स्त्रियों को समझने के लिये आखिरकार पुरुषों के लिये एक किताब आ ही गई.. (Finally a Book for all men to understand women) May 11, 2011अनुभवईमेल, बोल वचन, सत्य वचनVivek Rastogi Share this... Facebook Pinterest Twitter Linkedin Whatsapp
हा हा हा हा।
o …. teri
इतनी छोटी सी किताब….. बाप रे
🙂
यह शायद फर्स्ट वाल्यूम होगा….
वाह ! बड़ी शानदार किताब है। 🙂
हे राम! इस जनम में समझने से रहे! 🙂
एक बार रिस्क लेके पड़ भी ले.. लेकिन गारंटी वारंटी है कि नहीं?
कोई भी भ्रम छोटा नहीं होता और जैसा भी होता है, अन्त तक जस का तस बना रहता है।
रस्तोगी जी, अपन तो समझ गये स्त्रियों को।
यत्र नारी पूज्यन्ते, तत्र…