यस बैंक ने बचत खाते की ब्याज दर ६% की, भारतीय रिजर्व बैंक ने बचत खातों में ब्याज दरों को नियंत्रण मुक्त किया और अगले ही दिन यस बैंक ने अखबार में २% ब्याज दर बढ़ाने का विज्ञापन भी दे दिया।
जबकि और किसी बैंक ने अभी बचत खाते पर ब्याज दर बढ़ाने का फ़ैसला नहीं लिया है, अगर जल्दी ही मुख्य बैंकों ने बचत खाते पर ब्याज दर बढ़ाने का फ़ैसला नहीं किया तो उनके पास से कारपोरेट सैलेरी के एकाऊँट तो जाने की संभावना ज्यादा है ही और उस सैलेरी एकाऊँट के कारण जो व्यापार बैंकों को मिलता है वह भी उनसे छिन जायेगा।
क्योंकि आमतौर पर सैलेरी एकाऊँट जहाँ होता है वहीं पर सब अपनी बचत जमा करते हैं, फ़िर भले ही वह एफ़.डी. हो या म्यूचयल फ़ंड और वहीं से ॠण भी लेते हैं, लोग किसी और बैंक जाना पसंद नहीं करते हैं। २% ब्याज दर का बढ़ना मतलब अभी जितना ब्याज मिल रहा है उससे आधा ब्याज ज्यादा मिलेगा।
अब इंतजार है और भी बैंकों के बचत खाते पर ब्याज दर बढ़ाने का, नहीं तो ग्राहक तो वहीं जायेगा जहाँ पर उसे ज्यादा फ़ायदा होगा।
ग्राहक को बेवकूफ समझते हैं बैंक।
अच्छी खबर है…
प्रवीण पाण्डेयजी सही कह रहे हैं…हद दर्जे के बेईमान भी हैं ये… खासकर प्राईवेट बैंकों में सबसे बड़ी हैसियत रखने वाले…
छोटी जगहों पर बैंकिंग सेवाओं का स्तर तो बेहद ही खराब है जहां केवल सरकारी बैंक ही हैं…
बिल्कुल सही कहा प्रवीण जी और भुवनेश जी –
तभी तो अब ग्राहक को अपनी समझदारी बताने का वक्त आ गया है, बैंको में लगभग ३०-३५% रुपया बचत खाते में पड़ा रहता है, जिस पर बैंकों की बैलेन्स शीट हरी हैं, अगर इसी पैसे पर अब ज्यादा ब्याज दर देनी पड़ेगी तो बैंकों की हवा निकल जायेगी और सबकी बैलेन्स शीट लाल हो जायेगी।
अपने बैन्क को टटोलता हूं! 🙂
वैसे पोर्टेबिलिटी ऑफ बैन्क अकाउण्ट हो जाये तो मजा आ जाये! बैन्क पसन्द न आये तो तम्बू उखाड़ कर दूसरे जगह चल दें! 🙂
आज प्रतियोगिता के समय में ग्राहकों के पास विकल्प की कमी नहीं .. बाजार में टिकने के लिए दरें वाजिब रखनी ही होगी।
पोर्टेबिलिटी ऑफ बैन्क अकाउण्ट… ग्रैंड आइडिया है ये