मेरी बहुमूल्य सलाह यह है कि ऐसी सूचनाओं को बिना जांचे परखे उनके बारे में लिखने से पाठकों के सामने भ्रम पैदा होता है. आप भी जानते ही होंगे कि पैसा कमाना इतना आसान नहीं होता. और नेट पर तो बिल्कुल ही नहीं होता.
मुझे ऐसा लगता है कि टालू किस्म की ऐसी पोस्टों से कुछ वेबसाइटों का प्रचार भले हो जाए पाठकों का कोई फायदा नहीं होता. बेहतर होता कि आप थोड़ा वक्त लगाते और इसकी समीक्षा कर देते. क्या अच्छा है और क्या बुरा. पाठकों के लिए ज्यादा फायदेमंद होता.
@संजय तिवारी जी – आपकी बहुमूल्य टिप्पणी के लिये बहुत बहुत धन्यवाद। यह तो सभी जानते हैं कि पैसा कमाना बहुत आसान नहीं और नेट पर तो बिल्कुल भी नहीं। परंतु इस साईट के बारे में सुरेश चिपलूनकर जी भी मेरी बात हुई थी और वे भी इस पर लिख चुके हैं उनकी मुहर लगने के बाद ही मैं इस साईट पर आया हूँ।
नहीं तो मैं बहुत अच्छॆ से जानता हूँ कि इस तरह की साईटों का इतिहास बहुत ही खराब रहा है भले ही वह नेट खजाना हो या ईमंथन और भी बहुत सारी इनका प्रयास सराहनीय है और जब हमारे पास अगर पहला चैक आयेगा तो हम जरुर बतायेंगे।
संजय जी मैं भी जानता हूँ कि अपनी जगह पर इस तरह की जानकारी भ्रमित कर सकती है और पाठकों का विश्वास हिला सकती है परंतु केवल ५ मिनिट अगर आप इस साईट पर दें और दो महीने बाद तो दूध का दूध और पानी का पानी हो जायेगा।
आते हैं जी!!
chalo bulaava aaya hai
paison ne bulaaya hai……….
मेरी बहुमूल्य सलाह यह है कि ऐसी सूचनाओं को बिना जांचे परखे उनके बारे में लिखने से पाठकों के सामने भ्रम पैदा होता है. आप भी जानते ही होंगे कि पैसा कमाना इतना आसान नहीं होता. और नेट पर तो बिल्कुल ही नहीं होता.
मुझे ऐसा लगता है कि टालू किस्म की ऐसी पोस्टों से कुछ वेबसाइटों का प्रचार भले हो जाए पाठकों का कोई फायदा नहीं होता. बेहतर होता कि आप थोड़ा वक्त लगाते और इसकी समीक्षा कर देते. क्या अच्छा है और क्या बुरा. पाठकों के लिए ज्यादा फायदेमंद होता.
विज्ञापन देखेंगे आप
अपनापन होगा पैसों से हमारा
यही आशय है प्यारे तुम्हारा
क्या अपने बैंक का खाता
नंबर दे दूं मैं ?
@संजय तिवारी जी – आपकी बहुमूल्य टिप्पणी के लिये बहुत बहुत धन्यवाद। यह तो सभी जानते हैं कि पैसा कमाना बहुत आसान नहीं और नेट पर तो बिल्कुल भी नहीं। परंतु इस साईट के बारे में सुरेश चिपलूनकर जी भी मेरी बात हुई थी और वे भी इस पर लिख चुके हैं उनकी मुहर लगने के बाद ही मैं इस साईट पर आया हूँ।
नहीं तो मैं बहुत अच्छॆ से जानता हूँ कि इस तरह की साईटों का इतिहास बहुत ही खराब रहा है भले ही वह नेट खजाना हो या ईमंथन और भी बहुत सारी इनका प्रयास सराहनीय है और जब हमारे पास अगर पहला चैक आयेगा तो हम जरुर बतायेंगे।
संजय जी मैं भी जानता हूँ कि अपनी जगह पर इस तरह की जानकारी भ्रमित कर सकती है और पाठकों का विश्वास हिला सकती है परंतु केवल ५ मिनिट अगर आप इस साईट पर दें और दो महीने बाद तो दूध का दूध और पानी का पानी हो जायेगा।
विवेक भाई, हमें तो पैसा कमाना कभी आया ही नही।
वैसे भी रोटी मिलती रहे , यही काफी है।
aagaye ab jaldi se batayiye kaise?