आज सुबह उठने के बाद मोबाईल में झांका तो पाया एक एस.एम.एस. हमारा इंतजार कर रहा है, जो कि सही मायने में “पत्नि कौन है”, “पति कौन है” एक वाक्य में अभिव्यक्ति है।
हमने भी मनन किया, कब ? (आज सुबह घूमते समय आज कान में कानकव्वा न लगाकर सोचने के लिये समय दिया और इसलिये कानकव्वे द्वारा सुनने वाला लेक्चर भी आज मिस हो गया )और पाया कि वाकई बात तो सही है।
“पत्नि कौन है” – पत्नि वो है जो पति को टोक टोक कर उसकी सारी आदतें बदल दे और फ़िर कहे “तुम पहले जैसे नहीं रहे।”
“पति कौन है” – पति वो है जो पत्नि को टोक टोक कर उसकी आदतें बदलना चाहता है और फ़िर कहे “तुम कभी बदल नहीं सकतीं।”
क्या यह एक वाक्य की अभिव्यक्ति सही है, आप भी अपने विचार बैखोफ़ होकर लिखें, अपनी पत्नि या पति से !!!
हा हा हा ! दोनों सही हैं।
वाह जी वाह , किस को क्या कहे
जो पतियाए एक दुसरे को
पति और पत्नी है वो
दोनो की मति रहे हमेशा श्री
ना हो कभी तगड़ी नोक-झोंक
बहुत बढिया विवेक भाई
बहुत बढिया !!
बहुत बढिया !!
shandar
shekhar kumawat
http://kavyawani.blogspot.com/
तुम कभी बदल नहीं सकतीं।"/सकते -यह वाक्य मुझे पत्नी के अलावा दीगर महिला दोस्तों से सुनना पड़ता है -आखिर क्यूं ?
बिल्कुल सही!!
@ अरविन्द मिश्र जी, किसी ज्योतिषी को अपनी जन्मपत्री क्यूं नहीं दिखा लेते…क्या मालूम आपकी ग्रहदशा ही कुछ ऎसी हो 🙂
वाह
दोनों ही बातें एकदम सटीक हैं ….ओह मा स्साब ने यहां भी पूरा स्कूल खोल दिया है …..लगता है सबको पूरी प्रायमरी पढा के ही मानेंगे
अजय कुमार झा
क्या कहे….
दोनो ही सच्चे है जी मेरी तरह
ha ha ha …
mere khayal se donon hi apni jagah sahi hain..
interesting…