कल पटियाला हाऊस कोर्ट के सामने जो भी हुआ अन्ना के समर्थकों के साथ उससे प्रशासन और भारत सरकार का संदेश साफ़ है कि आम जनता और अन्ना के समर्थक पिटने को तैयार रहें, वे सीधे नहीं पीट सकते हैं तो कुछ गुंडे जिनको सरकार ने शह दी है या फ़िर उनके ही हैं, वे जनता को पीट सकते हैं, और इसका सीधा मतलब है कि भारत में अराजकता पैर पसार चुकी है।
अब जनता या तो पिटने को तैयार रहे या फ़िर प्रशासन और इन गुंडों के खिलाफ़ खुद ही लठ्ठ लेकर तैयार रहे। क्योंकि प्रशासन की जाँच का हश्र तो सभी जानते हैं, जाँच चलती रहेगी और इन गुंडों पर केस चलते रहेंगे।
नाम भी श्रीराम का लिया है, वे श्रीराम जो कि समाज के लिये आदर्श हैं, मर्यादा पुरूषोत्तम हैं, पिता के वचन के लिये वनवास स्वीकार लिया । धिक्कार है ऐसे लोगों पर जो श्रीराम के नाम पर सेना का निर्माण कर रहे हैं और श्रीराम के नाम का गलत उपयोग कर रहे हैं।
श्री राम क्या इन लोगो ने तो भगतसिंह के नाम को भी बदनाम किया है और ये मुद्दा तो सरकार के लिए मुंह मांगी मुराद है |
bam dhamako main marne se to theek hai….aur jo bam dhamaka kar ke logo ki jaan lete hai wah to ek sammaan ki jindagi jail mai kaat rahe hai…
sarkar un par bahut kharcha kar rahi hai..
jai baba banaras…
आज हम जिस स्तिथि में हैं वहां पर कुछ भी संभव है ….सुंदर प्रुस्तुति …बधाई
सब पर तरस आता है।
पता नहीं किसकी माया है यह सब….
is ka matlab to yeh hua ki aap bhi desh ko batana chahate he. mana marapiti aachi bat nahi,parantu Bhushan (ji ke layak nahi)ki bat sun kar to khoon kholaga hi.Ye to politics me aata laghta ha.
आज हम जिस स्तिथि में हैं वहां पर कुछ भी संभव है
हाँ आसार कुछ ऐसे ही हैं -अभी कुछ और लोग पिटेगें !
प्रशासन को मुस्तैद रहना चाहिये।
आपने एक सामयिक मुद्दे को तरजीह दिया है । आतंकवाद से निपटने के लिए हर दिन लच्छेदार भाषण एवं रणनीतियां बनाई जा रही हैं पर हम सबके समक्ष अराजकता भी अपना तांडव-नृत्य कर रही है । इन विषम परिस्थितियों में सरकार को कड़ा रूख अपनाना चाहिए । मेरे पोस्ट पर आपका स्वागत है । धन्यवाद ।
गॉंधी नं ठीक ही कहा था – हिंसा, सत्ता को मजबूत बनाती है।