अनुभूतियाँ कैसी होती हैं
विचार कैसे आते हैं
कभी दिमाग से तो कभी दिल से
विचार जो कि दिमाग को स्पंदित करते हैं
बुद्धि को प्रफ़ुल्लित करते हैं
गहनता से
अंतरतम में ओढ़े रहता है।विचार जो कभी मनोनुकूल होते हैं
कभी प्रतिकूल होते हैं
कभी जीवन बनाते हैं
कभी जीवन ध्वस्त करते हैं
कभी महल बनाते हैं
कभी खण्डहर बनाते हैं
कभी शोक होता है
कभी उत्सव होता है
बस सब विचार होते हैं
..
विचारों का स्रोत अज्ञात है।
vicharon ka sundar vishleshan kiya hai aapne.. dhanyavaad
एक विचार ही तो हैं तो हरदम साथ निभाते हैं.
पहले दिमाग आया या विचार ?लो एक विचार यह भी ..संभालो भाई विवेक !
कैसे कैसे विचार क्यों आ जाते हैं.. इस पर भी कभी विचार करें.
देखिये इस विचार ने ही कविता करा दि …
अजी जो हम सारा दिन देखते हे, विचार भी उन्ही के अनुरुप आते हे, बहुत सुंदर धन्यवाद
विचार जो कभी मनोनुकूल होते हैं
कभी प्रतिकूल होते हैं
कभी जीवन बनाते हैं
कभी जीवन ध्वस्त करते हैं
कभी महल बनाते हैं…
बहुत खूबसूरत.
कविता बनते जाते, तरल और पारदर्शी विचार.