कुछ दिनों पहले अपने एक सहकर्मी से बात हो रही थी, वे अपने लिये एक फ़्लैट ढूँढ़ रहे थे, अब वे किसी क्रेडिट कार्ड कंपनी और बैंक से बात कर रहे थे। उनसे पूछा कि क्या बात है – तो पता चला कि क्रेडिट रेटिंग के कारण गृह ऋण में बहुत परेशानी आ रही है।
हमारे सहकर्मी की तन्ख्वाह भी अच्छी खासी है, जिसे देखकर शायद ही कोई बैंक उन्हें ऋण देने से मना करे। परंतु उनकी क्रेडिट रेटिंग याने कि क्रेडिट स्कोर काफ़ी कम था, क्रेडिट रेटिंग सिबिल (CIBIL) द्वारा प्रदत्त की जाती है। सिबिल आपके सभी तरह के वित्तीय लेनदेन पर नजर रखता है, और लेनदेन के स्वभाव पर भी नजर रखता है और क्रेडिट रेटिंग के लिये उनका खुद का फ़ोर्मुला है, जिससे किसी भी व्यक्ति विशेश का क्रेडिट रेटिंग पता चल जाता है। आजकल किसी भी बैंक या वित्तीय संस्थान में ऋण लेने जायें तो सबसे पहले वह क्रेडिट रेटिंग देखते हैं।
हमारे सहकर्मी को बैंक ने बताया कि आपकी क्रेडिट रेटिंग बहुत कम है और बावजूद आपकी अच्छी तन्ख्वाह होने के, आपको ऋण देना बहुत मुश्किल है, आप क्रेडिट कार्ड कंपनी से बात करें और देखें तो शायद आपकी क्रेडिट रेटिंग थोड़ी अच्छी हो जाये और हमें ऋण देने में आसानी हो।
उन्होंने पहले ५-६ क्रेडिट कार्ड ले रखे थे, परंतु कभी बकाया नहीं रखते थे, और केवल शौक के लिये ५-६ क्रेडिट कार्ड ले रखे थे, क्योंकि इन कार्डों की कोई सालाना फ़ीस नहीं थी। फ़िर बाद में उन कार्डों की बराबर से मैनेज नहीं कर पाते थे, तो उन्होंने एक क्रेडिट कार्ड छोड़कर बाकी सभी क्रेडिट कार्ड सरेंडर कर दिये। इसी में से एक सिटीबैंक का एक क्रेडिट कार्ड भी था, और उन्होंने उसका भी पूरा बकाया भर दिया था परंतु फ़िर भी उनकी क्रेडिट रेटिंग रिपोर्ट में सैटलमेंट लिखा हुआ था, उस समय हमारे सहकर्मी ने पूछताछ नहीं की थी, कि सैटलमेंट क्यों लिखा है, और न ही उन्हें इसका मतलब पता था।
अब जब बैंक वालों ने ऋण देने में नाटक किये तो इन्हें पता चला कि सैटलमेंट मतलब कि जब आप आखिरी भुगतान कर रहे हैं, तो आपने क्रेडिट कार्ड कंपनी या ऋण प्रदाता के साथ आखिरी भुगतान में कुछ मोलभाव किया तो उसे सैटलमेंट कहा जाता है। और इस सैटलमेंट शब्द के कारण क्रेडिट रेटिंग पर बुरा असर पड़ता है।
जब आप अपना खाता बंद करवा रहे होते हैं तो कई बार कई क्रेडिट कार्ड कंपनियाँ और ऋण प्रदाता कंपनी बदमाशी करती हैं, और साधारण भुगतान को सैटलमेंट कहकर दर्शाती हैं, ध्यान रखें साधारण भुगतान सैटलमेंट नहीं कहलाता है, इसके लिये जरूरी हो तो कानून का भी सहारा लिया जा सकता है।
आज हमारे सहकर्मी को इतनी परेशानी आ रही है, केवल एक छोटे से क्रेडिट कार्ड के सैटलमेंट शब्द से, ध्यान रखें सावधानी रखें जब भी क्रेडिट कार्ड या ऋण खाता बंद करें।
अगर ध्यान नहीं दिया तो आपके क्रेडिट रेटिंग की हालत खराब होगी और बैंक गृह ऋण क्या कोई भी ऋण देने से मना कर सकती है।
बड़ी ही उपयोगी सलाह..यह सब भी होता रहता है..
सचमुच में उपयोगी सलाह। ऐसे क्षणों में लगता है, अपन पारम्परिक व्यवहार करनेवाले ही भले हैं।