अभी इस बार की पूछी गई ताऊ पहेली में हम द्वितिय विजेता और विवेक सिंह जी द्वारा जारी की गई प्रहेलिका में भी विजेता घोषित हुए हैं।
पर हमारे बेटेलाल की तबियत कुछ नासाज चल रही है, सर्दी, जुकाम, बुखार सब है डाक्टर को भी दिखाया और दवाई भी दिलाई, डाक्टर ने तो म्यूनिसिपल हस्पताल को रिफ़र कर दिया कि वहाँ टॉमीफ़्लू की गोलियां मुफ़्त मिलती हैं,
पर साथ ही कहा कि अगर आपका बच्चा किसी के संपर्क में नहीं आया है तो यह एक साधारण फ़्लू ही है। हम भी सोचे कि तीन दिन तो बीमारी का असर होता ही है, एक – दो दिन बाद देखते हैं।
फ़िर घूमते घूमते हमारे पैर में छाला पड़ गया और बहुत ही तकलीफ़देह हो गया है हमारे लिये तो। पर आज सुबह उस नामुराद को फ़ोड़ कर हम फ़िर घूम आये। अब तकलीफ़ कम है।
कल हमारे बेटेलाल के कम्प्यूटर में विन्डोज का logon process वाला बग आ गया चूँकि विन्डोज एक्सपी है और उस पर हमारा कुछ डाटा भी नहीं है इसलिये फ़टाफ़ट से फ़ोर्मट कर वापिस संस्थापित कर दिया, और अपनी पैन ड्राईव से गेम्स वापिस कम्प्यूटर को ट्रांसफ़र कर दिये गये। हम भी खुश कि हमारा लेपटॉप अब बेटेलाल से फ़्री हो गया और हम ब्लॉगिंग कर सकेंगे, और बेटेलाल भी खुश कि अब अपने कीबोर्ड और माऊस से गेम खेलने को मिलेंगे। हमारे बेटेलाल के मनपसंद गेम – हरक्यूलिस, रोडरेश, मारियो और भी बहुत सारे।
तो बस फ़ोकट में २ दिन हम्माली करते हुए निकल गये। और ऊपर से घरवाली का डायलाग कि लोगों को पांच दिन काम करने के बाद दो दिन की छुट्टी मिलती है और हमें वो दो दिन पांच दिन से भी ज्यादा काम करना पड़ता है। तो हम भी राहत देने के भाव से बोलते हैं कि चलो डियर दोपहर को काली दाल की खिचड़ी ही बना लो कम से कम पेट की ज्वाला तो शांत हो जायेगी और तुम्हें ज्यादा काम भी नहीं करना पड़ेगा।
तो बस ऐसे ही एक और सप्ताहांत निकल गया।
कुछ अच्छा समय बुरे दिनों के लिए सहेज कर रखो भाई
वैसे तो कहावत है कि नवों ग्रह एक साथ इकट्ठे होते हैं .. या सारी मुसीबतें एक साथ आती हैं .. पर सच में ऐसा नहीं होता .. सबके मामलों में प्रकृति किसी न किसी प्रकार से संतुलन बनाकर चलती है .. इसलिए जब एक ओर बिगडता है .. तो उस ओर से ध्यान हटाने के लिए दूसरी ओर से आशा की किरण दिखाई पडने लगती है .. शुभकामनाएं !!
कभी कभी ऐसा भी होता है. टेंशन नही लेने का. सब अच्छा होयेंगा.
रामराम.
no tension-चलते रहो जैसे भी. शुभकामनाऐं.
सभी स्वस्थ और सानंद रहें यही कामना है !
tamiflu सोच समझ के ही लें
beta swasth rahe …
Mahesh ji ne sahi kaha…
tamiflu soch samajh kar hi bete ji ko dein…
Mario contra se apne purane din yaad aa gaye…