आज सुबह दिन की शुरुआत कोई खास नहीं थी पर फ़िर भी कुछ लम्हें लिखना चाहूँगा, सुबह ऑफ़िस के लिये घर से निकले तो बहुत तेज बारिश शुरु हो गई, और हम ऑटो लेकर निकल पड़े ऑफ़िस की ओर। रास्ते में याद आ गई पुरानी कुछ बातें जो कि एक साथी के साथ हमने की थीं। समाज मॆं दो चीजों के बारे में खुलकर बात नहीं की जाती है, एक है पैसा और दूसरा है काम (Sex), हम थोड़ी बहुत कोशिश कर रहे हैं कि पैसे के बारे में खुलकर बातें हों जैसे कि और विषयों पर होती है, एक बार हमने अपने एक साथी के साथ “काम” के ऊपर भी खुलकर बात करने की कोशिश की।
हमने सीधे पूछा कि “तुम्हारी कोई गर्लफ़्रेंड है”,
मित्र बोला “नहीं आजकल तो कोई नहीं है, पर पहले ९ रह चुकी हैं।”
मैंने पूछा “तुमने पहली बार कितनी उम्र में लड़की का चुंबन लिया था”
तो वह शरमा गया और बोला “बोस कोई लफ़ड़ा है तुम मेरी पोलपट्टी लेकर मेरे से कोई काम करवाने वाले हो”
मैंने कहा “नहीं भई मैं तो बस ऐसे ही पूछ रहा हूँ।”
तो बोला “मैं जब ९ वीं क्लास में पढ़ता था तब पहली बार एक लड़की का चुँबन लिया था”
मैंने फ़िर से धैर्य के साथ पूछा “क्या साथ मॆं पढ़ती थी ?”
मित्र बोला “नहीं, दो साल छोटी थी, और घर पर आना जाना था, सामने की बिल्डिंग में रहती थी”
मैंने पूछा “चुंबन कहाँ लिया था, स्कूल में या घर में या कहीं और ?”
अब तो वो और सशंकित हो गया, फ़िर बोला “बोस जरुर कोई लफ़ड़ा है !!”
मैंने कहा “अरे मैं तो बस ऐसे ही पूछ रहा हूँ, कि मैं अपनी जिंदगी में कितना पीछे रहा हूँ और हमारी आज की पीढ़ी क्या कर रही है ?”
तब बोला “घर में चुंबन लिया था”
और फ़िर आज की युवा पीढ़ी के लिये बोलता है कि “अपने भतीजे के साथ बाजार गये थे, तो बाजार में भतीजे की सहपाठिन मिल गई, उसने हाय हैलो किया और मम्मी से बोला कि “मम्मी ये मेरे दोस्त की गर्लफ़्रेंड है”, और उनका भतीजा दूसरी कक्षा में पड़ता है।
फ़िर बोला “हमने तो ९ वीं में चुंबन लिया था, पार आज कल की पीढ़ी में यह ५-६ कक्षा में ही हो जाता है”
हमें आश्चर्य होने लगा कि हम शायद अब बहुत ही बूढ़े हो गये हैं, इसलिये हमने शादी के पहले चुंबन नहीं लिया यार फ़िर हम किसी और ही सभ्यता में रहते थे।
अब आप बताईये आपने पहली बार चुंबन कब लिया था 🙂
BOss अपने दोस्त से तो पूछ लिया लेकिन खुद नहीं बताया और हमसे पूछ रहे हैं ,, जाओ हम भी नही बताते….!!!
@ शरद जी – हमने बताया है कि हमने शादी के पहले चुंबन नहीं लिया था, आप अपनी बताये बिना निकल लिये 🙂
शर्मिले व्यक्तित्व वाले है विवेवकजी, आपकी यह अदा भी दिल को भा गई
पर्दे में रहने दो पर्दा न उठाओ……।:)
अरे हम तो बाबा आदम के जमाने के हो गये जी…. सच माने हमने आज तक कभी चुंबन नही लिया( बस चुम्मी ले कर गुजारा करते है)
सही चल रहे हैं। दोनो महत्वपूर्ण किन्तु प्रतिबन्धित विषयों पर बातचीत कर रहे हैं। बेहतर होता कि एक पोल ही कर लेते। पोल में बिन पोल खुले उत्तर दिया जा सकता था। वैसे अब जबकि राज जी राज खोल चुके हैं तो बहुत से लोग उनसे सहमत होकर भी काम चला लेंगे।
घुघूती बासूती
कौन बतायेगा यार…मरना है क्या!! आपका तो एक कमेंट गिना जायेगा और यहाँ लाते गिनते गिनती भुला जायेगी.
नो कमेंट आन दिस मैटर
घर में ही रहना है
चुम्बन ही क्यूं आज तक लल्लू ही रह गए 🙂 वह भी पूछिए तो हम जैसे बताने वाले तो हैं ही ! .
अब बहुत ही बूढ़े हो गये हैं, इसलिये हमने शादी के पहले चुंबन नहीं लिया —
क्या आपको पता था कि आप बूढ़े हो जायेंगे ?
जब आपको पता था कि आप बूढ़े हो जायेंगे , तो आपने क्यों नहीं लिया ?
अब नेताओं की तरह ये मत कहना कि राष्ट्र हित में नहीं लिया ।
दिल पर मत लो यार , एक कवि की नक़ल कर रहा हूँ । 🙂
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कौन बतायेगा यार…मरना है क्या!! आपका तो एक कमेंट गिना जायेगा और यहाँ लाते गिनते गिनती भुला जायेगी!
माफ करिये प्लीज!
…
काहे आग फैला रहे हैं । सबकी ही कोई न कोई कहानी होगी ।
सर जी ऐसे प्रश्न पूछ कर क्यों पेट पर लात मारना चाहते हो? अच्छी खासी ब्लॉग्गिंग कर रहे हैं, अगर श्रीमतीजी ने पढ़ लिया तो समझो ब्लॉग जगत से नाता ही छूट जाएगा…. और ब्लॉग जगत ही क्या बल्कि……………………….. 😉
यहां तो कुछ बोलना और कुछ न बोलना दोनों एक ही बात है…
यह सवाल ही ऐसा है मानो अब भी भाभीजी जोर से मारती हैं क्या…
हां और ना दोनों में जवाब एक ही आएगा…
इसलिए नो कमेंट्स भी नहीं बोल सकते….
2000 करोड़ की संपत्ति की मालकिन, एक नव-यौवना को तलाश है मिस्टर राइट की!
क्या अब आपका नंबर है? 😉
ये भी कोई पूछने की बात है
छोटे बच्चों को तो हर कोई चूमता रहता है
हद है.. एक जन भी बताने को तैयार नहीं… शुरुआत मैं करता हूं.. मैं था करीब २५ साल का..
आज के स्तर से बहुत आगे..:)
हैं तो अपन भी आज के जमाने के ही।
लेकिन इस मामले में लल्लू-पंजू ही हैं।
@जब आपको पता था कि आप बूढ़े हो जायेंगे , तो आपने क्यों नहीं लिया ?
अब नेताओं की तरह ये मत कहना कि राष्ट्र हित में नहीं लिया ।
अजी साहब हमने तो शादी से पहले परिवार हित में नहीं लिया>>>>>>
चाचा ग़ालिब की बदौलत
क्या बात है कि उसके आरिज़ [ kapol] नीले पड़ गए
हमने तो बोसा [chumban]लिया था ख्वाब में तस्वीर का
हाय हाय ..आप लोग तो एडल्ट हो गए । राम राम …मैंने तो ये पोस्ट देखी ही नहीं , । सब विवेक भाई की चाल है ….चाहते हैं कि लोग पढ के फ़ंस जाएं और टीपते ही घर में जो होगा ..उसके बाद किसी न किसी को बीमे की पौलिसी की रकम मिल ही जाएगी ..जिसकी ली चुम्मी ..या जो है ..मुन्ने की अम्मी …….। तभी मैं बिना पढे ही जा रहा हूं …। विवेक भाई को चुपचाप फ़ोन पर बताऊंगा …
bhaai hamne to shaadee ke baad hee jaana ki pappi (chumban) bhee koi lene dene kee cheej hai
vaise ek letaa hai doosraa detaa hai tab bhee dono ko bahut kuchh miltaa hai
ye business badhiyaa hai
kabhee is par aise bhee likho
@ शहरोज़
और चाचा ग़ालिब
अमाँ कितना ठंडा चुम्बन था जो गाल लाल होने के बजाय नीले पड़ गए? मौत का चुंबन था क्या ? ग़ालिब भी कभी कभी गड़बड़ा जाते थे क्या ?
🙂
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