“हाय, कैसी है तू”
“मैं भी बढ़िया हूँ, और बता क्या चल रहा है”
“क्या पूना में पड़ी हुई है, आजा तू बैंगलोर शिफ़्ट हो जा”
“यहाँ पर भी अच्छा जॉब मिल जायेगा, वेदर बहुत अच्छा है”
“अरे यार क्या सिटी बस में घर जा रही है, कितनी खड़ खड़ की आवाजें आ रही हैं”
“मैं तो एसी वोल्वो बस में हूँ पहले घर के पास ही ऑफ़िस था अब दूर है, पहले १० मिनिट लगते थे, अब डेढ़ घंटा लगता है”
“अरे क्या कर रही है तू, ड्राईवर को क्यों डाँट रही है, बेचारा रो पड़ेगा, छोड़ दे उसको”
“अरे मुझे पूरा यकीन है कि ड्राईवर रो पड़ेगा, आगे से बेचारा तेरे को ड्रॉप करने कभी नहीं आयेगा”
“याद है जैसे वो वेटर को तूने रुलाया था, बेचारे के आँखों में आँसू भी आ गये थे”
“अरे यार मैं तेरी कुछ मदद कर सकता हूँ, यहाँ पास के फ़्लेट में एक मराठी लड़का रहता है, उससे तेरे लिये बात करता हूँ, और जो मेट्रीमोनी साईट के पैसे बच जायें उससे मुझे पार्टी दे देना”
“लड़का अच्छा है, तू तेरा पोर्ट्फ़ोलियो भेज दे”
“अरे नहीं बाबा तू भेज ना !, फ़िर उसका भी मँगा लेंगे”
“अरे हाँ बाबा रे वो पूना भी शिफ़्ट हो जायेगा, बात कर लेना और क्या”
“अरे पगली, पहले पूना शिफ़्ट करने को बोलकर शादी कर लेगा और बाद में नहीं होगा तो तू कर क्या लेगी”
“बाद में बैंगलोर में आना पड़ेगा, उससे अच्छा है कि अभी आजा”
“तू जिधर रहेगी, वहीं पास में मैं भी फ़्लेट ले लूँगा”
“तेरा पूरा ध्यान रखूँगा, डोन्टवरी”
“तुझे बोर नहीं होने दूँगा”
“हाँ यार पिछले साढ़े पाँच साल से बहुत ऐश में रहा हूँ, अब ऑफ़िस शिफ़्ट हो गया है तो ऐसी घटिया जगह रहने जा रहा हूँ, कि पूछ मत”
“बस ऑफ़िस के पास है, इतना ही नहीं तो इतने पुराने मकान में तो कभी रहने ना जाऊँ”
“अच्छा चल अब मेरा स्टॉप आ रहा है, कल बात होती है, और बेचारे ड्राईवर को डाँटना मत”
“बॉय टेक केयर”
आज के युवा!
तत्वपूर्ण वार्तालाप।
हा हा हा 🙂 😀
बहुत सुंदर…….
यह भी खूब रही … 😉
फुटकर से इकट्ठा होता, जिन्दगी का थोक.
दुसरो की चुगली नही करनी चाहिये:)
मजेदार वार्तालाप…
नीरज
बहुत गजब का वार्तालाप हुआ ये तो.
रामराम.
आप भी गजब कान लगाये रहे
आप भी गजब कान लगाये रहे
बढ़िया वार्ता है…………
🙂
मजेदार…आप ये सब बातें भी रिकॉर्ड कर के लिख देते हो…गुड 😉
ये तो उच्चस्तरीय वार्ता हो गयी जी। खूब!