हमारे प्रिय मित्र ने एक एस.एम.एस. भेजा था जिसमें उज्जैन की वो लगभग सारी चीजें हैं जिससे हरेक उज्जैनवासी का लगाव हो न हो पर हमारे मित्र मंडल का लगाव बहुत है आप भी पढ़िये उज्जैन की प्रसिद्ध चीजों के बारे में, और यकीन मानिये अगर आप उज्जैन में रहते हैं और नीचे लिखी एक भी चीज को नहीं जानते हैं तो निकल पड़ें, और ढूँढें, और सूचि को पूरा करें –
हमारे मित्र “बल्लू” का एस.एम.एस. “बल्लू” हम मित्र को प्यार से बोलते हैं ।
वो महाकालेश्वर का मंदिर
वो टेकड़ी की चढ़ाई
वो भोलागुरु के गुलाबजामुन
वो टॉप एन टाऊन की आईसक्रीम
वो क्षीरसागर स्टेडियम के मैच
वो विक्रमवाटिका की हरियाली
वो जैन की कचौरी
वो पेटिस लक्ष्मी बेकरी वाला
वो नरेन्द्र टाकीज की मूवीज
वो श्री की फ़ेक्टरी
वो शहनाई की शादियाँ
वो गंगा बेकरी के पेस्ट्री
वो बस स्टैंड का पोहा
वो मद्रासी का डोसा
वो आनंद की चाट
वो ओम विलास का समोसा
वो इस्कॉन की रौनक
वो सर्राफ़े की गलियाँ
वो ऐरोड्रम का सन्नाटा
वो राजकुमार की दाल
वो मामा की दुकान का पान
वो “बल्लू” की दोस्ती
यही सब तो है हमारे उज्जैन की शान
बहुत खूब, लाजबाब !
bahut khub..
विवेक रस्तोगी नहीं दिखे लिस्ट ऑफ उज्जैनी शान में..अधूरी लिस्ट है जबकि हमें जैन की कचौरी याद आई.
उज्जैन के दर्शन करा दिये ।
वो कालीदास समारोह
वो टेपा सम्मेलन
वो डॉ सुमन की यादें
वो ओम व्यास ओम की बातें
वो गोपाल मंदिर की भांग
और और और न जाने क्या क्या
बचपन की काफी यादें भरी हैं उज्जैन के साथ । बचपन के कुछ साल वहां बिताये थे । लेकिन अभी तक लगता है कि वहीं हूं ।
@पंकज सुबीर जी – वाकई बहुत कुछ छूट गया है जितना याद कर लें उतना कम है, हमने तो अपने जीवन के स्वर्णिम दिन बिताये हैं, और वापिस जाने के लिये हमेशा लालायित रहता हूँ, मन से तो मैं अभी भी वहीं हूँ केवल तन से मुंबई में हूँ।
गलत बात, इसमें तो सुरेश चिपलूनकर नहीं हैं.
हा हा हा.
चलिए महाकालेश्वर के दर्शन करवाने का धन्यवाद.
वो घसीटू मोची… भी नही है जी इस मै
बाकी लिस्ट बहुत सुंदर
🙂 उज्जैन दर्शन हो गये.. बल्लू भाई से मुलाकात भी हो गयी..
लगता है बल्लू दोस्त खाते पीते घर का है।
अब दोस्त का असर तो पड़ेगा न विवेक भई। 🙂
जय हो!