Friendship is not about “I m sorry” its about “अबे तेरी गलती है "
Friendship is not about “I m there for u” or “I missed u “ it’s about “कहाँ मर गया साले”
Friendship is not about “I understand “ its about “सब तेरी वजह से हुआ मनहूस”
Friendship is not about “I care for u “ its about “कमीनों तुम्हें छोड़ के कहाँ जाऊँगा”
Friendship is not about “I m happy for ur success “its about “चल पार्टी दे साले“
Friendship is not about “I love that girl“ its about “सालों इज्जत से देखो तुम्हारी भाभी है”
Friendship is not about “R u coming for outing tomorrow “ its about “ नौटंकी नहीं, हम कल बाहर जा रहे हैं”
Friendship is not about “Get well soon “ its about “ इतना पियेगा तो यही होगा साले”
Friendship is not about “All the best for ur career“ its about “ बहुत हुआ, अभी तो स्विच मार साले”
कम्बख्त मेरे भी दोस्त एसे ही थे… थे
अब तो सब जान पहचान के लोग हैं, दोस्त कोई नहीं
दोस्त तो सिर्फ बचपन में ही थे..
अगली बार डोलमेचर( अनुवादक) आप को ही बानायेगे, आप ने बहुत सुंदर अनुवाद किया.. इस मुई अग्रेजी का.
धन्यवाद
Interesting !!
खैर, I don't know whether I fall under your "Friends" Category or not लेकिन दो और शब्दों का इजाफा करने की अनुमति चाहूंगा :
If you have any question in your mind, please feel free to contact me- फालतू बैठा हूँ, दिमाग चाटने की सूझे तो चाट लियो !
Looking forward to receiving your reply soon-
साले अगर फटाफट जबाब भेज देगा तो तेरा कुछ घिस नहीं जाएगा
bahut sahi…….. aaa a a a a a a a a a a a…………..ha ha ha ha haha hahaha haha………
maza aa gaya………
हा हा!!
u r great.
Zabardast, bahut hi mazedar hai sir ji, are aap umra me bade hain warna main bhi bolta ye sab public karne ki kya padi thi ssale?(maaf karna agar hamumra hote to bolta, aisa bol nahin raha hoon) ha ha ha
hindustan ki yuva awam ki taraff se salam.
Aur haan sir aap galat samjhe wo 'berozgar' maine apne oopar nahin likhi, bas feel karne ki koshish ki ke is condition me koi kya soch sakta hai.
दोस्ती का भी अजीब रंग है कोई बात बिना गाली के पूरी नहीं होती और जितनी बड़ी दोस्ती उतनी बड़ी गाली 🙁
दीपक जी,
हम दोस्तों के मध्य के संवाद तो मैं ब्लोग पर लिख ही नहीं सकता वो सभ्यता की भाषा नहीं है और अगर दोस्तों से भी सभ्य भाषा में बात करी तो फ़िर वो काहे के दोस्त। मेरे एक मित्र हैं भोपाल में, मैं जब भी उन्हें फ़ोन करता हूँ तो निवेदन करता हूँ कि भोपाली गालियों से पहले हमारा स्वागत करें फ़िर बाकी की बातें करेंगे। वरना हम नाराज होकर फ़ोन काट देते हैं ।
मुझे पता है कि आप बेरोजगार नहीं हैं क्योंकि होते तो ब्लॉगर नहीं होते। रोजगार की जुगाड़ कर रहे होते । 🙂
पी.सी.गोदियाल जी – ये तो आपका आशीर्वाद है, प्रेम है बनाये रखियेगा।
प्यार की भाषा लफण्टरी होती है। इसका माहिर होना भी बड़ी क्वालीफिकेशन की बात है।
यहां कुछ अंग्रेजी की बात चल रही है क्या? 🙂
रामराम.
मजेदार पोस्ट के साथ सारी टिप्पणियां भी मजेदार हैं!!
क्या बात है मेरे दोस्त एक्दम बेह्तरीन BLOG है
Cheers
@ नीरज – उम्मीद है कि जल्दी ही मुझे तुम्हारा हिन्दी ब्लॉग पढ़ने को मिलेगा।
इस पोस्ट की भाषा में – तू अपना ब्लॉग हिन्दी का कब शूरु करेगा बे, साले जरा जल्दी कर ओर हिन्दी लेखन को समय दे।
मेरे प्रिये मित्र, मेरा ब्लॉग पढ़ने के लिये और हिन्दी में टिप्पणी देने के लिये।
धन्यवाद !!