर बैठा दिये जायेंगे और कोई भी कुछ भी नहीं कर पायेगा, और न्याय की देवी भी अपनी आँख पर काली पट्टी बँधी होने का मातम मनायेगी।
न्याय की देवी भी अपनी आँख पर काली पट्टी बँधी होने का मातम मनायेगी-आदत है उसे..चिन्ता न करें!!
ये लोग अब भाजपा में किसी प्रतिष्ठित पद पर बैठा दिये जायेंगे और कोई भी कुछ भी नहीं कर पायेगा, और न्याय की देवी भी अपनी आँख पर काली पट्टी बँधी होने का मातम मनायेगी।
मैं ने तो हत्यारों को पार्टी ही नहीं चुने हुए पदों पर भी बैठे देखा है।
विवेक जी अब तो ऐसे वाकया हर प्रदेश मे हो रहे हैं पता नहीं न्याय की देवी की आँखों से ये युगों से बन्धी पट्टी उतरेगी भी कि नहीं आभार्
माननिय मुख्यमंत्रीजी ने फ़ैसले के बाद कहा है कि हम तो पहले ही कहा रहा कि ई सब लोग हत्यारा नही ना है. बोलिये अब का करियेगा? (स्टाईल लालूजी)
poore desh men yhee ho rha hai,rajneeti ka apraadheekrn kb rookega koi nhee jaanta.
शर्मनाक लेकिन शर्म आती किसे है
भारत मै अब धीरे धीरे शॆतानो का राज होता जा रहा है, अगर इस न्याय की देवी ने अभी भी पट्टी नही खॊली तो फ़िर एक नरक बन जायेगा हमारा भारत महान….
vivekji,
hame nyaay tantra par bharosa rakhna hi hota he/ yahi hamare liye aavashyak ho jata he. ise hamari 'vidambana'kah le yaa kuchh bhi..sach kya he kyaa nahi, ham aap apne drashtikon se dekhte he..kabhi kabhi man rota bhi he, kintu jo jeeta vahi sikandar mana jaataa he/ bharosa to rakhanaa hoga kam se kam UPARVAALE par/ vnha nyaay ka matlab sirf nyaay hi hota he/
पूरे देश में न्याय का यही हाल है और भाजपा ही क्यों सभी पार्टियों में यही स्थिति है .
ईमेल द्वारा प्राप्त टिप्पणी
Really its a shame that culprits of a day light murder case are set free and some say taht evidence of them of being present there is not clear.TV footage is enough evidence.shame to every peaceloving people of INdia if he does not raise his voice against this
Dr.bhoopendra
Rewa M.P