यह कटु सत्य है
कि दोस्ती कैसे टूटती है ?
दोनों दोस्त सोचते हैं कि दूसरा कार्य में व्यस्त हैं
और बात नहीं करते हैं ये सोचकर कि शायद वो उन्हें परेशान कर देंगे..
जबकि दोनों ही टाईम पास कर रहे होते हैं
दोनों सोचते रहते हैं कि दूसरे को पहले बात करने दो
उसके बाद दोनों सोचते हैं कि पहले मैं क्यों बात करुँ ?
आखिरकार बिना बात करे यादें कमजोर हो जाती हैं
और फ़िर एक दूसरे को भूल जाते हैं।
तो सबसे बात करते रहो और ये बात सभी दोस्तों को भॆज दो..
मैं इस तरह का नहीं होना चाहता हूँ।
इसलिये मैं सभी को ईमेल भेज रहा हूँ
हमेशा अपना ख्याल रखना और अपने बारे में बताते रहना
बापू ने बोला है
’अगर कोई तुमको ईमेल न करे, सुप्रभात/ शुभरात्रि न बोले,’
काल/ एस.एम.एस. न करे …. तो कोई बात नहीं, तुम ईमेल/ चेट करते रहो ……
सुप्रभात / शुभरात्रि बोलते रहो ……..
काल / एस.एम.एस. भी करते रहो……..
देखना उसकी आत्मा एक दिन जरुर जागेगी
और वो भी तुम्हें ईमेल/काल/एस.एम.एस./चेट जरुर करेगा / करेगी
और अगर फ़िर भी कोई ईमेल/काल/एस.एम.एस. नहीं आये
तो उसके पास जाना, उसे एक गुलदस्ता देना…. और कहना……
टिप्पणी दे दो मामू
'GET WELL SOON MAAMU'
इतना खूबसूरत और मजेदार पोस्ट — वाकई मज़ा आ गया.
अरे मामू यह गांधी बाबा भी नकली राम राम
ये लो टिप्पणी मामू 🙂
ले लो भाई! ये लो!
ये एक और ले लो टिप्पणी!
समझ गया मामू।
हमारी टिप्पणी ये रही !
लेकिन बापू ने ये भी कहा था कि बदले में तुम्हे भी टिप्पणी देनी पडेगी 🙂
really very imporessive.
majedaar …