कुछ करना चाहता हूँ केवल अपने लिये … मेरी कविता .. विवेक रस्तोगी October 30, 2010कविता, मेरी लिखी रचनाएँमेरी कविता, मेरी जिंदगी, मेरी पसंदVivek Rastogi Share this... Facebook Pinterest Twitter Linkedin Whatsappमुक्ति चाहता हूँ इन सांसारिक बंधनों से इन बेड़ियों को तोड़ना चाहता हूँ रोज की घुटन से निकलना चाहता हूँ अब.. जीना चाहता हूँ केवल अपने लिये कुछ करना चाहता हूँ केवल अपने लिये …
बहुत अच्छा !
वही मनुष्य है जो मनुष्य के लिए जिए !
यह उद्वेलन होते रहने देना चाहिये सतत, जीवन में।
हम जो भी करते हे वो हम अपने लिये ही तो करते हे, सुंदर कविता धन्यवाद