दिखने वाली शायरी दोस्तों के लिये (Visual Shayari Dosto ke liye) November 4, 2009UncategorizedईमेलVivek Rastogi Share this... Facebook Pinterest Twitter Linkedin Whatsapp
इसी को तो कलियुग कहते हैं अभी आगे आगे देखो इस दुनिया में क्या क्या होता है दूसरों को शिक्षा देने वाले लोग खुद स्वयं आपने आप में सुधार नहीं करना चाहते हैं Reply
हा हा हा हा हा हा हा हा
वाह वाह..यही तो जमाना है आजकल. देखिये ना..जनसेवक कौडा जी के पास क्या थोडा निकला?:)
रामराम.
अजी यह पोव्वा नही यह तो बीयर है, पहले इन की जेब से ्पोव्वा तो निकालो
इसलिये तो कहावत प्रचलित है पर उपदेश्…………………॥
इसी को तो कलियुग कहते हैं अभी आगे आगे देखो इस दुनिया में क्या क्या होता है दूसरों को शिक्षा देने वाले लोग खुद स्वयं आपने आप में सुधार नहीं करना चाहते हैं
hahaaaa
wah….