उस माँ की ममता को याद रखना जिसने पाल पोस कर तुम्हें इतना बड़ा किया है ।
पति को पत्नी के सामने कभी भी उसके पीहर वालों की बुराई नहीं करनी चाहिये। यह स्त्री स्वाभाव है कि वह सब कुछ सहन कर सकती है, लेकिन अपने माँ – बाप, भाई – बहन की बुराई नहीं सहन कर सकती। क्या पति अपने परिवार वालों की बुराई सुन सकता है? यदि नहीं तो पत्नी से कैसे अपेक्षा करे कि वह अपने सामने अपने परिवार वालों की बुराई सुन सके। वैसे विवाह के बाद पत्नी अपने पति की बुराई भी नहीं सुन सकती।
पति अगर पत्नी की किसी आवश्यकता को पूरी नहीं कर सकता तो पत्नी को अपनी मजबूरी एवं कारण प्रेमपूर्वक मीठे शब्दों द्वारा समझाना चाहिये।
पति को कभी भी अपने पुरुष होने का झूठा अभिमान नहीं करना चाहिये। स्त्री के साथ सब समय सहयोग की भावना रखनी चाहिये एवं उसे अर्धांगिनी का दर्जा देकर सम्मान देना चाहिये।
Bilkul.
{ Treasurer-TSALIIM & SBAI }
बहुत सत्य कहा आपने.
रामराम.
ठीक कहा भाई जी आज़माएंगे
it's really the truth but nobody follows…
🙁