श्रीमतीजी याने की बीबी को नई चप्पल लेनी थी सो बाटा की बड़ी दुकान घर के पास है वहीं जाना हुआ, अब एक बार बड़ी दुकान में घुस जायें तो सारी चीजें न देखें मजा नहीं आता, और खासकर इससे थोड़ी सामान्य ज्ञान में वृद्धि होती है, खरीदें या ना खरीदें वो एक अलग बात है।
चप्पल तो ले ली और हम भी अपने लिये देखने लग गये, वैसे हमेशा यही ऐतराज होता है आते हमारे लिये हैं और खरीददारी खुद के लिये होती है, खैर शिकायतें तो कोई न कोई रहती ही हैं।
जब हम अपने लिये एक सैंडल देख रहे थे तभी एक और व्यक्ति पास में से अपनी पत्नीजी को अंग्रेजी में बोलता हुआ गुजरा “तुम हमेशा मुझे वही चीज खरीदने पर मजबूर करती हो, जो मुझे नहीं खरीदनी है।”, हमारी जबान भी फ़िसल गई “अबे ढ़क्कन खरीदता क्यों है”, अब वो हमारे पीछे ही खड़ा था, और उसे हिन्दी भी समझ आती थी, उसके बाद वो हमें घूरने लगा। अनायास ही अपने एक बुजुर्ग मित्र बात समझ में आने लगी “जो व्यक्ति बीबी से डरता है, वही बाहर शेर बनकर दहाड़ता है, भले ही उसकी दहाड़ में दम हो या ना हो”।
और उधर ही एक विज्ञापन भी याद आ गया पुराना है मगर सबकी जबां पर था – “जो बीबी से करे प्यार वो प्रेस्टीज से कैसे करे इंकार”।
खैर फ़िर हमने उस दुकान में चमड़े के बैग देखे, पॉलिश और बेल्ट देखी, मगर एक निगाह अपने ऊपर घूमती हुई महसूस हुई, जो कुछ बोल नहीं पा रही थी। लगता है कि अपनी टिप्पणी केवल ब्लॉग के लिये है, जीवंत टिप्पणी किसी को अच्छी नहीं लगती है।
आज वैलंटाईन डे है, सबको प्यार भरी शुभकामनाएँ, यह वर्ष प्यार भरा रहे।
गूगल का वैलंटाईन डे पर डूडल देखिये –
हा हा, पर कभी कभी शीशी को ढक्कन से बन्द करना पड़ता है..
चलो अच्छा है ढक्कन ही कहा. वर्ना ढक्कन के नीचे तो मेनहोल होता है…☺
हा-हा ,,
ये गूगल का डूडल बहुत प्यारा है! (बिसाइड्स ढक्कन!)
dhakkan.. bole to thepi:DD
बहुत सारी जगहें हैं जहां ढक्कन का इस्तेमाल होना ही चाहिए….:))
हेप्पी वेलेनटाइन डे.
हा हा… विवेक भाई हम आपकी हालत अच्छे से समझ सकते हैं… 🙂
यह भी तो सम्भव है कि वह अपने लिए कुछ खरीदना नहीं चाहता और पत्नी लाड़ में उनके लिए कुछ न कुछ खरीदना चाहती है.
हमारे घर में तो यदि मैं न खरीदती तो पति के पास पहनने को कुछ न होताघुघूतीबासूती
बच गए गुरु … नहीं तो बहुत मार पड़ती … उस बन्दे से नहीं … भाभी जी से … काहे उलटी सुलटी हरकतें देते है जी … 😉
वैवाहिक वर्षगाँठ की हार्दिक बधाइयाँ और शुभकामनाएं !
कई महत्त्वपूर्ण 'तकनिकी जानकारियों' सहेजे आज के ब्लॉग बुलेटिन पर आपकी इस पोस्ट को भी लिंक किया गया है, आपसे अनुरोध है कि आप ब्लॉग बुलेटिन पर आए और ब्लॉग जगत पर हमारे प्रयास का विश्लेषण करें…
आज के दौर में जानकारी ही बचाव है – ब्लॉग बुलेटिन
🙂 प्यार भरी शुभकामनाएँ
तनिक विलंबित शुभकामनाएं!
मजेदार …शुभकामनायें
बात अधूरी छोड दी आपने। आगे क्या हुआ….बताया नहीं आपने।
बच गए विवेक जी 😀