मेरी उज्जैन यात्रा में चाय-पान के दौरान एक चाय गुमटी का फ़ोटो.. अपनी मित्र मंडली के साथ चा-पान.. और गुमटी की विशेषता

मैं जब भी उज्जैन जाता हूँ तो अपने मित्रों के साथ दोपहर की चाय पीना वो भी गुमटी पर खड़े होकर नहीं भूलता हूँ, सबको फ़ोन करके बुला लेते हैं और चाय की गुमटी पर दोपहर के निश्चित समय पर सारे दोस्त इकट्ठे हो जाते हैं चा-पान के लिये।

इस दौरान मैंने गुमटी की एक विशेषता देखी थी जो मैं अपने ब्लॉग पर लगाना चाहता था, इस बार फ़ोटू खींच ही लाया, देखिये

26122009144604

सोनू टी स्टॉल क्या स्टाईल में लिखा है।

और ये रहे सोनू जी स्टॉल चलाने वाले –

26122009144625

इस फ़ोटो में एक और मजेदार बात देखिये कि दूध के तपेले को कैसे ढ़का गया है, अखबार के द्वारा। जब हमने बोला कि भई दूध में उबाल आ गया है अब इसको ढ़ंक दो तो उसने झट से अखबार हमारे हाथ से लिया और दूध के तपेले पर ढ़ंक दिया।

11 thoughts on “मेरी उज्जैन यात्रा में चाय-पान के दौरान एक चाय गुमटी का फ़ोटो.. अपनी मित्र मंडली के साथ चा-पान.. और गुमटी की विशेषता

  1. २००९ मै जब मै व्यास गया तो लोटते वक्त सुबह की चाय हम ने ऎसे ही एक जगह पी थी, लेकिन अखवार से क्यो ढक्की है?

  2. मेरी बचपन की यादों में उज्‍जैन के किसी मुहलले शायद बुधवारा या कुछ और में बीते पलों की आहटें हैं । उज्‍जैन का नाम सुनकर सब याद आ जाता है । सोनू ने जो प्रयोग किया है वो उज्‍जैन के लोग ही कर सकते हैं ।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *