वैसे तो जिंदगी सीखने का नाम है और सीख कभी भी ली जा सकती है, उम्र का कोई बंधन नहीं होता । सीख किसी भी उम्र के व्यक्ति से ली जा सकती है जो कि जीवन में आगे बड़ते हुए हमेशा शिक्षा का काम करती है। कुछ सीखें जो इस वर्ष सीखीं –
अपने आप को हमेशा तैयार रखो, कभी भी बाजार जाना पड़ सकता है।
कभी भी अपनी तरफ़ से कोई भी बात किसी को भी ज्यादा न बताओ, जितना पूछा जाये केवल उतना ही बताओ।
किसी पर भी आँख मूँदकर भरोसा मत करो।
पहली बार में किसी भी व्यक्ति से मत खुलो, पता नहीं वह किस गुट का हो।
बुरा समय हो तो गधे को भी बाप बनाना पड़ता है।
किसी पर भी अपनापन मत लादो, सबको अपने हिसाब से जिंदगी जीने दो।
समय बलवान हो तो कोई भी पहलवान बन सकता है।
कभी किसी से भी ज्यादा की उम्मीद मत करो।
जब भी किसी से प्यार करो ये जरूर सोच लो कि बस अब वह जाने वाला है।
जिस चीज से भागोगे, वह तुमसे दूर नहीं होगी और तेजी से नजदीक आ जायेगी। इसलिये बेहतर है कि दो दो हाथ कर लिया जाये।
किसी भी ईमेल भेजने से पहले एक बार पढ़ लिया जाये।
जो भी हो, खरी खरी आमने सामने बात कर लेनी चाहिये।
सारी बातें जो सीखी हैं वे कहीं न कहीं लिखी हुई मिल ही जायेंगी, परंतु कभी ध्यान नहीं दिया, पर वो एक कहावत है ना कि “ठोकर खाकर ही ठाकुर बनते हैं”, तो इतनी बातों के लिये तो ठाकुर बन ही गये हैं। और भी बहुत सारी सीखें हैं पर उन्हें लिखने के लिये शब्द नहीं मिल रहे।
ऐसे ही एक पोस्ट बहुत पहले लिखी थी, यह भी देखिये –
जिंदगी जीने के ये ३० नियम पिछले साल कहीं से मिले थे पर अब भी कुछ ही नियमों को धारण कर पाये हैं, बचे हुए नियम इस वर्ष पूरे करने की तमन्ना है, देखिये..
नववर्ष की शुभकामनाएँ ।
इसीलिये कहता हूँ कि ट्रायल और इरर सबसे अच्छा "गुरु" होता है !
आपके अंदर के 'गुरुत्व' को सलाम !
शुभकामनाएं।
सीख तो सुन्दर है। 🙂
लेकिन सभी गलतियाँ आदमी खुद नहीं कर सकता इसलिए कभी कभी दूसरों की गलतियों से सीख लेना चाहिए.
आप के वचनों से हम भी लाभान्वित हो लेते हैं।
बहुत कुछ सीख रहे हैं आपसे भी 'ठाकुर' !
आपको भी नववर्ष की शुभकामना , सीख पठनीय ही नहीं अनुकरणीय है |
बहुत खूबसूरत प्रस्तुति……………आगत विगत का फ़ेर छोडें
नव वर्ष का स्वागत कर लें
फिर पुराने ढर्रे पर ज़िन्दगी चल ले
चलो कुछ देर भरम मे जी लें
सबको कुछ दुआयें दे दें
सबकी कुछ दुआयें ले लें
2011 को विदाई दे दें
2012 का स्वागत कर लें
कुछ पल तो वर्तमान मे जी लें
कुछ रस्म अदायगी हम भी कर लें
एक शाम 2012 के नाम कर दें
आओ नववर्ष का स्वागत कर लें
एक सीख और – गलतियों से सीखो और बेहतर होगा कि दूसरों की गलतियों से सीखो।
जीवन में नियम जरूरी है।
अनुशासन बेहतर जिन्दगी के लिए