जी हाँ यह सच है, कल के मुंबई मिरर में “Fiesty wife exposes bribe – taking hubby” इस घटना का ब्यौरा दिया गया है। पूरी खबर लिंक पर क्लिक करके पढ़ सकते हैं।
वाकई अगर पत्नी पति की रिश्वतखोरी को रोके, भारत देश से भ्रष्टाचार खत्म करने का यह सबसे आसान तरीका लगता है। इस मुद्दे पर नारीवादी संगठनों को आगे आना चाहिये और नारियों को जागरुक करना चाहिये।
जिस घटना को पढ़कर यह मैं लिख रहा हूँ उस घटना में पत्नी रिश्वत के पैसे से घर नहीं चलाना चाहती थी, और उसने पति को समझाया कि सीमित वेतन में अच्छे से जी सकते हैं, तो यह गलत काम क्यों करना। पत्नी ने पति को समझाया कि उसके पापा भी सरकारी नौकरी में थे और कभी भी रिश्वत के लालच में नहीं आये। पर पति की समझ में न आया, और उसकी रिश्वत की भूख बड़ती ही जा रही थी, एक दिन पति दो लाख रुपये लेकर आया तो पत्नी ने हंगामा कर दिया कि वह इस रिश्वत की रकम को घर में नहीं रहने देगी, और पति के न मानने पर रिश्वत एवं भ्रष्टाचार संबंधी कागज लेकर पुलिस को दे दिये।
प्रश्न अब यह है कि क्या पत्नी ने ठीक किया ? भ्रष्टाचारी पति का भंडाफ़ोड़ करके या उसे यह सब चुपचाप सहन कर लेना चाहिये था और भ्रष्ट धन से भौतिक सुख सुविधाओं का मजा लूटना चाहिये था ?
यदि नैतिकता के चलते पत्नी ने यह काम किया है तो सराहनीय है |
पर ऐसी घटनाओं में नैतिकता कम पति-पत्नी के झगड़ों के चलते एक दुसरे से बदला लेने के लिए ऐसे हथकंडे अपनाए जाते है |
पत्नी ने एकदम सही और एक इन्सान के नाते उसे जो करना चाहिए वही किया ..लेकिन आज के ज्यादातर भ्रष्ट और पैसे के लालच में अपने आप को बेच देने वाले मनोचिकित्सक इसे पागलपन का दौरा कहेंगे | यही नहीं आज ज्यादातर लोग ऐसे पुरुष और महिला को जो कुछ अच्छा और ईमानदारी भरा काम करता है या करना चाहता है उसे बहुत कम लोग सम्मान दे पातें है क्योकि इस दुनिया में ज्यादातर लोग मानसिक रूप से दिमागी दिवालियापन की हद को भी पार कर चुके हैं और वह भूल चुके हैं की वे इंसान भी हैं …? इस महिला को मेरा हार्दिक नमन …काश इस महिला से हमारे देश के प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति कुछ सीख ले पाते…
ठीक किया जी, ठीक किया
यह हम कहते हैं
और पति कहता है
पत्नी वेबकूफ है।
बीस दस बीस दस : यह तो लय है जी, लय की जय है जी : पहेली बूझें
भौं भौं खों खों का गेम शुरू
विश्वास नहीं पड़ता -इस युग में ऐसी सदाचारियाँ बेचारियाँ भी हैं मैं अभिनन्दन करता हूँ !
@ रतन सिंह जी – झगड़े होने पार ही हम एक दूसरे की पूँछ दबाते हैं, और अगर यह भ्रष्टाचार और रिश्वत है तो अच्छा ही है।
@ होनेस्टी प्रोजेक्ट डेमोक्रेसी – मनोचिकित्सक क्या हमारा समाज ही ऐसी महिला को पागल करार दे देगा कि खुद ही अपना घर बर्बाद कर दिया, परंतु क्या यह आज की जरुरत नहीं ?
@ अविनाश जी – हम तो हमेशा कहेंगे कि ठीक किया, और यह भी सही है कि पति कहेगा कि पत्नी ही बेबकूफ़ है तो कोई क्या करे, भगवान करे हर रिश्वतखोर के घर में ऐसी बेबकूफ़ पत्नी हो।
@ अरविन्द मिश्र जी – वाकई विश्वास नहीं होता पर ऐसी पावन आत्माएँ अभी भी हैं।
सहसा विश्वास नहीं होता। पहले मैंने सोचा कि किसी सौतिया डाह या मनचाही वस्तु न पाने की हताशा से उठाया गया कदम होगा, पोस्ट पढ़ी तो वास्तविकता पता चली
लिंग-भेद से ऊपर ऐसे साहसी नागरिक को सलाम। अच्छा लगता है ऐसे लोगों को अपने बीच पा कर
देवी को प्रणाम, एक किरण दिखी है मुझे। कृपया परिचय पूर्ण करायें और ब्लॉग के माध्यम से प्रचारित करें।
ये कम ही दिखने को मिलता है भैया…क्या कहें…
इससे पहले पटना में मेरा एक मित्र है, उसके घर में देखा की कैसे उसके पिता जी, रिश्वत लेने से इनकार करते थे, जहाँ ऑफिस में सभी लोग रिश्वत लेते…वो नहीं लेते थे…आर्थिक स्थिति बहुत खराब भी थी उसकी…फिर भी कभी रिश्वत नहीं लिया अंकल ने..
अच्छा लगा पोस्ट…ऐसा सही में कम देखने को मिलता है…उस औरत ने ठीक ही किया शायद.
काम तो पत्नी जी ने सही किया है पर मुझे नहीं लगता है की लोग बेवकूफी के अलावा और कोई तमगा देंगे | ऐसे दो चार केस और हो जायेंगे तो लोग पत्नी को उपरी कमाई के बारे में बताना ही बंद कर देंगे पर रिश्वत लेना नहीं बंद करेंगे |
काश! अगर ऐसा हो जाये तो देश से भ्रष्टाचार हमेशा के लिये खत्म हो जाये मगर सभी पत्नियाँ इतनी बहादुर नही होती न ही उनका मन इतना पवित्र होता है ……………उनके लिये भी आज पैसा ही भगवान बना हुआ है।
स्त्रीशक्ति का बेहतरीन उदाहरण
उस औरत ने बडी हिम्मत दिखाई है जी
जितना आसान दिखता है उतना है नहीं
प्रणाम
पत्नी का कार्य प्रशंसनीय है एवं अनुकरणीय भी.
अगर यह पति से जान छूडाने का मामला नही तो , हम सब को नाज होना चाहिये इस नारी पर, काश भारत की सारी नारिया ऎसी ही हो….
मुझे भी आश्चर्य हुआ था
कोई अन्य बात ही होगी… पत्नी हसद की मारी होगी, पति का अन्य कहीं चक्कर होगा.. वगैरा वगैरा…
रानी विशाल जी की टिप्पणी गूगल बज्ज पर –
Rani Vishal – अर्धांगिनी अर्थात धर्म पत्नी जो सदैव धर्म में पति का सहियोग करे …..अधर्म के रास्ते पर गए पति को इमानदारी और सच्चाई की राह दिखाए यह भी पत्नी धर्म ही है. वास्तविकता तो यही है की कई जगहों पर पत्नी की भी अत्यधिक महत्वाकांक्षाएं और विलासिता की लालसा पति को रिश्वतखौरी की राह पर जाने में सहियोग करती है …..ऐसे में यह एक बहुत ही प्रशंसनीय उदहारण है . पत्नी ने जो किया वो मानवता के नाते एकदम सही है अब चाहे उसका पति इसे बेवफाई कहे …..अगर सच्चे ह्रदय से समझना चाहेगा तो समझ ही जाएगा सही क्या है ….