आज से मेरे बेटे हर्ष ने ब्लॉगिंग शुरु की है, हर्ष के ब्लॉग पर आप यहाँ चटका लगाकर जा सकते हैं। वैसे तो तकनीकी रुप से अभी मैं ही उसकी सहायता कर रहा हूँ, पर पोस्ट में जो भी लिखा है, वह उसने अपने आप लिखा है और अपनी मनमर्जी से लिखा है, मैंने उसकी फ़ार्मेटिंग करने में मदद की है।
अब उसे धीरे धीरे तकनीकी चीजें भी सिखा दूँगा, जैसे कि ब्लॉग पर लॉगिन कैसे करें फ़िर नयी पोस्ट कैसे लिखें या पुरानी पोस्ट कैसे एडिट करें इत्यादि। मेरा बेटा अभी केवल ६ वर्ष का ४ नवंबर को होगा, परंतु ब्लॉगिंग शुरु करवाने के पीछे मेरा उद्देश्य छिपा है, उसकी लेखन क्षमता को उभारने के लिये, जो गप्पें या बातें वह सोचता है करता है वह खुद ही लिखे, जिससे उसे पता चले कि क्या सही है क्या गलत है, ब्लॉगिंग से उसकी सृजन क्षमता में भी विस्तार होगा और वह अपनी उम्र के बच्चों में थोड़ा अलग भी होगा।
आज जब हर्ष ने अपनी पहली पोस्ट लिखी तो उसके बाद उसकी खुशी देखते ही बनती थी, बार बार मुझे बोल रहा था “थैंक्यू डैडी, ब्लॉग के लिये, आज मैंने अपनी पहली पोस्ट लिखी है, मैंने अपना परिचय खुद लिखा, वाऊ डैडी”।
पहली पोस्ट लिखने के बाद वह अपने कार्टून, गेम्स, फ़िल्मों ….. और भी बहुत कुछ के बारे में लिखने को लालायित है, मैंने समझाया कि रोज एक टॉपिक पर कुछ लाईन लिखो और पोस्ट करो, कभी अपने होमवर्क के बारे में भी बताओ अपनी एक्टिविटीस के बारे में भी बताओ, अपने प्रोजेक्ट के बारे में बताओ, आपने क्या पढ़ा वह भी बताओ। जो भी सबको बताने की इच्छा हो वह बताओ।
ब्लॉग लेखन से हर्ष के अंदर आत्मविश्वास आयेगा, कम्यूनिकेशन अच्छे से कर पायेगा और लिखने के लिये बहुत कुछ ठीक से करेगा।
अब मैं धीरे धीरे हर्ष को ब्लॉग के बारे में तकनीकी जानकारी भी देना शुरु करूँगा, जिससे वह स्वतंत्र रुप से लेखन कर पाये, हाँ उसका मेल बॉक्स और ब्लॉग मेरी कड़ी निगरानी में रहेगा।
३ जी तकनीकी पर मेरी लिखी हुई पोस्टों पर भी वोट दें
(Use of 3G Technology inLove..)]
http://www.indiblogger.in/ indipost.php?post=37472 [पति की मुसीबत ३ जी तकनीक से(Problems of Husband by 3 G Technology)]
हम चले बेटे के ब्लांग पर आप को टिपण्णी दे ना दे लेकिन बेटे की टिपण्णी पक्की जी
बढिया है जी, शुभकामनायें..
यह आपने अच्छा किया …अध्ययन के साथ साथ अन्य समझ आना आवश्यक है! निश्चय ही इससे बच्चे का आत्मविश्वास बढेगा ! शुभकामनायें आपको !
बहुत अच्छा, बच्चों को भी स्वयं को व्यक्त करना सीखना होगा।
बेटे की ख़ुशी मैं आप की ख़ुशी देख के दिल खुश हुआ.चलो भाई हर्ष के ब्लॉग की तरफ आप सबको दिवाली की शुभ कामनाएं आज आवश्यकता है यह विचार करने की के हम हैं कौन?
Good
@ राज जी, भारतीय नागरिक – धन्यवाद
@ सतीश जी – आत्मविश्वास से लबरेज हों, और अपनी भावनाएँ व्यक्त कर पायें इसीलिये यह प्रयास किया है। धन्यवाद।
@ प्रवीण जी – बिल्कुल अगर बच्चे स्वयं को व्यक्त करना सीख गये तो फ़िर उन्हें प्रगति के रास्ते पर बड़ने से कोई नहीं रोक सकता।
@ मासूम जी, Pablaji – धन्यवाद
आपके सपुत्र हर्ष के ब्लोग पर जाकर, प्रोत्साहक बनने का श्रेय अवश्य लेंगे। पर आपको बधाई!!
Bahut achhi baat hai..
Hamari haardik shubhkamnayne saath hain…
विवेक जी,
बहुत ही उम्दा कार्य किया है….बधाई
ब्लॉग जगत को हर्ष जैसे युवाओं की सख्त आवश्यकता है..उन्हें सफलता के लिए अग्रिम शुभकामनाएं…
नीरज
वाह बहुत अच्छी सोच सच में बच्चे यदि इस तरह ब्लॉग पर अपने मन से कुछ लिखे तो उनकी रचनात्मकता तो बढ़ेगी ही उनकी हिंदी भी काफी अच्छी हो जाएगी जो मुंबई में रहने वाले बच्चो के लिए एक बड़ी समस्या है | आईडिया तो अच्छा है मेरी बेटी अभी और बड़ी होगी तो मै भी आजमाउंगी |
नए ब्लॉग के लिए शुभकामनायें ।
अभी से लेखन में रूचि लेकर निश्चित ही होनहार लेखक बनेगा हर्ष ।
बढ़िया जी बधाई हो। बेटे के साथ साथ हमें भी ज्ञान देना तकनीक के बारे में