मैं तुम्हारी आत्मीयता से गदगद हूँ
मैं तुम्हारे प्रेम से ओतप्रोत हूँ
इस प्यार के अंकुर को और पनपने दो
तुममें विलीन होने को मैं तत्पर हूँ।तुम्हारे प्रेम से मुझे जो शक्ति मिली है
तुम्हें पाने से मुझे जो भक्ति मिली है
इस संसार को मैं कैसे बताऊँ
तुम्हें पाने के लिये मैंने कितनी मन्नतें की हैं।
मैं तुम्हारे प्रेम से ओतप्रोत हूँ
इस प्यार के अंकुर को और पनपने दो
तुममें विलीन होने को मैं तत्पर हूँ।तुम्हारे प्रेम से मुझे जो शक्ति मिली है
तुम्हें पाने से मुझे जो भक्ति मिली है
इस संसार को मैं कैसे बताऊँ
तुम्हें पाने के लिये मैंने कितनी मन्नतें की हैं।
जीवन के पलों को तुमने बाँध रखा है
जीवन की हर घड़ी को तुमने थाम रखा है
तुम्हें अपने में कैसे दिखलाऊँ
कि ये सारी पंक्तियाँ केवल तुम्हारे लिये लिखी हैं।
प्रेम हुआ जीवन से इतना, जाना एक दिन, भूल गये हम,
बरस रही बूँदों जैसे, बह जाना एक दिन, भूल गये हैं।
बहुत अच्छे. मनोभावों को अच्छा व्यक्त किया है.
कौन पत्नी या प्रेमिका ? या उसका कोई नाम या नाता नही
जीवन के पलों को तुमने बाँध रखा है
जीवन की हर घड़ी को तुमने थाम रखा है
EMOTONAL LINES
कलकत्ता की दुर्गा पूजा – ब्लॉग बुलेटिन पूरी ब्लॉग बुलेटिन टीम की ओर से आप सब को दुर्गा पूजा की हार्दिक बधाइयाँ और शुभकामनायें ! आज की ब्लॉग बुलेटिन मे आपकी पोस्ट को भी शामिल किया गया है … सादर आभार !
Transcedenal!
Transcedenal!
Transcedenal!
Transcedenal!
बहुत सुन्दर…..
प्यारी सी रचना…
विजयादशमी की हार्दिक शुभकामनाएं एवं बधाई
सादर
अनु
लाजवाब!
वाह-वाह-वाह!
वाह!! क्या बात है!!
बेहतरीन !!!
बहुत सुन्दर प्यारी रचना..
मनभावन..
खुबसूरत..
🙂
वाह … बहुत ही अच्छी प्रस्तुति।