काश.. कि मेरे बुलाने पर … मेरी कविता … विवेक रस्तोगी October 5, 2010कविता, मेरी लिखी रचनाएँमेरी कविता, मेरी जिंदगी, मेरी पसंदVivek Rastogi Share this... Facebook Pinterest Twitter Linkedin Whatsapp काश.. कि मेरे बुलाने पर तुम आते केवल मुझसे मिलने आते मेरे लिये मेरे पास आते ओर मैं और तुम कहीं बैठकर गहराईयों से बातें करते काश !
काश ऐसा हुआ होता …मन के भावों को अच्छे से उकेरा है
बढ़िया कविता
बहुत सुंदर और उत्तम भाव लिए हुए…. खूबसूरत रचना……
वाह, मेरे लिये भी यह प्रार्थना कर लें।
काश …
ईश्वर आपकी प्रार्थना सुन ले ..!