हम उज्जैन गये थे 5 दिन की छुट्टियों पर, और खासकर गये थे महाकाल बाबा की शाही सवारी के दर्शन करने के लिये। पहले ही दिन १४ अगस्त को जन्माष्टमी थी, हम अपनी धर्मपत्नी के साथ निकले भ्रमण पर, दर्शन किये गये गोपाल मंदिर के जहां गिरधर गोपाल की बहुत ही सुन्दर, मनभावन रुप के दर्शन हुए, और पूरा गोपाल मंदिर जगमगा रहा था, भव्य लाईटिंग की गई थी। गोपाल मंदिर सिंधिया परिवार ने बनवाया था और आज भी यह ट्रस्ट उन्हीं के पास है, शाही सवारी वाले दिन और बैकुण्ठ चतुर्दशी “हरिहर मिलन” वाले दिन आज भी सिंधिया परिवार से आकर महाकाल बाबा की आगवानी और पूजन करते हैं। इस बार शाही सवारी पर ज्योतिरादित्य सिंधिया आगवानी के लिये आये थे।
फ़िर चले हम महाकाल बाबा के दर्शन करने के लिये थोड़ी सी भीड़ थी, फ़िर भी बहुत जल्दी दर्शन हो लिये, और फ़िर वही क्रम साक्षी गोपाल, बाल विजय मस्त हनुमान के दर्शन और फ़िर क्षिप्रा नदी का किनारा। परम आनंद की अनुभूति होती है।
फ़िर १६ अगस्त को हम गये क्षिप्राजी की आरती में । क्षिप्रा नदी बहुत प्राचीन नदी है, महाकवि कालिदास के मेघदूतम में भी इसका वर्णन मिलता है, क्षिप्रा का मतलब होता है “ब्रह्मांड में सबसे तेज बहने वाली नदी”। फ़िर वहाँ से सम्राट विक्रमादित्य की आराध्य देवी और शक्तिपीठ माँ हरसिद्धी की आरती में, माँ हरसिद्धी की सवारी सिंह मंदिर के बाहर शोभायमान था और माँ हरसिद्धी के दर्शन करके आत्मा तृप्त हो गई, हम आरती के समय गये थे और भव्य आरती में शामिल होकर आनंद में भक्तिभाव से सारोबार हो गये। कहते हैं कि ये जागृत शक्तिपीठ है और आप इसका अहसास यहाँ संध्याकालीन आरती में शामिल होकर कर सकते हैं। फ़िर चल दिये घर की ओर महाकाल बाबा के शिखर दर्शन करके। कहते हैं कि महाकाल बाबा के दर्शन से जितना पुण्य मिलता है, शिखर दर्शन से उसका आधा पुण्य मिलता है।
घर जाते समय सवारी मार्ग की रौनक तो देखते ही बनती थी, पूरा सवारी मार्ग दुल्हन की तरह से सजाया गया था, भव्य लाईटिंग थी और भव्य मंच स्वागत के लिये। वहीं बीच में छत्री चौक पर फ़ेमस कुल्फ़ी खाई जो कि बहुत फ़ेमस है, और हमारे बेटेलाल को बहुत पसंद है।
महाकाल की शाही सवारी का वर्णन अगले भाग में –
महाकाल की शाही सवारी के बारे में ज्यादा जानकारी के लिये चटका लगायें।
हम आए थे यहाँ कि आप सवारी के चित्र लाए होंगे। न देख कर निराशा हुई।
बडिया जानकारी है बधाई
@दिनेशजी – इतनी अटाटूट भीड़ थी कि खुद को संभालना मुश्किल हो रहा था, इसलिये हम फ़ोटो नहीं खींच पाये अगर संभव हुआ तो कहीं से हम मंगवाते हैं और जरुर आपकी निराशा दूर करेंगे। ॥जय महाकाल॥