जो व्यक्ति रोज दाढ़ी बनाते हैं उनमें दूसरे को प्रभावित करने की क्षमता ज्यादा होती है बनस्बत उनके जो कि कभी कभी दाढ़ी बनाते हैं। एक तो क्लीन शेव होने से व्यक्ति अच्छा साफ़ सुथरा दिखने लगता है मतलब क्लीन शेव। जब भी वह आईना देखता है तो उसे अपने आप पर अभिमान होता है कि वाह मैं कितना अच्छा लग रहा हूँ।
जब कभी किसी व्यक्ति से आप मिलेंगे तो क्लीन शेव का भी बहुत फ़र्क पड़ता है कि हाँ यह व्यक्ति साफ़ सुथरा है और नियम से रहता है क्योंकि जो लोग क्लीन शेव रखते हैं वे या तो रोज शेविंग करते हैं या फ़िर एक दिन छोड़कर ये अपनी अपनी शेविंग पर निर्भर करता है।
क्लीन शेव होने से व्यक्ति अपनी उम्र से छोटा भी लगता है और उसकी उम्र पता लगाना मुश्किल होता है, जबकि मूँछ रखने से उम्र ज्यादा लगने लगती है, दाढ़ी रखने वाले व्यक्ति को दाढ़ी संभालना भी एक चैलेन्ज होता है। बाल सफ़ेद होने पर क्लीन शेव वाले व्यक्ति को तो कोई समस्या नहीं क्योंकि उसके सफ़ेद बाल शेव हो गये परंतु मूँछ और दाढ़ी रखने वाले के साथ समस्या है या तो वह अपने बाल सफ़ेद ही रखे या फ़िर नियमित अंतराल पर रंगता रहे।
कल ही एक सर्वे की रिपोर्ट प्रकाशित हुई है चाहिए स्मूच? उड़ा दीजिए दाढ़ी, मूंछ! | जहाँ बताया गया है कि क्लीन शेव पुरुषों को महिलाएँ ज्यादा पसंद करती हैं और जिनकी हल्की दाढ़ी होती है उनमें महिलाओं को ज्यादा सेक्स अपील दिखती है। ये बात तो शायद सही है कि पुरुष हल्की दाढ़ी में अच्छे लगते हैं और खुद भी अपने आप को सेक्सी लुक देने से नहीं रोक पाते हैं, हल्की दाढ़ी क्लीन शेव मैन से ज्यादा सेक्सी होता है। पर यह अपने अपने सोच पर निर्भर करता है।
आप भी बताईये कि आप इस बारे में क्या सोचते हैं…
हम रोज बनाते हैं…याहू!!!
एक दिन न बनाए शेव तो लगे कि नहाए ही नहीं हैं।
पहले क्यों नही बताई ये बात विवेक भाई।पूरा छात्र जीवन दाढी के साथ निकाल दिया।पूरा गैंग दढियलों का था।जब से उगी तब से संभाला और अभी कुछ ही साल हुयें कि रोज़ शेव करने लगे मगर मूंछे अभी तक़ साथ हैं।
विवेक भाई,
क्लीन-शेवन बिरादरी का होने के नाते एक फायदा तो मैं भी जानता हूं…हमारी दाढ़ी से कोई तिनका नहीं ढूंढ सकता…
जय हिंद…
विवेक भाई-कहां क्लीन सेव और मुंछ दाढी के बीच मे फ़ंसा रहे हो, "दस का दम" मे सलमान खान बता रहे थे कि 80% महिलाएं मुंछ वाले को ही पसंद करती हैं और विश्वास करती हैं, इसलिए कल ही खुशदीप जी ने मुंछ ट्राई करके देखा था, हा हा हा हा
पसंद अपनी अपनी ख्याल अपना अपना . आप अपने आप को किस रूप में दिखाना चाहते हैं यह आप की सोच पर निर्भर है और आपके कार्यक्षेत्र पर भी . ज्यादातर कवी, विचारक, वैज्ञानिक दाढ़ी वाले ही मिलेंगे
भाई अब हम कुछ नही बोलेंगे.:)
रामराम.
हम तो रोज बनाने वाले हैं, पर नारियों पर कोई सकारात्मक प्रभाव पड़ा हो – नजर नहीं आता! 🙁
हमें फर्क नही पड़ता है 🙂
वैसे नवभारत पर पुरूषो को लेकर एक सर्वेक्षण और आया है 🙂
अभी मूँछे सफेद नहीं हुई हैं जिस दिन होंगी यह गेटप चेंज कर देंगे ..वैसे बीच बीच मे बदलते रहते है .. आइने की सलाह पर .. बाकी अपनी अपनी पसन्द हमने तो मूँछ श्रीमती जी की सलाह पर रखी है ।
और सर भी शेव कर लें तो ? सुपर सेक्सी ।
अरे सेक्सी लुक ओर सेक्सी मै भी तो फ़र्क है, वेसे हम ने कभी झंझट नही रखा दाडी मुंछ का, पिछले साल बच्चो के कहने से मुंछे रखी थी, तो ओफ़िस मै सारे लोग कहने लगे कि भाई हम तब तुम से बोलेगे जब इस मुयी मुंछ को साफ़ करोगे, क्योकि तुम मुछो मै गुस्से वाले लगते है, अब क्या क्रे बच्चे खुश, साथी नाराज तो भाई फ़िर मुझे काटनी ही पडी अपनी मुंछे, तो एक साअथी ने कहा कि तुम मुंछो मे तुर्की लगते थे….
मै दाढी बनाता हूं तो घर वाले चिठाते हैं 🙁