मैं सभी सेवाओं से तत्काल प्रभाव से “त्याग पत्र” दे चुका हूँ…

मैं तत्काल प्रभाव से मेरे सारे कार्यों से त्यागपत्र दे रहा हूँ —

मेरे इस्तीफे के लिए कारण है कि मैं आज सुबह मेरे गैरेज में काम पर जाने से पहले मुझे कुछ मिला.
 

अपने आप देख लीजिये ……
   

17 thoughts on “मैं सभी सेवाओं से तत्काल प्रभाव से “त्याग पत्र” दे चुका हूँ…

  1. ऊपर उड़ने का नईं, वो बड़े बाप का माल है भीड़ू…

    अब्बी अबू आजमी लन्दन गयेला है इस वास्ते ये पैसा अपुन ने उदर रखेला है. बैंक में नईं डाल सकता था, बैंक वाले के पास डाल दिया…

    श्यानपंती नईं करने का नईं तो कम हो जायेगा…

  2. अजय जी के साथ
    मै भी आऊँगा
    आपको बातों में लगाऊँगा
    और फिर —-

  3. विवेक भाई और बाकी सभी लालची साथियों।

    लालच बुरी बला है सबको पता है
    फिर क्‍यों बला से गला मिला रहे हैं ?

    नेट में जो आनंद है वो इन नोटों में कहां ?
    बेलालची बनिए और बनियों को शर्मिन्‍दा कीजिए। नेट के आनंद के आगे इन कागजी नोटों की क्‍या बिसात ? फिर भी अगर अपनी मेहनत से मिलते हैं तो बुरी बात नहीं है। ऐसे कई अरब पांच बरस पहले मुझे भी मिले थे, खूब चर्चा हुई थी। आफिस में किसको कितने कितने मिलेंगे, इसकी भी सूचियां तैयार हो गई थीं। बाद में सब टांय टांय फिस्‍स। मैंने भी सबको कह दिया था कि अगर वास्‍तव में भी मिलते हैं तो भी वास्‍तव में आप सब बांट लीजिए और सबसे कम हिस्‍सा मुझे दीजिएगा। जिसे मैं अपने से भी अधिक जरूरतमंदों में बांट दूंगा।

  4. 'अदा' जी ठीक कह रहीं हैं विवेक जी!
    आपको तो याद ही होगा कि कैसे एक बार मैं उनके घर तक जा पहुँचा था। ये फोटोग्राफ़ भी मैंने तब ही लिया था।
    इसी फोटोग्राफ़ को छुपाने के लिए तो 'अदा' जी ने साथ वाले गैरेज के नोट मुझे दे दिए थे!
    आपने तो सब गड़बड़ कर दी 🙂

  5. मुंह में पानी तो मेरे भी आ रहा है लेकिन ये नोट तो नकली लग रहे हैं। क्युं भाई साहब पहली एप्रिल तो अभी दूर है

  6. साहब जी, नमस्ते..ताऊ पहेली में ३ महिने तक चौकीदारी का अनुभव है..पता कर लिजियेगा…तो कल से नौकरी पक्की समझूँ??

  7. तुम भी यार विवेक बैक की तिज़ोरी को झाडू लगाने अन्दर भेजा और मोवाइल से फोटो खीच लाये. अगे से मोबाल बाहर रख के जाया करो. हा नही तो…. (अदा जी से साभार)

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